अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा ऐलान- तालिबान से नहीं होगी बैठक, शांति समझौता भी रद्द

शुक्रवार को पहले यह बताया गया था कि अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शनिवार को अमेरिका की यात्रा करेंगे और नौ सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे.

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  • डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर बताया क्यों रद्द हुई वार्ता
  • एक अमेरिकी सैनिक और 11 लोगों की मौत के कारण वार्ता पर विराम
  • ट्रंप से रविवार को गुप्त रूप से मिलने वाले थे अफगानी राष्ट्रपति

नई दिल्ली। काबुल में एक अमेरिकी सैनिक कीहत्या के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति वार्ता रद्द कर दी है. इसकी जानकारी खुद उन्होंने एक ट्वीट के जरिए दी. ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, ‘काबुल में एक हमले में हमारे एक महान सैनिक और 11 लोगों की मौत हो गई. मैं तत्काल प्रभाव से मीटिंग रद्द करता हूं और शांति समझौते को भी बंद करता हूं.’ ट्रंप ने कहा, अपनी सौदेबाजी की स्थिति को मजबूत करने के लिए किस तरह के लोग इतने लोगों को मार सकते हैं.

राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा, उन्होंने (तालिबान) स्थिति को और बदतर बना दिया है. यदि वे इन महत्वपूर्ण शांति वार्ता के दौरान संघर्ष विराम के लिए सहमत नहीं हो सकते हैं और यहां तक कि 12 निर्दोष लोगों को मार सकते हैं, तो शायद वैसे भी एक सार्थक समझौते पर बातचीत करने के वे ताकत नहीं रखते. कितने और वर्षों तक वे लड़ने के लिए तैयार हैं?

डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट में बताया कि बड़े तालिबान नेता और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रविवार को गुप्त तरीके से कैंप डेविड में उनसे मिलने आ रहे थे. आज रात उन्हें अमेरिका आना था. यह साफ हो गया कि दुर्भाग्य से झूठे लाभ उठाने के लिए उन्होंने ऐसा किया.

शुक्रवार को पहले यह बताया गया था कि अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शनिवार को अमेरिका की यात्रा करेंगे और नौ सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. ट्रंप ने उसके पहले ही साफ कर दिया कि सैनिक की हत्या के कारण वे बैठक रद्द कर रहे हैं. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अफगान और अमेरिकी अधिकारियों के बीच शांति प्रक्रिया के मसौदे से जुड़े मतभेद होने के कारण इस यात्रा को टाला गया है.

इससे पहले अफगान सरकार ने अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते के नकारात्मक पहलुओं पर चिंता जाहिर की थी. राष्ट्रपति के प्रवक्ता सेदिक सिद्दिकी ने बुधवार को कहा कि अफगान सरकार को शांति समझौते के नतीजों और खतरों के बारे में चिंता है. अमेरिकी अधिकारियों और सीनेटरों ने भी इससे पहले इसी तरह की चिंताओं का जिक्र किया था. सिद्दिकी ने आगे कहा कि सरकार ने मसौदा समझौते के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने कहा कि इस समझौते से जोखिम पैदा हो सकता है, इसलिए आवश्यक सावधानी बरती जा रही है.

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