भारत पर क्या रही है बाइडेन की सोच, परमाणु डील में निभाई थी अहम भूमिका
भारत समेत दुनिया की नजरें इस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं. जो बाइडेन लगातार बढ़त बनाए हुए हैं, ऐसे में भारत के साथ उनके संबंधों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
अमेरिका में डेमोक्रेट्स पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन अगले राष्ट्रपति बनते हुए दिख रहे हैं. इलेक्टोरल वोटों की जंग में जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ दिया है और बहुमत के करीब हैं. ऐसे में अब हर किसी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगर जो बाइडेन सत्ता में आते हैं तो अमेरिका-भारत के रिश्ते किस ओर करवट लेंगे. एक ओर जहां डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर हमेशा अस्थिर बनी रहती थी, तो वहीं जो बाइडेन लंबे वक्त से राजनीति में हैं ऐसे में उनके बयानों को ठोस समझा जाता है.
अगर भारत के साथ जो बाइडेन के रिश्तों की बात करें तो 2008 में भारत और अमेरिका के बीच जो ऐतिहासिक परमाणु डील हुई थी, उस वक्त जो बाइडेन ने अहम रोल निभाया था. साथ ही सीनेटर में इस डील के पक्ष में वोट भी डाला था.
दरअसल, अक्टूबर 2008 में जब भारत और अमेरिका न्यूक्लियर डील पर मंथन कर रहे थे तब इसके लिए अमेरिकी सीनेट में वोटिंग हुई थी. उस वक्त जो बाइडेन ने इस डील के पक्ष में वोट डाला था. अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव में इस डील के पक्ष में कुल 298 और विरोध में 117 वोट पड़े थे, जबकि सीनेट में पक्ष में 86 और विरोध में सिर्फ 13 वोट पड़ पाए थे.
इतना ही नहीं, डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार की रेस में चुनाव लड़े बर्नी सेंडर्स ने तब भारत के साथ डील के खिलाफ वोट डाला था.
तब किस रोल में थे जो बाइडेन?
सिर्फ पक्ष में वोटिंग ही नहीं बल्कि उस वक्त जो बाइडेन सीनेट की फॉरेन रिलेशन कमेटी के प्रमुख थे, जिसने इस डील में अहम भूमिका निभाई थी. जो बाइडेन ने इस डील के बारे में कहा था, ‘मेरी अगुवाई में भारत-अमेरिका ने ऐतिहासिक डील पर साइन किए थे, जिससे दोनों देशों के दोस्ती मजबूत हुई थी.’
इसके अलावा जो बाइडेन 1998 में भारत द्वारा किए गए परमाणु टेस्ट के समर्थन में भी बयान दे चुके हैं. तब उन्होंने कहा था कि भारत के रुख को लोगों ने गलत समझा, भारत ऐसा देश नहीं है जो परेशानी करेगा. वो लीबिया, नॉर्थ कोरिया या इराक नहीं है.
आपको बता दें कि इसके अलावा जो बाइडेन की ओर से कहा जा चुका है कि दुनिया की मौजूदा परिस्थतियों को देखते हुए भारत और अमेरिका की दोस्ती काफी अहम है. अगर भारत और अमेरिका दोस्त रहेंगे, तो दुनिया सुरक्षित रहेगी.
भारत और अमेरिका के रिश्तों में 2008 के परमाणु समझौते को काफी अहम माना जाता है. जहां दोनों देशों के बीच काफी तनाव भरे बिंदुओं को दूर कर ये समझौता किया गया था. भारत के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने को अमेरिका ने अपना कानून बदला था, जिससे दुनिया में बड़ा संदेश गया था.
जीत से 6 कदम दूर बाइडेन, ट्रंप ने अदालती लड़ाई के लिए कसी कमर
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के लिए पूरी दुनिया इंतजार कर रही है. मतदान रुके 24 घंटे से ज्यादा वक्त हो गया है लेकिन नतीजों की तस्वीर साफ नहीं हुई है. हालांकि, अब डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन बहुमत के करीब पहुंच गए हैं. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछड़ते हुए नज़र आ रहे हैं. लेकिन दोनों उम्मीदवारों में बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है.
अभी कहां पर चल रही है लड़ाई ?
पेंसिलवेनिया – 20 वोट, डोनाल्ड ट्रंप आगे
नॉर्थ कैरोलिना – 15 वोट, डोनाल्ड ट्रंप आगे
जॉर्जिया – 16 वोट, डोनाल्ड ट्रंप आगे
नेवादा – 6 वोट, जो बाइडेन आगे
अलास्का – 3 वोट, डोनाल्ड ट्रंप आगे
जो बाइडेन के नाम हुआ नया रिकॉर्ड
डेमोक्रेट्स उम्मीदवार जो बाइडेन ने अपने नाम एक नया रिकॉर्ड किया है. अमेरिकी चुनावी इतिहास में किसी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अब सबसे अधिक वोट मिलने का रिकॉर्ड जो बाइडेन के नाम हो गया है. अभी तक की गिनती तक जो बाइडेन 7 करोड़ वोट पा चुके हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप 6.8 करोड़ वोट के करीब हैं. इससे पहले ये रिकॉर्ड बराक ओबामा के नाम था, जिन्हें 6.94 करोड़ वोट मिले थे.
नतीजों को लेकर ह्यूमन राइट्स वॉच का बयान
अमेरिका में चुनावी जंग जारी है और अब संवैधानिक संकट पैदा होते हुए दिख रहा है. एक ओर डोनाल्ड ट्रंप ने नतीजे मानने से इनकार कर दिया है, तो अब कई संगठनों ने आवाज उठाई है. अमेरिकी संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने बयान दिया है कि नेता चुनाव के नतीजे तय नहीं करते हैं, ऐसे में जो भी नतीजे आ रहे हैं उन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए.