उत्तराखंड के चमोली में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का बांध टूटा, 150 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आशंका, उत्तराखंड के साथ यूपी में अलर्ट जारी; देखें विडियो
LIVE Uttarakhand Glacier Outburst News चमोली जनपद में ऋषिगंगा नदी पर बन रहे हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया है। इसमें कई मजदूरों के बहने की आशंका है। यहां 24 मेगावाट का प्रोजेक्ट निर्माणाधीन था। हिमखंड टूटने के बाद नदी में बाढ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
ऋषिकेश। LIVE Uttarakhand Glacier Outburst News चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। कई मजदूरों के बहने की सूचना है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। वे कुछ ही देर में घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं।
एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं: त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड मुख्यमंत्री https://t.co/CWCp2scPkg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2021
जोशीमठ के पास रेनी गांव और उसके आसपास का इलाका सबसे अधिक प्रभावित है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक 10,000 लोगों के प्रभावित होने की जानकारी मिल रही है. इसमें वह लोग भी हैं जो लोग नदी के किनारे रह रहे थे साथ ही वह मजदूर भी हैं जो डैम में काम कर रहे थे.
उत्तराखंड में आपदा के अपडेट्स…
- उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा किनारे बसे सभी जिलों में नदी के जलस्तर पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए।
- ITBP के 200 से ज्यादा जवान, SDRF की 10 और NDRF की टीमें रेस्क्यू काम में जुटी हुई हैं। कुछ और टीमें एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से पहुंच रही हैं। ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट को भी इस आपदा में काफी नुकसान पहुंचा है।
- सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1070 और 9557444486 जारी किए हैं। सरकार ने अपील की है कि इस घटना के बारे में पुराने वीडियो सर्कुलेट कर अफवाह न फैलाएं।
- हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है। इसलिए राज्य सरकार ने यहां भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। वो खुद चमोली रवाना हो चुके हैं।
- एहतियातन भागीरथी नदी का पानी रोक दिया गया है।
चमोली में बंध टूटने के बाद कई जगहों पर बध जैसे हालत। भारी नुक़सान की आशंका। नदी के किनारे वाले इलाक़े में रहने वालों में दहशत। @JagranNews https://t.co/54ui1MMwqv pic.twitter.com/vWEzXmyO2F
— amit singh (@Join_AmitSingh) February 7, 2021
उत्तराखंड के चमोली में रविवार को धौलीगंगा नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसमें कई लोगों के बहने की आशंका जताई गई है। कई घर डूब गए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रैनी गांव में लगे पावर प्रोजेक्ट के पास ग्लेशियर टूटने के बाद नदी का जल स्तर बढ़ गया। इसके बाद किनारे पर बसे गांवों को खाली करवाया जा रहा है। मौके पर रेस्क्यू टीम भी पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जनपदों के ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पूरी सतर्कता बरतने के भी निर्देश दिए हैं: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय https://t.co/Si6myUSiTq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2021
हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है। इसलिए राज्य सरकार ने यहां भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अफसरों से हालात का जायजा लिया। उन्होंने प्रदेश की जनता से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘एहतियातन भागीरथी नदी का पानी रोक दिया गया है। अलकनंदा, श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम प्रभावित हुआ है। SDRF की टीम अलर्ट पर है। मैं खुद मौके पर जा रहा हूं।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों और SDRF को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2021
पॉवर प्रोजेक्ट और तपोवन बैराज टूटा
चमोली पुलिस के मुताबिक, ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट भी क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां काम कर रहे मजदूर भी गायब हैं। उधर, अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है। इसके अलावा धौली नदी में बाढ़ आने से तपोवन बैराज भी पूरी तरह से टूट गया है। अफसरों ने झील का पानी कम करने का निर्देश दिया है, ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो।
#WATCH | A massive flood in Dhauliganga seen near Reni village, where some water body flooded and destroyed many river bankside houses due to cloudburst or breaching of reservoir. Casualties feared. Hundreds of ITBP personnel rushed for rescue: ITBP pic.twitter.com/c4vcoZztx1
