एम्सटर्डम, एएनआइ। अमेरिका ने तिब्बत पर कानून बनाकर इस पर्वतीय इलाके पर चीन के अधिकार को सीधी चुनौती दे दी है। चीन यहां 50 साल से ज्यादा समय से लगातार उत्पीड़न कर रहा है। वहां की सांस्कृतिक पहचान नष्ट करने के लिए सुनियोजित चालें चल रहा है। तिब्बत के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा ने भारत में शरण ली हुई है और उनके संरक्षकत्व में यहीं से तिब्बत की निर्वासित सरकार कार्य कर रही है।
अमेरिका ने की तिब्बत में चीन के उत्पीड़न को रोकने की शुरुआत
अमेरिका ने हाल ही में द टिबेटन पॉलिसी एंड सपोर्ट एक्ट (टीपीएसए) बनाकर तिब्बत में चीन के उत्पीड़न को रोकने की शुरुआत कर दी है। इससे पहले तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आमंत्रित किया था और उनके साथ आधिकारिक वार्ता की थी। चीन ने इस पर कड़ा विरोध जताया था।