उन्नाव केस में कुलदीप सेंगर के बाद BJP के एक और नेता का नाम आया सामने, FIR में ‘आरोपी नंबर-7’ है ये शख्स

उन्नाव केस (Unnao Case) में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) के बाद BJP के एक और नेता का नाम सामने आया है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रेप पीड़िता (Unnao Rape Survivor) तीन दिन पहले हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से ज़ख्मी होने के बाद से जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है. बीते रविवार को हुए सड़क हादसे में पीड़िता के परिवार के दो लोगों की मौत हो गई. उधर मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है. पुलिस शिकायत में अब मामले में बीजेपी के एक और नेता के शामिल होने की बात सामने आई है. यूपी के रायबरेली में रेप पीड़िता के कार को उल्टी दिशा से आ रही ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी थी.

 

ट्रक का नंबर प्लेट भी मिटा हुआ था. मामले की जांच सीबीआई कर रही है. रेप पीड़िता के चाचा द्वारा की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में रेप के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. एफआईआर में दर्ज आरोपियों के नामों के करीब से जांच करने पर पता चला है कि एक और बीजेपी नेता दुर्घटना में आरोपी है.

पीड़िता के चाचा की तरफ से दर्ज कराए गए एफआईआर में ‘आरोपी नंबर-7’ अरुण सिंह है जो बीजेपी कार्यकर्ता है और उन्नाव में एक ब्लॉग का अध्यक्ष है. अरुण सिंह आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर का भी करीबी है. 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अरुण सिंह को बीजेपी प्रमुख अमित शाह और उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज जैसे शीर्ष नेताओं के साथ फोटो और वीडियो में देखा जा सकता है

अरुण सिंह यूपी के मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ ‘धुन्नी भैया’ के दामाद हैं. रणवेंद्र प्रताप सिंह यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में कृषि राज्य मंत्री और कृषि शिक्षा एवं शोध मंत्री हैं. रणवेंद्र सिंह फतेहपुर जिले की एक सीट से बीजेपी विधायक हैं. बता दें कि यह वही जगह है जहां के ट्रक मालिक और ड्राइवर हैं. अब तक हालांकि सिंह के दोनों में से किसी से जोड़ने का कोई सबूत नहीं है. सीबीआई की एफआईआर में भी इस बात की जिक्र है कि अरुण सिंह और कुछ और लोग रेप पीड़ित परिवार को धमका रहे थे कि वह केस वापस ले ले.

उधर, रणवेंद्र सिंह ने कहा, ‘सीबीआई मामले की जांच कर रही है. जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. वह मेरे रिश्तेदार हैं इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन यह कोई अपराध नहीं है. पीड़िता का आरोप है कि कुलदीप सिंह सेंगर और उसके सहायकों ने वर्ष 2017 में उसके साथ रेप किया था, जब वह उनके पास नौकरी मांगने गई थी. उसने अपने आरोप अप्रैल, 2018 में सार्वजनिक किए थे, जब उसने धमकी दी कि अगर पुलिस ने उसका केस दर्ज नहीं किया, तो वह लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्महत्या कर लेगी.

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