कोरोना के बीच NEET और JEE मेन कैसे दें:छात्रों को अलग-अलग समय पर एग्जाम सेंटर्स पहुंचना होगा, पैरेंट्स दूर रुकेंगे; जानिए क्या है गाइडलाइन और 10 जरूरी बातें

JEE मेन के लिए देशभर में 600 सेंटर बनाए गए हैं, NEET के लिए 4000 सेंटर बनाए गए हैं परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले तक एग्जाम हॉल को पूरी तरह से बैरिकेडिंग के जरिए सील रखा जाएगा एक्सपर्ट्स की सलाह- छात्र परीक्षा के दिन ट्रिपल लेयर मास्क एन- 95 या कपड़े का मास्क जरूर पहनें

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छात्रों के भविष्य को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया। इसमें NEET और JEE मेन 2020 प्रवेश परीक्षाओं को टालने की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद अब JEE मेन 1 से 6 सितंबर, जबकि NEET 13 सितंबर को तय शेड्यूल के मुताबिक ही होगी।

लेकिन, ये परीक्षाएं कोरोना के वक्त में हो रही हैं, ऐसे में छात्रों और उनके पैरेंट्स के जेहन में सबसे बड़ा सवाल है कि वे परीक्षा सेंटर्स पर कैसे सुरक्षित पहुंचे? वहां कैसे सुरक्षित परीक्षा दें? सोशल डिस्टेंसिंग का कैसे ख्याल रखें? संक्रमण के खतरे से खुद को कैसे दूर रखें?

JEE मेन और NEET देश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। इन परीक्षाओं को देशभर में एक साथ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) कराती है। एनटीए ने इसके लिए काफी तैयारियां भी की हैं। कोरोना को देखते हुए परीक्षा की नई गाइडलाइन भी बनाई है। आइए जानते हैं क्या है नई गाइडलाइन-

कोरोना में परीक्षा के लिए क्या है नई गाइडलाइन?

  • नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर विनीत जोशी के मुताबिक यह देश की सबसे बड़ी परीक्षा है। इस बार हमारे समाने सबसे बड़ी चुनौती सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर है, ताकि बच्चों को संक्रमण के खतरे बचाया जा सके।
  • जोशी का कहना है कि इस बार हमें पिछली बार से दो गुना कमरे चाहिए। इसके लिए हमने बड़ी संख्या में स्कूल, कॉलेज और इंस्टीट्यूट से संपर्क किया है। पिछली बार से ज्यादा सेंटर बना रहे हैं।
  • एनटीए ने इस बार JEE मेन परीक्षा के लिए 600 सेंटर बनाए हैं, पिछली बार 450 सेंटर बनाए गए थे। नीट के लिए तकरीबन 4000 सेंटर बनाए गए हैं। पिछली बार 2500 सेंटर बनाए गए थे।
  • महामारी की वजह से परीक्षा सेंटर पर एक ही समय पर सभी छात्र न पहुंचें, इसके लिए एडमिट कार्ड में कोरोना गाइडलाइन का जिक्र किया जाएगा। ताकि छात्रों को नए नियमों की जानकारी मिल सके।
  • हर छात्र के एडमिट कार्ड पर लिखा होगा कि उसे परीक्षा हाल में कब एंट्री करना है। सेंटर्स पर कब पर पहुंचना। इस बार सभी छात्रों को अलग-अलग समय पर सेंटर्स पर पहुंचना होगा, ताकि सेंटर्स पर अचानक भीड़ न हो।
  • परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले तक परीक्षा हॉल को पूरी तरह से बैरिकेडिंग के जरिए सील रखा जाएगा। उन्हीं छात्रों को हॉल में जाने की अनुमति होगी, जिनका उस कमरे में रोल नंबर होगा।
  • छात्रों के लिए परीक्षा सेंटर पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था होगी। तापमान ज्यादा होने पर परीक्षा से रोका जा सकता है।
  • कंटेनमेंट जोन में परीक्षा का एडमिट कार्ड गेट पास का काम करेगी। स्थानीय प्रशासन को इसके बारे में पहले से सूचित किया जाएगा।
  • परीक्षा सेंटर्स पर सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था होगी। सभी सेंटर्स को परीक्षा शुरू होने से पहले सैनिटाइज किया जाएगा।
  • हर एक छात्र की हाइजीन का ध्यान रखा जाएगा। परीक्षा सेंटर्स पर तैनात प्रशासनिक कर्मचारियों और अध्यापकों के हाइजीन का भी ध्यान रखा जाएगा।
  • स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को सेंटर्स से दूर रखा जाएगा। सिर्फ कुछ मामलों में ही पैरेंट्स को परीक्षा हाॅल तक आने की अनुमति मिलेगी, जैसे यदि कोई छात्र दिव्यांग है या किसी छात्र की तबियत ठीक नहीं है।

