गांधी परिवार के करीबी कांग्रेस सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा, BJP में कल होंगे शामिल
गांधी परिवार के करीबी संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह अमेठी से बीजेपी की विधायक हैं.
नई दिल्ली। गांधी परिवार के करीबी संजय सिंह ने राज्यसभा सदस्य पद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बताया जाता है कि वह थोड़े देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कांग्रेस को बिना नेतृत्व का पार्टी बताया.
Congress Rajya Sabha MP, Sanjay Singh: Congress is still in the past, unaware of the future. Today, country is with PM Modi & if the country is with him, I'm with him. I will join BJP tomorrow. I have resigned from the party, as well as my membership of Rajya Sabha. pic.twitter.com/waAuPdFu9A
— ANI (@ANI) July 30, 2019
संजय सिंह ने इस्तीफे के बाद कहा, ‘कांग्रेस अभी भी अतीत में है, उसे भविष्य का पता नहीं है. आज देश पीएम मोदी के साथ है और अगर देश उनके साथ है तो मैं भी उनके साथ हूं. कल मैं बीजेपी में शामिल हूंगा. मैंने पार्टी और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है.’
संजय सिंह का राजनीतिक सफर
अमेठी के राज परिवार से जुड़े संजय सिंह की गांधी परिवार से नजदीकियों के बाद सुर्ख़ियों में आए. 1980 में जब संजय गांधी ने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा तो संजय सिंह ने उनका समर्थन किया. लेकिन 1988 में वे जनता पार्टी से जुड़ गए. 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अमेठी से राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.
इसके बाद 1998 में एक बार फिर संजय सिंह ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के साथ हो लिए. 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें अमेठी से मैदान में उतारा. इस बार उन्होंने कांग्रेस के कप्तान सतीश शर्मा को हराया और पहली बार लोकसभा पहुंचे.
इसके बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने उन्हें अमेठी से मैदान में उतारा. इस बार सोनिया गांधी ने उन्हें बड़े अंतर से हराया. 2003 में एक बार फिर संजय सिंह ने कांग्रेस में वापसी की. कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सुलतानपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया, जहां से जीतकर वे दूसरी बार लोकसभा पहुंचे.
2014 में कांग्रेस ने उन्हें असम से राज्य सभा भेजा. 2019 के लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने उन्हें सुलतानपुर से हराया है. इस बार वह अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए.