कानपुर शूटआउट: गैंगस्टर की तलाश का चौथा दिन / गैंगस्टर विकास के संपर्क में था चौबेपुर थाने का स्टाफ, कॉल डिटेल में सामने आई बात; 2 एसआई और एक सिपाही सस्पेंड
बिकरु गांव में गुरुवार रात को पुलिसकर्मियों और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बीच हुई थी मुठभेड़ पुलिस को शक है कि मुठभेड़ की कार्रवाई से पहले थाने से ही विकास को जानकारी लीक की गई डीजीपी ने विकास की गिरफ्तारी के लिए इनामी राशि डेढ़ लाख रुपए बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए की
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का चौबेपुर थाना स्टाफ सवालों के घेरे में है। यहां गुरुवार रात बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले थाने से ही रेड की सूचना लीक की गई थी। विकास की कॉल डिटेल की जांच में सामने आया कि थाने के कई पुलिसवाले उसके संपर्क में थे। सोमवार को एसएसपी ने 2 एसआई और एक कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया। विकास गैंग से 2 जुलाई की रात हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसवाले मारे गए थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह जानकारी सामने आई है कि हिस्ट्रीशीटर विकास के खिलाफ कार्रवाई से पहले चौबेपुर थाने से इसकी जानकारी लीक गई थी, जिसकी वजह से इतने पुलिसकर्मियों की जान गई। मामले में चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी पहले ही सस्पेंड कर दिए गए थे। सोमवार को शुरुआती जांच में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के कारण थाने के एसआई कुंवर पाल सिंह, कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव को सस्पेंड कर दिया गया। बताया जा रहा है कि तीनों विकास के संपर्क में थे। हालांकि, विभाग की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
शक के घेरे में थी चौबेपुर पुलिस
हिस्ट्रीशीटर विकास को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस की टीमें दबिश देने के लिए गांव में आ रही हैं। इसका खुलासा विकास के खास गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री ने भी किया है। रविवार को मुठभेड़ में पकड़े गए 25 हजार के इनामी दयाशंकर ने कहा कि विकास के पास थाने से एक फोन आया था। इसके बाद हमले का प्लान बनाया गया और 25-30 लोगों को हथियार समेत विकास ने घर बुलाया था। विकास खुद दयाशंकर की लाइसेंसी बंदूक से फायर कर रहा था।
थाने के भेदिए को तलाश रही पुलिस
सूत्रों की मानें तो विकास को पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी। उस तक यह सूचना कौन पहुंचा रहा था, इसकी जांच चल रही है। चौबेपुर पुलिस शुरू से ही शक के घेरे में थी। सूत्रों के मुताबिक, विकास के घर से पहले जब रास्ते में जेसीबी खड़ी मिली तो पुलिस टीम पैदल ही आगे बढ़ने लगी थी, तब चौबेपुर एसओ और सिपाही सबसे पीछे थे।
थाने में तैनात स्टाफ की भूमिका की जांच कराई जा रही
विकास दुबे के खास दयाशंकर की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद यह तय किया गया है कि चौबेपुर थाने में तैनात सभी पुलिस स्टाफ की भूमिका की जांच कराई जाएगी। इस थाने में एसआई, सिपाही और होमगार्ड समेत 44 पुलिसवालों का स्टाफ है। अफसरों का कहना है कि स्टाफ की संलिप्तता पाए जाने पर केस दर्ज करके जेल भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे चौथे दिन भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस की 100 टीमें उसकी तलाश में लगाई गई हैं। उधर, जांच में पता चला है कि विकास की पत्नी ऋचा के मोबाइल से गांव का सीसीटीवी कनेक्ट रहता था। जब भी पुलिस विकास को पकड़ती थी, वह इसकी क्लिप वायरल कर देती थी, ताकि पुलिस उसका एनकाउंटर न कर सके। यही नहीं, वह मोबाइल पर वहां की एक्टिविटी भी देखा करती थी। पुलिस ने ऋचा का मोबाइल जब्त कर लिया है।
