- पाकिस्तान ने बनाए 80 इमीग्रेशन सेंटर
- यात्रियों को जल्द मिलेगी क्लियरेंस
- 5000 यात्री रोजाना जा सकते हैं करतारपुर
पाकिस्तान ने करतारपुर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 80 इमीग्रेशन काउंटर स्थापित किए हैं. इन काउंटर्स पर भारत से पाकिस्तान आने वाले श्रद्धालुओं को क्लीयरेंस मिला करेगी. भारत और पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह करतारपुर कॉरिडोर पर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत भारतीय तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब में वीजा मुक्त यात्रा करने की अनुमति देगा.
करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर को होगा . शुरुआत में यहां से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित करतारपुर जाएंगे. सिखों के धर्म गुरु गुरु नानकदेव ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17 साल 5 महीने 9 दिन यहीं गुजारे थे. उनका सारा परिवार यहीं आकर बस गया था. उनके माता-पिता और उनका देहांत भी यहीं पर हुआ था. इस लिहाज से यह पवित्र स्थल सिखों की भावना से जुड़ा हुआ है. पाकिस्तान ने सुरक्षा के लिहाज से भारतीय तीर्थयात्रियों के तीन प्रवेश द्वार बनाए हैं. यात्रियों का प्रवेश और निकास अलग-अलग द्वार से होगा.
श्रद्धालुओं को FIA से लेनी होगी क्लियरेंस
जिन यात्रियों को करतारपुर साहिब के दर्शन करने हैं उन्हें पहले अप्लाई करना पड़ेगा. पाकिस्तान की एजेंसी फेडरेल इंवेस्टिगेशन एजेंसी इन नामों की जांच करेगी और करतारपुर पहुंचने से 10 दिन पहले ही यात्रियों की सूची भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सौंपेगी. रिपोर्ट के मुताबिक करतारपुर साहिब ले जाने से पहले सभी यात्रियों के पासपोर्ट को स्कैन किया जाएगा. इसके बाद स्पेशल बसों से यात्रियों को पाकिस्तानी रेंजरों की सुरक्षा में गुरुद्वारा दरबार साहिब ले जाया जाएगा.