संयुक्त राष्ट्र / बजट की भारी कमी के चलते एयर कंडीशनर-लिफ्ट बंद की गईं, कर्मचारियों का वेतन रुकने का खतरा

हालांकि, यूएन प्रबंधन ने कहा है कि वह अपने 37 हजार कर्मचारियों की तनख्वाह का प्रबंध करने की कोशिशों में जुटा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस संबंध में कर्मचारियों को एक पत्र भी लिखा है। इसमें कहा गया है कि यूएन पिछले एक दशक में सबसे बड़ी फंड की कमी से जूझ रहा है। इसके चलते महीने के अंत में स्टाफ और वेंडर्स को भुगतान में दिक्कत आ सकती है। 

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  • महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूएन कार्यालयों को खर्च में कटौती करने को कहा
  • दुनियाभर में मौजूद कार्यालयों के प्रमुखों को आपातकालीन उपाय अपनाने के निर्देश
  • इसके अंतर्गत कार्यालयों में एसी और हीटरों के उपयोग पर भी रोक लगाई गई

जेनेवा. संयुक्त राष्ट्र इस वक्त बजट की भारी कमी से जूझ रहा है। अमेरिका, ब्राजील समेत कुछ अन्य देशों को दिया कर्ज वापस न मिलने के कारण यूएन मूलभूत सुविधाएं पूरी करने में भी नाकाम रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएन ऑफिस में बिजली की खपत पर नियंत्रण लाने के लिए एयर कंडीशन और लिफ्ट बंद कर दी गई हैं। यहां तक की कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी पर भी खतरा पैदा हो गया है।

हालांकि, यूएन प्रबंधन ने कहा है कि वह अपने 37 हजार कर्मचारियों की तनख्वाह का प्रबंध करने की कोशिशों में जुटा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस संबंध में कर्मचारियों को एक पत्र भी लिखा है। इसमें कहा गया है कि यूएन पिछले एक दशक में सबसे बड़ी फंड की कमी से जूझ रहा है। इसके चलते महीने के अंत में स्टाफ और वेंडर्स को भुगतान में दिक्कत आ सकती है।

महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने खर्च में कटौती की बात की

संयुक्त राष्ट्र बजट की कमी से जूझ रहा है। इस वजह से यूएन में होने वाली बैठकें रद्द की जा रही हैं। अधिकृत यात्राएं सीमित कर दी गई हैं। दस्तावेज जारी करने में भी देरी हो रही है। एस्केलेटर बंद हो चुके हैं। एसी और हीटर के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। इससे पहले सोमवार को महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र के दुनियाभर में मौजूद कार्यालयों में खर्च की कटौती करने के आदेश दिए। उन्होंने कार्यालय प्रमुखों को आपातकालीन उपाय अपनाने को कहा।

अमेरिका की 1 अरब डॉलर की राशि बकाया

संयुक्त राष्ट्र प्रबंधन की प्रमुख कैथरीन पोलार्ड ने महासभा की बजट समिति को बताया कि 128 देशों ने यूएन को अपनी गतिविधियां संचालित करने के लिए 4 अक्टूबर तक 1.99 बिलियन डॉलर चुकाए हैं। पोलार्ड ने बताया कि 1.386 अरब डॉलर (9800 करोड़ रुपए) की राशि 65 देशों पर अभी भी बकाया है, जिसमें से अकेले अमेरिका को 1 अरब डॉलर देने हैं।

उन्होंने कहा- हाल ही के कुछ वर्षों में नियमित बजट में नकद राशि को लेकर जूझना पड़ रहा है। हर साल स्थिति बहुत ही खराब होती जा रही है।

 

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