पत्नी को रहती थी विकास के कामों की जानकारी
पुलिस की जांच में सामने आया है कि विकास की पत्नी ऋचा जिला पंचायत सदस्य है। उसे विकास के हर अच्छे-बुरे कामों की जानकारी रहती थी। यही वजह है कि वह क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य होने के बावजूद लखनऊ में बच्चों के साथ रहती थी। वह नहीं चाहती थी कि विकास के गलत कामों का नतीजा उसके बच्चे या वह खुद भुगते।
पत्नी ने 2 बार वायरल किए विकास की गिरफ्तारी के फोटो और वीडियो
पुलिस जांच में सामने आया है कि ऋचा 2 बार पति की गिरफ्तारी की फोटो और वीडियो वायरल कर चुकी है। पहला मामला 2017 का है, जब पुलिस ने विकास को बिकरु गांव में घर से गिरफ्तार किया था। दूसरा मामला 2019 का है। जब उसने जेल से ही चचेरे भाई अनुराग दुबे पर हमला करवाया था। इसके बाद वह जेल से छूट कर आया तो पुलिस उससे एक अन्य मामले में पूछताछ करने पहुंची थी। विकास ने सीसीटीवी भी इसी मकसद से लगवाया था कि गिरफ्तार होने पर उसके पास सबूत रहें और पुलिस उसका एनकाउंटर न कर सके।
प्रॉपर्टी विवाद में अनुराग पर हमला करवाया था
अनुराग दुबे के बारे में बताया जाता है कि पहले वह विकास के साथ ही काम करता था। जमीनों पर कब्जा करने और पैसों की वसूली करने की जिम्मेदारी उसी के पास थी। इसके बाद जब अनुराग को इस काम में महारथ हासिल हो गई और क्षेत्र में उसका भी दबदबा बन गया तो दोनों अलग हो गए। किसी प्रॉपर्टी विवाद के बाद से दोनों के बीच दुश्मनी हो गई थी।
खुद से जुड़ी खबरों की पेपर कटिंग जमा करने का शौक
विकास को खुद से जुड़ी खबरों की पेपर कटिंग जमा करने का भी शौक था। बिकरु गांव में स्थित घर के ध्वस्तीकरण के समय एक ऐसी ही फाइल सामने आई जिसमें विकास की 1991 के बाद से अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग सुरक्षित रखी थीं। इनमें बड़ी आपराधिक घटनाओं में उसके शामिल होने की खबरों की कटिंग भी मिली हैं।
लखनऊ में भी विकास और उसके भाई के खिलाफ केस
विकास और उसके भाई दीप प्रकाश के खिलाफ लखनऊ के कृष्णानगर कोतवाली में रंगदारी वसूलने और धमकी का केस दर्ज किया गया है। दीप प्रकाश के घर से बरामद हुई एंबेसडर कार विनीत पांडे नाम के व्यक्ति ने नीलामी में खरीदी थी। विकास ने विनीत को धमकाते हुए जबरन नीलामी में खरीदी कार को उठा लिया था। विनीत की शिकायत पर ही पुलिस ने केस दर्ज किया है।
सीतापुर में 13 लोगों को हिरासत में लेकर 10 घंटे पूछताछ
विकास का करीबी होने के शक में पुलिस ने बसपा नेता अनुपम दुबे समेत 13 लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने इन लोगों से 10 घंटे तक पूछताछ की। जांच में पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिले। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था, उनके सभी असलहे वैध पाए गए। वाहन चेकिंग के दौरान सीतापुर-हरदोई बॉर्डर से पुलिस ने बसपा नेता को हिरासत ले लिया था। दो लग्जरी गाड़ियों में सवार 13 लोगों के पास से 9 असलहे और बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे। अब सभी को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है।