पुलिस की गोली से मरे 7000 से अधिक अश्वेत, अमेरिका के इन तीन प्रांतों में सबसे खराब स्थिति

'मैपिंग पुलिस वॉयलेंस' के मुताबिक साल में ऐसा एक भी महीना नहीं बीता, जिसमें पुलिस के हाथों किसी अश्वेत की मौत न हुई हो। औसतन अधिकतर 27 दिन ही ऐसे बीते, जब पुलिस ने किसी अश्वेत को नहीं मारा हो। दिसंबर, 2019 में तो एक ही दिन में 9 से ज्यादा अश्वेत नागरिकों की मौत हुई।

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अश्वेतों के साथ बर्ताव को लेकर अमेरिका एक बार फिर से उबल रहा है। मिनेसोटा में 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरे अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। यहां तक कि इसकी आंच व्हाइट हाउस तक भी पहुंच चुकी है। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब अमेरिका में अश्वेतों के साथ हो रहे बर्ताव पर लोग सड़कों पर उतरे हैं।

US George Floyd death protests police fires tear gas over ...

इतिहास काफी पुराना है। खासतौर से अश्वेतों के साथ पुलिस के बर्ताव को लेकर। पुलिस हिंसा का रिकॉर्ड रखने वाले संगठन ‘मैपिंग पुलिस वॉयलेंस’ के मुताबिक 2013 से 2019 के बीच ही अमेरिकी पुलिस कार्रवाई में 7666 अश्वेत लोग मारे गए। यह आंकड़ा चौंकाता है। अमेरिका में अश्वेतों की आबादी की बात की जाए तो उनकी हिस्सेदारी महज 13 फीसदी ही है। मगर पुलिस के हमले उन पर ज्यादा होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक श्वेत अमेरिकियों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा अश्वेत पुलिस की गोली से मारे गए।

लगभग हर महीने एक अश्वेत की मौत

‘मैपिंग पुलिस वॉयलेंस’ के मुताबिक साल में ऐसा एक भी महीना नहीं बीता, जिसमें पुलिस के हाथों किसी अश्वेत की मौत न हुई हो। औसतन अधिकतर 27 दिन ही ऐसे बीते, जब पुलिस ने किसी अश्वेत को नहीं मारा हो। दिसंबर, 2019 में तो एक ही दिन में 9 से ज्यादा अश्वेत नागरिकों की मौत हुई।

  • हालांकि अमेरिका के 50 में से अधिकतर प्रांतों में पुलिस हिंसा में अश्वेत मारे गए हैं। मगर कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और टेक्सास में हालात ज्यादा बुरे हैं। पिछले कुछ साल में पुलिस की गोली से सबसे ज्यादा लोग इन्हीं प्रांतों में मारे गए।
    प्रांत   मौत
    कैलिफोर्निया 186
    फ्लोरिडा   169
    टेक्सास 157

अन्य प्रांतों में भी यही हालत

अमेरिका के अन्य प्रांतों की बात करें तो वहां भी स्थिति कुछ बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। वॉशिंगटन में 2013 से 2019 के बीच 25 लोगों ने पुलिस कार्रवाई में जान गंवाई है। जबकि लुइसियाना, इलिनोइस, नॉर्थ कैरोलीना, पेंसिल्वेनिया, न्यूयॉर्क और जॉर्जिया समेत कई प्रांतों में भी बहुत से अश्वेतों की जान गई है।

प्रांत मौत
जॉर्जिया  98
इलिनोइस 96
ओहियो   80
मैरीलैंड  80
लुइसियाना 80
नॉर्थ कैरोलीना 77
मिसूरी  74
न्यूयॉर्क  71
पेंसिल्वेनिया  58
अलाबामा  52
वर्जिनिया  52
न्यू जर्सी 51
ओक्लाहोमा 52
मिशिगन 42
मिसीसिप्पी  41
टेनेसी 41
इंडियाना  40
साउथ कैरोलीना 38
अरकंसास  28
एरिजोना  31
विस्कॉन्सिन 27
वॉशिंगटन  25
नेवादा  21
कोलोराडो   21
केंचुकी  19
मिनेसोटा  17
मेसाचुसेट्स  15

