हाथरस गैंगरेप मामले में हंगामा जारी:राहुल के बाद यूपी पुलिस ने तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को भी धक्का देकर गिराया, पार्टी की महिला नेता बोलीं- हमारे ब्लाउज खींचे गए

हाथरस गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने जा रहे राहुल-प्रियंका को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था धक्का-मुक्की में गिरने से राहुल के हाथ में चोट लगी थी, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया था

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लखनऊ। हाथरस गैंगरेप केस में हंगामा और राजनीति जारी है। राहुल-प्रियंका के बाद आज तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने गैंगरेप पीड़ित के गांव पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गांव के बाहर ही रोक दिया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को धक्के मारकर जमीन पर गिरा दिया।

तृणमूल की नेता ममता ठाकुर ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज खींचे और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया, वे नीचे गिर गईं। फीमेल पुलिस के होते हुए मेल पुलिस ने हमारी सांसद को छूआ। यह शर्म की बात है।

पीड़ित परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की
एक वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण लक्षकार पीड़ित परिवार से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगा। आप सरकार की बात मान लीजिए। यह वीडियो वायरल होने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। मृतक लड़की के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यूपी पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा, हमें मीडिया वालों से नहीं मिलने दे रहे। घर से निकलने पर भी 10 तरह के सवाल किए जा रहे हैं।

गांव वालों ने कहा- हमारे साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो रहा
उधर, पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है।

राहुल-प्रियंका को यूपी पुलिस ने 4 घंटे हिरासत में रखा था
राहुल और प्रियंका गांधी गुरुवार को गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने जाना चाहते थे। लेकिन, ग्रेटर नोएडा में उनका काफिला रोक लिया गया। वे कार से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ने लगे। करीब ढाई किमी चले थे कि इकोटेक-1 थाना इलाके में राहुल-प्रियंका को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान पुलिसवाले ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी। धक्कामुक्की में राहुल जमीन पर गिर गए। राहुल-प्रियंका को पुलिस ने 4 घंटे बाद छोड़ा।

धक्का-मुक्की के दौरान गिरने से राहुल के हाथ में चोट लग गई थी।

क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।

त्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप और फिर मौत की वारदात से पूरे देश में गुस्सा है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन गैंगरेप की बात को गलत करार दिया है. अब देश में दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग हो रही है, लेकिन इस बीच स्थानीय प्रशासन की ओर से कई तरह की सख्ती बरती जा रही है.

गांव में मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई, किसी नेता को जाने नहीं दिया जा रहा है, खुद डीएम जाकर परिवार से धमकी भरे अंदाज में बात कर रहे हैं.

पहले गुरुवार को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को हाथरस जाने से रोका गया. अब शुक्रवार को टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को रोका गया और उनके साथ बदसलूकी की गई. इतना ही नहीं अब पीड़िता के गांव में मीडिया की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है.

क्या छुपाना चाह रहा है हाथरस प्रशासन, उठ रहे सवाल!
जब ये सभी कड़ियां मिलती हैं तो प्रशासन के रवैये और उनके मकसद पर सवाल खड़े होते हैं. क्योंकि प्रशासन सच बाहर आने से बचना चाहता है, इसी वजह से किसी की एंट्री पर रोक लगा दी है. आखिर वो कौन-सी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनसे प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़े होते हैं.

1.    हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार का एक वीडिया सामने आया, जिसमें वो पीड़िता के परिवार से बात कर रहे हैं. यहां डीएम परिवार से कह रहे हैं मीडिया आज है, कल चला जाएगा. आपको हमारे साथ रहना है, ऐसे में मदद स्वीकार कर लीजिए. साफ तौर पर डीएम परिवार को धमकाकर मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं.

2.    हाथरस के ही एडीएम जेपी सिंह और वकील सीमा कुशवाहा का एक वीडियो सामने आया. जहां सीमा कुशवाहा पीड़िता के परिवार से मिलने जाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन एसडीएम उन्हें आगे नहीं जाने दे रहे हैं. बता दें कि सीमा कुशवाहा ने ही दिल्ली की निर्भया का केस लड़ा था और उन्होंने हाथरस की निर्भया के परिवार को मदद की बात कही है.

3.    मंगलवार की रात को जब पीड़िता का शव हाथरस के गांव पहुंचा तो आधी रात को ही उसे जला दिया गया. इंडिया टुडे की रिपोर्टर तनुश्री पांडे इस दौरान वहां पर ही रहीं, लेकिन जब तनुश्री ने सवाल किया तो पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया. और तुरंत ही डेडबॉडी को जला दिया.

4.    हाथरस जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं, साथ ही धारा 144 लगाई गई है. इसके अलावा प्रशासन ने मीडिया को गांव के अंदर जाने से रोक दिया है. शुक्रवार को हाथरस में पीड़िता के गांव में ग्राउंड रिपोर्ट के लिए मौजूद आजतक संवाददाता चित्रा त्रिपाठी के साथ कुछ अधिकारियों ने बदसलूकी की है. हाथरस में एक बड़े सरकारी अधिकारी ने आजतक संवाददाता को धमाकाया और बदसलूकी की है.

5.    मीडिया के अलावा विपक्ष के नेताओं को भी जिले में नहीं जाने दिया जा रहा है. गुरुवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को नोएडा में ही रोक लिया गया, शुक्रवार को टीएमसी और सपा के सांसद जिले की सीमा तक पहुंचे तो आगे नहीं जाने दिया गया.

साफ है कि प्रशासन ने इस मामले में जिस तरह से रिएक्ट किया है, उसपर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. एक तरफ तो प्रदेश सरकार एसआईटी बनाकर सात दिन में मामले की जांच का भरोसा देती है, दूसरी ओर यूपी पुलिस बयान देकर कहती है कि पीड़िता का रेप ही नहीं हुआ था. इसके अलावा फॉरेंसिंक रिपोर्ट में भी यही दावा किया जाता है कि पीड़िता का यौन शोषण नहीं हुआ था, सिर्फ हार्ट अटैक से मौत हुई थी. ऐसे में पुलिस और प्रशासन के रवैये को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं और आरोप लग रहे हैं कि सच्चाई से दूर रखा जा रहा है और मामले में कुछ छुपाया जा रहा है.

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