अजीब हालात: हंसते-बातचीत करते चंद घंटों में ही मौत के मुंह में चले जा रहे कोरोना मरीज
लुइसियाना में लेडी ऑफ द लेक अस्पताल में वरिष्ठ नर्स लॉरी डगलस के सामने युवा संक्रमित महिला की मौत हुई। उन्होंने बताया कि आमतौर पर पैरामेडिक्स को अंदाजा हो जाता है कि कौनसा मरीज मृत्यु के निकट है और कौन ठीक हो रहा है।
- केस 1. -: पत्रकार और 83 मैराथन दौड़ चुके 51 साल के एनिक जेसडानन का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद इलाज हुआ तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं हुई। मार्च के आखिर में वे ठीक होने लगे थे, फेफड़े से संक्रमण मिट रहा था। अचानक 1 अप्रैल को हालत बिगड़ी, उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया, यहां 13 घंटे बाद उनकी मौत हो गई।
- केस 2. -: 25 साल की नर्स एमिली मुजिक्या न्यूयॉर्क के बाहरी इलाके में एक अस्पताल में भर्ती 44 साल की महिला की देखभाल कर रही थीं। यह महिला ठीक हो रही थीं। अचानक उसकी सांस उखड़ने लगी और वे उसे वेंटिलेटर से सांस देना शुरू की गई। अब वह जीवन के लिए संघर्ष कर रही है।
दो हफ्ते वेंटिलेटर पर औसत समय
कोलंबिया विश्वविद्यालय के इरविंग मेडिकल सेंटर के मुख्य सर्जन डॉ. क्रेग स्मिथ के अनुसार वेंटिलेटर पर संक्रमित मरीज औसतन दो हफ्ते बिता रहे हैं। इस दौरान अधिकतर की मौत हो रही है। मौतों का अनुपात सामान्य से कहीं अधिक है। वहीं महामारी की वजह से गड़बड़ियों भरे हालात से भी मौतें बढ़ रही हैं।