कैप्टन अमरिंदर-सिद्धू के बीच तल्खी और बढ़ी, मुख्यमंत्री ने ली बिजली विभाग की बैठक
पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रिश्तों में और कड़वाहट आ गई है। बुधवार को बिजली विभाग की बैठक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ली।
चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी कैबिनेट के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तल्खी और बढ़ती जा रही है। कैप्टन अब बिजली विभाग की बैठक की अध्यक्षता करने के साथ विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी देने लगे हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री अमरिंदर ने पिछले महीने अपनी कैबिनेट में फेरबदल करते हुए सिद्धू से शहरी निकाय विभाग की जिम्मेदारी वापस ले ली थी और इसकी जगह उन्हें बिजली विभाग का प्रभार सौंपा। कैप्टन के इस कदम को सिद्धू के पर कतरने के रूप में देखा गया। सिद्धू को गत छह जून को बिजली विभाग का प्रभार मिला लेकिन उन्होंने आज तक इस विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है।
पंजाब कैबिनेट में फेरबदल के बाद से सिद्धू अपनी सरकार में सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। हालांकि, जिस दिन कैबिनेट में फेरबदल हुआ उस दिन उन्होंने ट्वीट कर ये जरूर कहा था कि उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसके बाद वह दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिले। इस मुलाकात की तस्वीर भी उन्होंने ट्वीट की। इसके बाद वह सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया।
इस बीच, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने सिद्धू पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन उनकी कार्रवाई से साफ लगता है कि वह पंजाब की राजनीति में सिद्धू को कमजोर करना चाहते हैं। पिछले दिनों राज्य के सतर्कता विभाग ने शहरी निकाय विभाग के कई दफ्तरों पर छापेमारी की कार्रवाई की। सतर्कता विभाग को शहरी निकाय विभाग की ओर से जारी लाइसेंस में कई तरह की अनियमितताओं की शिकायत मिली है। शहरी निकाय विभाग की जिम्मेदारी पहले सिद्घू के पास थी। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री निकाय विभाग की कथित अनियमितताओं की जांच के जरिए सिद्धू को घेरना चाहते हैं।
कैप्टन अमरिंदर और सिद्धू के बीच तनातनी नई नहीं है। सिद्धू शुरू से ही मख्यमंत्री अमरिंदर को अपना कैप्टन मानने से इंकार करते रहे हैं। सिद्धू का कहना है कि उनके कैप्टन अमरिंदर नहीं बल्कि राहुल गांधी है। वह कई मौकों पर अमरिंदर सिंह के निर्देशों का नाफरमानी कर चुके हैं। सिद्धू के इस रवैये पर पंजाब कैबिनेट के कई मंत्री अपनी नाराजगी जाहिर करने के साथ ही उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग कर चुके हैं। पंजाब कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि सिद्धू पार्टी हाईकमान से अपनी नजदीकियों का गलत फायदा उठाते हैं।