थैंक्सगिविंग / ट्रम्प पहले अफगानिस्तान दौरे पर अचानक पहुंचे; अमेरिकी सैनिकों को शुक्रिया कहा, साथ में डिनर भी किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अफगानिस्तान दौरे की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की, काबुल में वे महज ढाई घंटे रुके अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी को भी ट्रम्प के आने की जानकारी उनकी लैंडिंग के कुछ देर पहले ही दी गई थी ट्रम्प थैंक्सगिविंग डे के मौके पर सैनिकों को धन्यवाद देने अफगानिस्तान पहुंचे थे, अमेरिका में 1789 से ये दिन मनाया जा रहा
काबुल/वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प गुरुवार को अचानक अफगानिस्तान पहुंचे। थैंक्सगिविंग डे के मौके पर ट्रम्प अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ रहे अमेरिकी सैनिकों को शुक्रिया जताने गए थे। वे यहां महज ढाई घंटे रहे। यह उनका पहला अफगानिस्तान दौरा है। ट्रम्प ने इस दौरे की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की थी। सुरक्षा कारणों के चलते अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को भी ट्रम्प के आने की जानकारी उनकी लैंडिंग के कुछ देर पहले ही दी गई थी।
अमेरिका में नवंबर का चौथा गुरुवार थैंक्सगिविंग डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश में छुट्टी होती है। इस दिन लोग अपने परिचितों, मित्रों, परिवार के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। 1789 में कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के आग्रह के बाद पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने थैंक्सगिविंग डे की शुरुआत की थी।
खुद ही खाने की इच्छा जताई
ट्रम्प ने काबुल स्थित बगराम एयरफील्ड पर मौजूद सैनिकों से मुलाकात की। सैनिकों के साथ डिनर भी किया और सेल्फी भी खिंचवाई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सैनिकों से कहा कि मैं आपके साथ बात बाद में करूंगा, पहले कुछ खाना चाहता हूं। इसके बाद ट्रम्प ने अपने समकक्ष राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात भी की। ट्रम्प के इस प्रोग्राम को कवर करने के लिए कुछ ही रिपोर्टर उनके साथ गए थे।
अमेरिकी सैनिकों को अफगान राष्ट्रपति ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेनाओं के सपोर्ट और अफगान सैनिकों की बहादुरी से ही आईएस को हराने का रास्ता साफ हुआ।
सुरक्षा का खासा इंतजाम
ट्रम्प की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। उनके साथ 15 बख्तरबंद गाड़ियों का काफिला था। सैनिकों के पास अंधेरे में देख सकने में सक्षम गॉगल्स थे। अफसर हर लोकेशन पर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ले रहे थे।
किसी युद्धग्रस्त इलाके में ट्रम्प का दूसरा दौरा है। पिछले साल वे क्रिसमस के बाद इराक में अमेरिकी सैनिकों से मिलने पहुंचे थे।