ऑनलाइन फूड सर्विस वेबसाइट जोमैटो के साथ एक बार फिर धर्म से जुड़ा एक मामला सामने आया है. एक ग्राहक ने जोमैटो के डिलिवरी बॉय से सिर्फ इसलिए खाना नहीं लिया क्योंकि वह मुस्लिम था. लेकिन अब जोमैटो की तरफ से इस व्यक्ति को करारा जवाब दिया गया है. पहले ये जवाब जोमैटो ने अपने ट्विटर अकाउंट से दिया और बाद में जोमैटो के फाउंडर दीपेंद्र गोयल ने भी दिया. जोमैटो ने लिखा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद एक धर्म है.
इसके अलावा दीपेंद्र गोयल ने ट्विटर पर लिखा कि हम भारत के विचारों और हमारे ग्राहकों-पार्टनरों की विविधता पर गर्व करते हैं. हमारे इन मूल्यों की वजह से अगर बिजनेस को किसी तरह का नुकसान होता है तो हमें इसके लिए दुख नहीं होगा.
Food doesn’t have a religion. It is a religion. https://t.co/H8P5FlAw6y
— Zomato India (@ZomatoIN) July 31, 2019
जोमैटो और उसके फाउंडर की तरफ से जिस तरह इस मामले में जवाब दिया गया है, उससे सोशल मीडिया पर लोगों ने दोनों की जमकर तारीफ की है. साथ ही पंडित अमित शुक्ल जिन्होंने ये मामला उठाया था और इस बारे में ट्वीट किया था उनको काफी खरी-खोटी सुनाई है.
We are proud of the idea of India – and the diversity of our esteemed customers and partners. We aren’t sorry to lose any business that comes in the way of our values. 🇮🇳 https://t.co/cgSIW2ow9B
— Deepinder Goyal (@deepigoyal) July 31, 2019
मंगलवार को अमित शुक्ल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस बारे में शिकायत की थी. अमित ने लिखा था कि मैंने अभी-अभी जोमैटो पर एक ऑर्डर कैंसिल किया है, क्योंकि उनकी तरफ से एक नॉन हिंदू डिलिवरी बॉय भेजा गया था. अमित शुक्ल की तरफ से कई स्क्रीनशॉट ट्विटर पर जारी किए गए और पूरे मामले को उठाया गया,.
हालांकि, ये मसला उनपर ही भारी पड़ गया. क्योंकि सोशल मीडिया पर उन्हें बुरी तरह से ट्रोल किया जाने लगा और समाज में नफरत फैलाने वाला बताया गया. कई लोगों ने ट्विटर से इस अकाउंट को ब्लॉक करने की अपील भी की.