मुंबई: आरे कॉलोनी में मेट्रो साइट पर विरोध प्रदर्शन, 100 लोग पुलिस हिरासत में
बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मुंबई के आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज करने के बाद शुक्रवार को पेड़ काटने का काम शुरू हो गया. हालांकि, कुछ देर में ही प्रदर्शनकारी भी वहां पहुंच गए और मेट्रो रेल साइट पर जमकर नारेबाजी की.
- बॉम्बे हाई कोर्ट के बाद आरे कॉलोनी में जारी है पेड़ों की कटाई
- प्रदर्शनकारी मेट्रो रेल साइट पर पहुंचकर जता रहे विरोध
- आदित्य ठाकरे समेत कई दिग्गजों ने कटान पर जताया ऐतराज
- 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी पुलिस हिरासत में
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मुंबई के आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज करने के बाद शुक्रवार को पेड़ काटने का काम शुरू हो गया. हालांकि, कुछ देर में ही प्रदर्शनकारी भी वहां पहुंच गए और मेट्रो रेल साइट पर जमकर नारेबाजी की.
आरे कॉलोनी की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दी है. कॉलोनी के तीन किलोमीटर तक के इलाके में किसी को पुलिस आने की इजाजत नहीं दे रही है. 100 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. मीडिया को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
इस बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, फिल्मकार ओनिर समेत कई बड़ी हस्तियों ने भी ट्विटर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. काटे जा रहे पेड़ों के वीडियो को ट्वीट कर रहे हैं. विरोध में लोग यह भी लिख रहे हैं कि आरे कॉलोनी को बर्बाद किया जा रहा है.
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर होने वाले चुनाव में भले ही शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन हो, लेकिन शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे आरे के जंगलों पर गठबंधन से अलग राय रखते हैं.
The vigour with which the @MumbaiMetro3 is slyly and swiftly cutting down an ecosystem in Aarey is shameful and disgusting. How about posting these officials in PoK, giving them charge to destroy terror camps rather than trees?
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) October 4, 2019
आदित्य ठाकरे ने जंगलों को काटे जाने का विरोध किया है, साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भी जता दिया है कि वे पर्यावरण के मुद्दे पर एकमत नहीं हैं.
आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर केंद्र सरकार के मंत्रालय का कोई मतलब नहीं है. मुंबई मेट्रो के निर्माण के साथ प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में बात करना है संवेदनहीनता है. आरे के आसपास के क्षेत्र में पर्यावरण को तबाह किया जा रहा है. अहंकार की लड़ाई इसे बनाने के उद्देश्य को नष्ट कर रही है.
Isn’t this illegal!?! This is happening at #Aarey right now. Why? How? @AUThackeray @mybmc @CMOMaharashtra @TOIIndiaNews @MumbaiMirror @fayedsouza @VishalDadlani @ShraddhaKapoor pic.twitter.com/V8IrO6M2dU
— Dia Mirza (@deespeak) October 4, 2019
विरोध प्रदर्शन ज़्यादा हुआ तो कई बड़े लोग भी यहां आधी रात के बाद पहुंचने लगे. कुछ सेलिब्रिटीज के साथ शिव सेना नेता शुभ राउल और शीतल महात्रे भी पहुंचीं. इनका कहना था कि ज़मीन सरकारी है और उन्हें पूरा हक है ये जानने का कि यह पेड़ कटे हैं तो कितने कटे हैं. पूर्व मेयर शुभा राउल ने कहा कि सिर्फ पेड़ों की हत्या नहीं, ये डेमोक्रेसी की भी हत्या है.
In the cover of darkness the axe falls on our trees . RIP #AareyForest … we failed you . My heart breaks to know that by morning many proud erect trees will have fallen to human greed . pic.twitter.com/VJdnRl7o6c
— Onir (@IamOnir) October 4, 2019
दरअसल प्रदर्शनकारियों का विरोध मेट्रो प्रोजेक्ट के खिलाफ नहीं है. सिर्फ वे यह नहीं चाहते कि कारशेड यहां के 2600 से ज़्यादा पेड़ों को काट कर बने.
हिंदू धर्म सिखाता है की सूर्य के ढलने के बाद एक भी पत्ता पेड़ से नहीं काँटा जा सकता! यहां कलयुग में सारे झाड़ के झाड काँटे जा रहे हैं :शर्मनाक! #Aarey #FridayFeeling #FridayThoughts @sabrangindia @amrita_02 @PreetiSMenon @RahulGandhi @SitaramYechury @alterlaw @ArvindKejriwal pic.twitter.com/5nbl3TDBXQ
— Teesta Setalvad (@TeestaSetalvad) October 4, 2019
एमएमआरसीएल का कहना है कि उनके पास पेड़ काटने की अनुमति है. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एमएमआरसीएल ये पेड़ तभी काट सकता है, जब परमिशन को म्युनिसिपल कारपोरेशन के वेबसाइट पर अपलोड होने के 15 दिन बीत चुके हों.
चिपको आंदोलन जैसा माहौल
वन प्रेमी और सामाजिकर कार्यकर्ता उन पेड़ों से चिपकने जा रहे हैं, जहां कटान की होने वाली है. पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन आरे के समर्थक इकट्ठे हो रहे हैं. इस दौरान पुलिस को कुछ जगहों पर लोगों को हटाने के लिए जूझती नजर आ रही है.
कुछ महिलाएं शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही थीं तभी पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि महज 2 घंटे के भीतर 300 से ज्यादा पेड़ों की कटाई हो गई है.
15 दिन का ये समय याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए काफी था. लेकिन रातोरात अचानक पेड़ कटने से सब सदमे में आ गए.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एनजीओ वनाशक्ति के जरिए आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया. पेड़ों को काटने के खिलाफ दूसरी याचिका को भी बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी के फैसले के खिलाफ सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. बीएमसी ने मुंबई के आरे जंगल में मेट्रो कार शेड के लिए 2700 से ज्यादा पेड़ों की कटाई की अनुमति दी गई थी.
पीएम मोदी को पत्र
आरे जंगल में पेड़ों को काटने के विरोध में पर्यावरणविद और वकील गॉडफ्रे पिमेंता ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. पत्र में कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन सबका साथ सबका विकास को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना चाहिए था. हम उम्मीद करते हैं कि आरे मिल्क कॉलोनी की सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए जाएंगे.
क्या है विवाद
मुंबई के आरे क्षेत्र में मेट्रो कार शेड बनना है. इसके लिए आरे के जंगलों के 2,700 पेड़ काटे जाने है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. मेट्रो के लिए पेड़ों की कटाई का मुंबई की सड़कों पर उतरकर लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं. लता मंगेशकर, अभिनेत्री श्रद्धा कपूर समेत कई हस्तियों ने पेड़ काटने का विरोध किया है.