भारत की धाक मजबूत करने, संबंध और बेहतर करने और व्यापार बढ़ाने जैसे मुद्दों पर जी20 सम्मेलन में चर्चा
जापान के ओसाका में विश्व की महाशक्तियां जुटीं तो पूरी दुनिया की नजरें उस पर टिक गईं. मौका था जी 20 सम्मेलन. दुनिया की महाशक्तियां जब एक छत के नीचे आईं तो जाहिर है कि कई मुद्दों पर बातचीत हुई, झगड़े सुलझने और संबंध बेहतर करने पर चर्चा हुई. यह मौका भारत के लिए भी बेहद अहम था.
ओसाका .जापान के ओसाका में विश्व की महाशक्तियां जुटीं तो पूरी दुनिया की नजरें उस पर टिक गईं. मौका था जी-20 सम्मेलन. दुनिया की महाशक्तियां जब एक छत के नीचे आईं तो जाहिर है कि कई मुद्दों पर बातचीत हुई, झगड़े सुलझने और संबंध बेहतर करने पर चर्चा हुई. यह मौका भारत के लिए भी बेहद अहम था. इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की. भारत की धाक मजबूत करने, संबंध और बेहतर करने और व्यापार बढ़ाने के अलावा कई अन्य मुद्दों पर जी20 सम्मेलन में चर्चा हुईं. आइए नजर डालते हैं कि जी20 सम्मेलन भारत के लिए कैसा रहा.
Excellent meeting with President @jokowi, where we reviewed all aspects of India-Indonesia ties.
Looking forward to increasing maritime cooperation, more trade and stronger people-to-people linkages with Indonesia. pic.twitter.com/mYfzfHutXh
— Narendra Modi (@narendramodi) June 29, 2019
इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे जैसी ताकतवर हस्तियां शामिल हुईं. जी20 में इंडोनेशिया और भारत ने अगले 6 वर्षों यानी साल 2025 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा.
Friendly nations, futuristic outcomes.
The RIC (Russia-India-China) meeting was an excellent forum to discuss ways to enhance multilateral cooperation between our nations and work to mitigate challenges being faced by our planet, most notably terrorism and climate change. pic.twitter.com/LTljcPCTDW
— Narendra Modi (@narendramodi) June 28, 2019
इसके अलावा इकोनॉमी, डिफेंस और मेरीटाइम सिक्योरिटी में भी आपसी सहयोग बढ़ाने पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई. साल 2016 में भारत-इंडोनेशिया के बीच 12.9 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ, जो 2017 में बढ़कर 18.13 बिलियन पहुंच गया. अब पीएम मोदी और जोको विडोडो के बीच व्यापार 50 बिलियन डॉलर तक ले जाने पर सहमति बनी है. व्यापार बढ़ने से नौकरी और कई अन्य अवसर खुलेंगे.
चीन-रूस से आतंकवाद पर वार्ता
पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात में आतंकवाद का मुद्दा उठाया. भारत वर्षों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद पूरी दुनिया की समस्या है और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होना चाहिए. तीनों नेताओं ने तीनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और अपने-अपने अधिकारियों को बात करने को कहा.
जापान से मांगा सहयोग
जापान के पीएम शिंजो आबे से मुलाकात में पीएम मोदी ने उनसे आपदा के बाद पुनर्वास के लिए देशों का गठबंधन बनाने के प्रस्ताव पर समर्थन मांगा. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने डिफेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पेस, डिजिटल इकोनॉमी और स्टार्टअप्स के अलावा कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन और वाराणसी में कन्वेंशन सेंटर बनने की भी उन्होंने समीक्षा की. जापान भारत का बेहद अहम साझेदार रहा है. भारत में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण जापान की मदद से किया जा रहा है.
Met Crown Prince Mohammed bin Salman. We reviewed the full range of relations between India and Saudi Arabia. Our talks today will add great strength to bilateral ties between our nations. pic.twitter.com/N15PFEUZgR
— Narendra Modi (@narendramodi) June 28, 2019
इन राष्ट्राध्यक्षों से भी हुई बैठक
पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से भी मुलाकात की. क्राउन प्रिंस ने भारत का हज कोटा 1 लाख 70 हजार से बढ़ाकर 2 लाख करने का वादा किया है. बीते कुछ महीनों में सऊदी ने भारत को किफायती दरों पर तेल भी बेचा है. इसके अलावा पर्यटन को बढ़ावा देने और ज्यादा उड़ानों पर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई. वहीं एंजेला मर्केल से पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ई-मोबिलिटी, साइबर सिक्योरिटी, रेलवे आधुनिकरण और कौशल विकास पर बातचीत की. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति से पीएम मोदी ने आर्थिक संबंध, वीजा नीतियों को आसान बनाने और व्यापार बढ़ाने पर वार्ता की.