US-China Tension : शंघाई के करीब उड़े अमेरिकी लड़ाकू विमान, चीन के उड़ गए होश

पेकिंग विश्वविद्यालय के थिंक टैंक साउथ चाइना सी स्ट्रैटजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनीशिएटिव ने अमेरिकी विमानों के गुजरने के ठीक बाद रविवार सुबह इस बारे में ट्वीट किया।...

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बीजिंग, प्रेट्र। अमेरिका और चीन के बीच पैदा तनाव रविवार एक बार तब और बढ़ गया जब अमेरिकी लड़ाकू विमान शंघाई के काफी करीब आ गए। बीते सप्ताह ही दोनों देशों ने एक-दूसरे के एक-एक वाणिज्य दूतावासों को बंद कराया है। अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में स्थित दूतावास से चीनी अधिकारियों को जबरन निकाला गया है। सोमवार को मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, अमेरिकी नौसेना के पी-8ए पनडुब्बी रोधी विमान और ईपी-3ई विमान रविवार को ताइवान स्ट्रेट के ऊपर से उड़ान भर रहे थे।

यह हवाई क्षेत्र चीन के झेजियांग और फ्यूजियान समुद्री तटों के पास है। दोनों समुद्री तटों के नजदीक चीन का शंघाई महानगर स्थित है। अमेरिकी लड़ाकू विमान उड़ते हुए कुछ मिनट के लिए शंघाई के 76.5 किलोमीटर पास तक आ गए। इससे चीनी हवाई सुरक्षा प्रणाली हरकत में आ गई और वायुसेना अवाक रह गई। लेकिन कुछ ही मिनटों में स्थिति सामान्य हो गई।

पेकिंग विश्वविद्यालय के थिंक टैंक साउथ चाइना सी स्ट्रैटजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनीशिएटिव ने अमेरिकी विमानों के गुजरने के ठीक बाद रविवार सुबह इस बारे में ट्वीट किया। संस्था ने रात में फिर ट्वीट कर अमेरिकी विमानों की वापसी की जानकारी दी। सोमवार को यह खबर स्थानीय अखबारों की सुर्खी बनी। हाल के दशकों में पहली बार कोई अमेरिकी लड़ाकू विमान चीन के इतने करीब आया है। चूंकि इस समय दोनों देशों के बीच कई मसलों पर तनाव चल रहा है और अमेरिकी नौसेना की हिंद-प्रशांत महासागर में गतिविधि बढ़ी है, इसलिए अमेरिकी विमानों का चीन के करीब जाना ज्यादा चर्चा में है।

गौरतलब है कि इन दिनों अमेरिका की चीन और रूस के साथ तनातनी चल रही है। कथिततौर पर चीन से कोरोनावायरस फैलने के बाद से तो अमेरिका इससे खासा नाराज है उसके बाद उसकी दूसरे देशों पर कब्जा करने की नीयत और साउथ चाइन शी को अपना बताए जाने से अमेरिका और भी नाराज है। चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका ने अपने कई युद्धपोत साउथ चाइना शी में तैनात कर दिए हैं। इससे तनाव बढ़ा हुआ है।

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