— ANI (@ANI) February 7, 2021
जून 2013 में आई आपदा में 4 हजार से ज्यादा की जान गई थी
16-17 जून 2013 को बादल फटने से रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में भारी तबाही मचाई। इस आपदा में 4,400 से अधिक लोग मारे गए या लापता हो गए। 4,200 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया। इनमें 991 स्थानीय लोग अलग-अलग जगह पर मारे गए। 11,091 से ज्यादा मवेशी बाढ़ में बह गए या मलबे में दबकर मर गए। ग्रामीणों की 1,309 हेक्टेयर भूमि बाढ़ में बह गई। 2,141 भवनों का नामों-निशान मिट गया। 100 से ज्यादा बड़े व छोटे होटल ध्वस्त हो गए। आपदा में नौ नेशनल हाई-वे, 35 स्टेट हाई-वे और 2385 सड़कें 86 मोटर पुल, 172 बड़े और छोटे पुल बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धम अग्रवाल के मुताबिक सुबह पहाड़ से भारी मलबा, हिमखंड टूटकर आने से इन हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी कैंपों को खाली कराया जा रहा है।
देहरादून के चमोली जनपद में ऋषिगंगा नदी पर बन रहा हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटा। 24 मेगावाट का प्रोजेक्ट है निर्माणाधीन, कई मजदूरों के बहने की आशंका। बताया जा रहा है हिमखंड टूटने के बाद नदी में बाढ जैसे हालात पैदा हुए। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किया अलर्ट। @JagranNews pic.twitter.com/HxWcM0ayae
— amit singh (@Join_AmitSingh) February 7, 2021
कैंपों की संख्या 600 के लगभग है। साथ ही गंगा व उसकी सहायक जिन नदियों में बाढ़ का खतरा है, वहां आसपास की बस्तियों को खाली करा दिया गया है। स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि हादसे में काफी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है। उधर, गढवाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन के मुताबिक चमोली के डीएम और एसएसपी मौके के लिए रवाना हो गए हैं।
किसी भी तरह की अफवाह पर न दें ध्यान, सरकार उठा रही जरूरी कदम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा, चमोली जिले से एक आपदा का समाचार मिला है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।
SDRF और NDRF की चार टीमें दून से रवाना
देहरादून से बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की चार टीमें रवाना की गई हैं। डीआइजी अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अलर्ट को देखते हए स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही हैं।
बंद करा दी गई है राफ्टिंग
ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है। इसके साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में नदी किनारे सभी सभी स्थानों पर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
नदी किनारे रहने वालों के लिए अलर्ट जारी
चमोली में बांध टूटने से नदी में जल स्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए टिहरी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है। देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। वहीं, नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। प्रशासन नदी किनारे खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटा रहा है।
नदी किनारे रहने वाले लोगों को हटाने के निर्देश जारी
चमोली में बांध टूटने की घटना के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए पौड़ी जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। डीएम धीराज सिंह ने बताया कि धारी देवी के पास बने बांध से पानी छोड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं। श्रीनगर में नदी वाले इलाकों में रहे लोगों को हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
इधर दूसरी ओर ऋषिकेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. यहां नदियों में रिवर राफ्टिंग पर रोक लगा दी गई है. आशंका जताई जा रही है कि आगामी 15 घंटों में टूटे ग्लेशियर का पानी ऋषिकेश पहुंच जाएगा. इससे होने वाले नुकसान से लोगों को बचाने के इंतजाम प्रशासन ने शुरू कर दिए हैं. नीचले इलाके के लोगों को अलर्ट कर वहां से शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. प्रशासन का दावा है कि उनकी टीम कोशिश कर रही है कि इससे कम से कम नुकसान हो.
कई लोगों के बहने की आशंका
चमोली के जोशीमठ (Joshimath) से 24 किलोमीटर पैंग गांव (Pang Village) से ऊपर रविवार बहुत बड़ा ग्लेशियर फट गया (Glacier Burst) , जिसके कारण धोली नदी में अचानक बाढ़ आ गई. ग्लेशियर की बाढ़ की वजह से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही कुछ झूला पुल भी इसकी चपेट में आए हैं. इसके अतिरिक्त एनटीपीसी निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाढ़ जल विद्युत परियोजना के डैम साइड बराज साइट को भी नुकसान होने की सूचना मिल रही है. प्रशासन ने अलकनंदा नदी और धौली नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है, उन्हें वहां से हटने के लिए कहा जा रहा है.