उन्नाव जेल में गैंगस्टर्ज ने लहराई गन, Tiktok वीडियो में बोले- योगी क्या कर लेंगे
चार वीडियो, चार किरदार और एक जेल. उन्नाव जेल के परमानेंट सेट में चार अपराधियों ने कैमरा चलाकर चार फिल्में उतारी हैं, और ये फिल्में जब जेल की चहारदीवारी के बाहर आई तो अपराध पर सख्ती के योगी सरकार के दावों की पोल खुल गई.
लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ शहरों और कस्बों में अभियान छेड़ रखा है लेकिन उन्हें शायद इस बात का पता नहीं है कि जिन अपराधियों को खदेड़कर वो जेलों तक पहुंचा रहे हैं, उन अपराधियों ने जेलों में ही सत्ता कायम कर ली है. आलम ये हो चला है कि अब तो ये अपराधी जेलों से वीडियो बनाकर मुख्यमंत्री को ही धमकी दे रहे हैं. उन्नाव में भी यही हुआ है. जेल में पिस्तौल पहुंची, कैमरा पहुंचा और शुरु हो गया अपराधियों का एक्शन.
Inmates at the Unnao jail seen in a viral video brandishing weapons and drinking liquor at the jail. AK Singh, Jail Superintendent (Picture 4) says, "A report on the incident has been sent to higher officials, strict action will be taken within 1-2 days," (26.6.19) pic.twitter.com/2FpGVN1PyQ
— ANI UP (@ANINewsUP) June 27, 2019
चार वीडियो, चार किरदार और एक जेल. उन्नाव जेल के परमानेंट सेट में चार अपराधियों ने कैमरा चलाकर चार फिल्में उतारी हैं, और ये फिल्में जब जेल की चहारदीवारी के बाहर आई तो अपराध पर सख्ती के योगी सरकार के दावों का पानी भी उतर गया.
वीडियो में एक कैदी जेल की किसी कोठरी के बाहर खड़ा दिख रहा है. जिसका नाम है अमरीश. वह हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा है, लेकिन बदन पर कैदियों वाले कपड़े नहीं टीशर्ट और जैकेट हैं, हाथ में पिस्टल और जुबान पर खुद की शेखियां. उसी वीडियो के आखिर में एक और कैदी नजर आता है. शेखियां बघारने की बारी अब इसकी है. नाम है गौरव उर्फ अंकुर. वह हत्या और लूट के मामले में आरोपी है.
Unnao: AK Singh, Jail Superintendent, Unnao District Jail, says, On the basis of viral video showing prisoners at the jail brandishing arms and threatening jail authorities, a report has been submitted to the relevant authority and action will be taken in this regard." pic.twitter.com/t5GdmGeiCa
— ANI UP (@ANINewsUP) June 26, 2019
गौरव उर्फ अंकुर नाम के इस कैदी के हाथ में भी ठीक वैसी ही पिस्तौल है जो पहले वीडियो में दिखाई दी थी. पीछे लंबी सी चहारदीवारी, और एक कोने पर वॉचटावर इस बात की गवाही दे रहे हैं कि ये वीडियो भी जेल के अंदर ही फिल्माया गया है. इसी सेट में ओठों के बीच बीड़ी दबाए और हाथ में पिस्तौल उठाए ये अपराधी किसी फिल्मी हीरो के अंदाज में एंट्री लेता है.
ऐसे ही तीसरे वीडियो में दिखने वाला कैदी वही है, जो पहले वीडियो में दिखाई दिया था यानी अमरीश. हत्या और लूट के मामले में सजायाफ्ता. जगह ठीक वही है जो दूसरे वीडियो में दिखाई दी. यानि जेल की बाहरी दीवार के अंदर का हिस्सा. लंबी सी चहारदीवारी और वॉचटावर इस वीडियो में भी नजर आ रहा है. लेकिन इस वीडियो में अमरीश नाम के इस कैदी के हौसले और भी ज्यादा बुलंद हैं. वो योगी सरकार को खुली चुनौती दे रहा है कि उसका कुछ बिगाड़कर दिखाए.
