इस दौरान एक प्रेस वार्ता में सिन्हा ने कहा कि मेरे फैसले से लोग चौंक रहे होंगे. मैं पार्टी पॉलिटिक्स से अलग हो गया था. लेकिन आज हमारे देश के मूल्य खतरे में हैं और उनका अनुपालन नहीं हो रहा है. प्रजातंत्र की ताकत हमारी संस्थाओं में निहित है. लेकिन आज हम संस्था कमजोर हो गई है. इसमें देश की न्यायपालिक भी शामिल है.
सिन्हा ने कहा कि सरकार के मनमाने पर अंकुश लगाने वाला कोई बचा ही नहीं है.