कितने छात्रों ने भरा है फार्म?

  • इससे पहले इस साल कोरोना की वजह से JEE मेन और नीट दोनों ही परीक्षाओं की तारीख एक बार बदली जा चुकी थी।
  • देशभर में JEE मेन के लिए 11 लाख छात्रों ने फॉर्म भरे हैं, जबकि नीट की परीक्षा के लिए 16 लाख छात्रों ने आवेदन दिया है।

हेल्थ के लिए जरूरी बातें-

एक मीटर की दूरी बनाकर रखें, मास्क सही तरीके से पहनें

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में रुमेटोलॉजी डिपॉर्टमेंट में एचओडी डॉ. उमा कुमार कहती हैं कि परीक्षा के दिन छात्रों को भीड़ का ध्यान रखना होगा। ऐसी जगहों पर बच्चे न खड़े हों जहां ज्यादा लोग एकजुट हों। कोशिश करें कि घर से अपने साधन से ही परीक्षा देने जाएं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने से बचें।

 परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने के लिए 11 छात्रों ने याचिका दायर की थी

इन परीक्षाओं की तारीख आगे बढ़ाने को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने दलील दी थी कि कोरोना के समय में इन परीक्षाओं के लिए जारी दिशा-निर्देश का पालन सख्ती से नहीं हो पाएगा।

कौन थे याचिकाकर्ता?

पश्चिम बंगाल में कोलकाता के रहने वाले सायंतन विश्वास इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता थे, वो इस साल आईआईटी और नीट दोनों की परीक्षा दे रहे हैं।
सायंतन का कहना था कि उनकी स्थिति देश के दूसरे इलाके में रहने वालों से थोड़ी अलग है। उनका इलाका कोरोना के कंटेनमेंट जोन में आता है। वहां से बाहर निकलना मुश्किल है और जोखिम भरा भी है।
बिहार के छपरा के रहने वाले मानस ने भी इस याचिका पर दस्तखत किए थे, वो नीट की परीक्षा देंगे। उन्होंने परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने के पीछे कारण बताए थे। पहला कारण कोरोना, दूसरा बिहार में बाढ़ और तीसरी वजह भीड़ को बताया था।

कैसे साथ आए 11 छात्र?

  • परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए 11 छात्रों ने मिलकर कोर्ट में याचिका डाली थी। लेकिन ये सभी अलग-अलग प्रदेशों के रहने वाले हैं। ये साथ कैसे आए? ये बड़ा सवाल है।
  • दरअसल, ट्विटर पर हैशटैग SaveJEE_NEETstudentsPM से बात शुरू हुई। जुड़ते-जुड़ते इस पर पिछले एक सप्ताह में तकरीबन 6 लाख से ज़्यादा ट्वीट देश के अलग-अलग राज्यों से छात्रों ने किए।
  • इसके बाद छात्रों को एक वकील के सपोर्ट की जरूरत थी। जिसके लिए इंडिया वाइड पैरेंट एसोसिएशन की अनुभा श्रीवास्तव सहाय सामने आईं।छात्र आपस में एक मीटर की दूरी बनाकर रखें। संभव हो तो ट्रिपल लेयर मास्क एन-95 का इस्तेमाल करें, नहीं तो कपड़े का मास्क जरूर पहनें। हां, मास्क को सही तरीके से पहनना बहुत जरूरी है, ताकि एयर लीक न हो। मास्क सही से नाक और मुंह को कवर करने वाला हो।

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