हालांकि यहां स्थिति थोड़ी सही 

अमेरिका के कुछ ऐसे भी प्रांत हैं, जहां अश्वेतों के लिए स्थिति ज्यादा बेहतर है। मोंटाना, नार्थ व साउथ डकोता, व्योमिंग, न्यू हैमशायर, वर्मोंट में छह साल में एक भी ऐसी अप्रिय घटना नहीं हुई। इसके अलावा कुछ और प्रांत भी हैं, जहां ऐसी घटनाएं काफी कम हुईं।

प्रांत   मौत
मैने  01
इदाहो  01
रोड आइलैंड  03
न्यू मैक्सिको 04
अलास्का  05
आयोवा 06
कनेक्टिकट  07
नेबरास्का 08
उताह 08
ओरेगन 09
डेलावेयर  09
वेस्ट वर्जिनिया  10
कन्सास 11

अमेरिका / हैवानियत के 8 मिनट 46 सेकंड : जब अमेरिकी पुलिस ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को तड़पाकर मार डाला

 

वाॅशिंगटन. अमेरिका में अश्वेत नागरिक की पुलिस के हाथों हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हिंसा और लूटपाट हो रही है। कई शहरों में कर्फ्यू है। मारे गए अश्वेत नागरिक का नाम जॉर्ज फ्लॉयड था। उसकी हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। आखिर, क्या था माजरा? क्यों पुलिस ने जॉर्ज को हिरासत में लिया? और कैसे सरेआम-दिनदहाड़े उसको तड़पा-तड़पाकर मार डाला?

नकली नोट से सिगरेट खरीदने का आरोप था
वाकया 25 मई की दोपहर का है। मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर की पुलिस के नंबर 911 पर एक कॉल आता है। एक व्यक्ति पुलिस को बताता है कि यहां रहने वाले अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड ने 20 डॉलर के नकली नोट से सिगरेट खरीदी है।

पुलिस ने जो तरीके अपनाए, वो नियमों के खिलाफ थे

घटना के कुछ वीडियोज सामने आए हैं। कुछ घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बनाए तो कुछ सिक्युरिटी सर्विलांस कैमरों में दर्ज हुए। खास बात ये है कि पुलिस ने फ्लॉयड पर जो भी तरीके आजमाए वो विभागीय नियमों का उल्लंघन हैं। पुलिस अफसर दम घोंटता रहा, जॉर्ज ही नहीं बाकी लोग भी उसे छोड़ देने की अपील करते रहे। लेकिन, पुलिस की बर्बरता के आगे किसी की एक न चली। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत कत्ल नहीं तो और क्या है।
फ्लॉयड की मौत के अगले दिन घटना में शामिल सभी चार पुलिस अफसरों को बर्खास्त कर दिया गया। हेनेपिन काउंटी के अटॉर्नी माइक फ्रीमैन ने कहा कि जॉर्ज का गला दबाने वाले डेरेक चौवेन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।

करीब 9 मिनट तक फ्लॉयड की गर्दन घुटने से दबाई थी

चौवेन के खिलाफ दर्ज केस में साफ कहा गया है कि उन्होंने 8 मिनट 46 सेकंड तक जॉर्ज की गर्दन अपने घुटने से दबाए रखी। हैरानी की बात ये है कि चौवेन ने फ्लॉयड की सांस रुकने के बाद भी घुटना नहीं हटाया। वो तब हटे जब मेडिकल टीम वहां पहुंच गई। घटना में तीन और अफसर शामिल थे। इनके नाम हैं- थॉमस लेन, जे. एलेक्जेंडर और टोउ थाओ। इनके खिलाफ भी जांच जारी है।

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