कर्नाटकः सीएम येदियुरप्पा की पहली कैबिनेट बैठक में किसानों-बुनकरों के लिए बड़े एलान, बुनकरों का 100 करोड़ का कर्जा माफ

कर्नाटक के नए सीएम बीएस येदियुरप्पा ने दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इनमें पहला है ‘किसान सम्मान योजना’ के लाभार्थियों को दो किस्तों में चार हजार रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करना. दूसरा फैसला है, बुनकरों के करीब 100 करोड़ रुपये के कर्ज की माफी.

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बेंगलुरुः कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना’ के तहत सरकार लाभार्थियों को चार हजार रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करेगी. इस योजना के तहत छह हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बुनकरों के कर्ज माफ करने का भी ऐलान किया. यह रकम फिलहाल 100 करोड़ रुपये है.

 

  • कैबिनेट बैठक के बाद उन्होंने कहा कि दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इनमें पहला है ‘किसान सम्मान योजना’ के लाभार्थियों को दो किस्तों में चार हजार रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करना. दूसरा फैसला है, बुनकरों के करीब 100 करोड़ रुपये के कर्ज की माफी.
  • येदियुरप्पा ने कहा कि किसान पुत्र होने के नाते सूखे से जूझ रहे किसानों की मदद करना उनकी प्रतिबद्धता में शामिल है. पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई फसल कर्ज माफी योजना को लेकर येदियुरप्पा ने कहा कि वह समीक्षा के बाद इस पर फैसला लेंगे.
  • उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी कांग्रेस और जेडीएस के साथ बदले की भावना के साथ कोई कार्रवाई नहीं करेगी. उनके इस बयान को विपक्षी दलों (कांग्रेस-जेडीएस) के साथ सौहार्द्रपूर्ण रिश्तों की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है जो पहले बीजेपी पर अपनी सरकार को अस्थिर करने के लिए खरीद फरोख्त का आरोप लगा रहे थे.

 

  • उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक की जनता और विपक्षी दलों को आश्वस्त करता हूँ कि किसी भी परिस्थिति में प्रतिशोध की राजनीति को बढ़ावा नहीं दूंगा. येदियुरप्पा ने कहा कि भले ही कोई मुझमें दोष निकाले, मैं मानवीय व्यवहार करुंगा. मैं ‘भूल जाओ और माफ करो’ की नीति में विश्वास करता हूं. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में 14 माह से प्रशासनिक ठहराव की स्थिति थी और अगले तीन से चार माह में लोग बदलाव को खुद महसूस करेंगे.

 

  • कर्नाटक में लंबे वक्त तक चले सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. अब वो 29 जुलाई को विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे. शपथ ग्रहण करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि हम 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखेंगे. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में येदियुरप्पा के नेतृत्व में स्थिर सरकार बनने का विश्वास जताया.

 

  • कांग्रेस -जद (एस) गठबंधन सरकार के तीन दिन पहले विश्वास मत हारने के बाद येदियुरप्पा ने शुक्रवार को अकेले शपथ ली. राज्यपाल वजुभाई वाला ने शाम में राजभवन में हुए एक समारोह में 76 साल के येदियुरप्पा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. दक्षिण भारत में 2008 में पहली बार बीजेपी सरकार बनवाने का श्रेय येदियुरप्पा को जाता है. लिंगायत नेता ने शुक्रवार की सुबह अचानक सरकार गठन का दावा करने की पहल की. एक दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस- जद (एस) के तीन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया था.

 

अमित शाह ने ट्वीट कर बी एस येदियुरप्पा को दी बधाई

 

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शपथ लेने के बाद बी एस येदियुरप्पा को बधाई दी और विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में उनके नेतृत्व में स्थिर, किसान समर्थक और विकासोन्मुखी सरकार देगी. केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया, “कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बधाई. मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में बीजेपी राज्य में स्थिर, किसान समर्थक और विकासोन्मुखी सरकार देगी. मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वास्त करता हूं कि बीजेपी उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

 

सरकार गठन पर अचानक बदले घटनाक्रम में येदियुरप्पा ने शपथ ग्रहण करने से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह में उनसे फोन पर बात की और शुक्रवार को उन्हें शपथ लेने के लिए तैयार रहने को कहा. हफ्तों चले राजनीतिक ड्रामा और कानूनी लड़ाई के बाद उन्होंने शपथ ग्रहण किया. राज्य में कांग्रेस और जद (एस) के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद मंगलवार को गठबंधन की सरकार गिर गई थी.

 

मई 2018 में महज तीन दिन टिक पाई थी येदियुरप्पा की सरकार

 

मई 2018 में राज्य में येदियुरप्पा की सरकार महज तीन दिन टिक पाई थी, जब चुनावों में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया था. लेकिन कांग्रेस- जद (एस) के बीच गठबंधन होने के कारण वहां कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बनी और येदियुरप्पा को तीन दिनों के अंदर ही मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

 

दिल्ली में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने विपक्ष के दावे को खारिज कर दिया कि गठबंधन सरकार को गिराने में उनकी पार्टी ने दल- बदल करवाया. नड्डा ने कहा कि गठबंधन की सरकार अंदरूनी कलह की वजह से गिरी और पार्टी के लिए येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार थे.

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