ये तीन वीडियो ही यह बताने के लिए काफी हैं, कि यूपी की जेलों में किसका राज है. लेकिन चौथा वीडियो यानि जेल में बनी इस फिल्म का क्लाईमैक्स अभी बाकी है. यकीन मानिए क्लाइमैक्स देखकर तो आपको पूरा यकीन हो जाएगा कि जेलों के अंदर की दुनिया वैसी नहीं है, जैसी आपने फिल्मों में देखी होगी. यहां के असल नियम कायदों की ख़बर तो शायद खुद मुख्यमंत्री को भी नहीं होगी.
अब बारी है जेल में शूट हो रही सस्पेंस थ्रिलर के क्लाइमैक्स की. तो अब बात चौथे वीडियो और आखिरी सीन की. इस सीन की शुरुआत अंधेरी बैरक से होती है, एक शख्स से घूमते हुए कैमरा नीचे की ओर आता है, तब असल सेट दिखाई पड़ता है. बिस्तरों के बाजू में महफिल जमी है, खाने की प्लेटें सजी हैं, और पीने पिलाने का पूरा इंतजाम है. शराब की बोतल और भरे हुए गिलासों के साथ नीचे बैठे चार कैदियों का अक्स भी नजर आ रहा है.
तो साफ है कि जेल के अंदर सिर्फ बीड़ी सिगरेट और शराब ही नहीं चरस जैसे बेहद नशीले पदार्थों का भी इंतजाम है. जाहिर है कैदियों को मिलने वाली हर सुविधा की जेल के अंदर बोली लगती होगी, क्योंकि जेल के अंदर स्मार्ट फोन, शराब, चरस और पिस्तौल जैसी चीजें बिना जेल प्रशासन की मर्जी के पहुंच जाएं इस बात पर बच्चा भी यकीन नहीं करेगा.
उन्नाव जेल से आए इन चारों वीडियो को देखकर एक बात और साफ हो रही है कि तस्वीरें अभी की नहीं है. सभी कैदियों ने जैकेट पहने हुए हैं, यानि मौसम सर्दी का है, इसका मतलब ये वीडियो कम से कम 4 या 5 महीने पुराने हैं, जो अब जाकर वायरल हुए हैं. वीडियो वायरल हुए तो जेल प्रशासन के होश भी उड़ गए. सफाई देने की नौबत आ गई, दलीलें गढ़ी गईं. लेकिन जेलर साहब की सफाई ऐसी है कि सुनकर हंसी छूट जाए.
उन्नाव के जेलर ए.के. सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि जेल प्रशासन कह रहा है कि ये पिस्तौल नकली है, मिट्टी और पाइप से बनाई गई है. एक बार मान भी लिया जाए कि जेलर साहब का दावा सही है तो भी ये सवाल तो अपनी जगह कायम हैं. जेल में बंद अपराधियों ने वीडियो कैसे बनाया? कैदियों तक स्मार्टफोन किसने पहुंचाया? जेल में बना ये वीडियो वायरल कैसे हुआ? जेल में शराब पार्टी की छूट कैसे मिली? कैदियों को जेल में कहीं भी आने-जाने की छूट कैसे मिली?
यही सवाल जब लखनऊ तक गूंजने लगे तो मामला रफा दफा करने में जुटे जेल प्रशासन को जवाब देना भारी पड़ गया. आखिरकार जेलर साहब ने माना कि जेल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से कैदियों ने ये कारनामा किया है और अब एक्शन की बारी जेल प्रशासन की है.
यूपी की जेलों में अपराधियों के खुले तमाशे का ये कोई पहला मामला नहीं है. लेकिन इस वीडियो में अपराधी जिस तरह सरकार को खुले आम चुनौती दे रहे हैं, उससे ये जरूर साबित हो रहा है, जेलों में उनकी सत्ता दिनोंदिन मजबूत होती जा रही है. फिलहाल, ये चारों वीडियो सामने आने के बाद चार जेल कर्मचारियों को बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है.