बठिंडा सिविल अस्पताल में डाक्टरों से हाथोंपाई करने के मामले में तीन लोगों पर केस दर्ज कर दो को किया गिरफ्तार

-पुलिस ने थेेलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन के दो पदाधिकारियों को किया गिरफ्तार, आम आदमी पार्टी के प्रधान नवदीप सिंह जिंदा पर भी दर्ज किया है केस। एसोसिएशन व आप नेताओं ने मारपीट व गाली गलोच के आरोपों को बताया निराधार, वही सिविल अस्पताल प्रबंधन पर लगाया आरोपी लोगों को बचाने का आरोप। गत बुधवार को बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामले में कर रहे थे विरोध।

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बठिंडा. सिविल अस्पताल बठिंडा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी पोजटिव रक्त चढ़ाने के मामले में विरोध कर रहे थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ राजनीतिक दलों के नेताओं पर अस्पताल के अधिकारियों व डाक्टरों के साथ हाथोंपाई करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। कोतवाली पुलिस के पास सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह ने लिखित शिकायत गत बुधवार को दी थी थी। इसमें पुलिस ने मौके पर दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

फिलहाल इस घटना के बाद अब राजनीतिक तौर पर पारा एक बार फिर से बढ़ गया है। इसमें आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रशासन आरोपियों को बचाने के लिए अब मामले को जानबूझकर मारपीट व बदसलूकी के साथ जोड़ रहा है। वही आप ने इस मामले में असल दोषियों को सजा दिलवाने तक आंदोलन करने की चेतावनी दे चुकी है। फिलहाल कोतवाली पुलिस के पास एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह ने शिकायत दी है कि गत बुधवार को सिविल अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को रक्त चढ़ाने के मामले मे थेलेसीमियां एसोसिएशन के पदाधिकारी, आम आदमी पार्टी के नेता व शिव सेना हिंदुस्तान के नेता सिविल अस्पताल में पहुंचे थे।

इस बाबत बढ़ते विवाद के चलते ब्लड बैंक के इंचार्ज बीटीओ डा.रजिंदर कुमार को अपने दफ्तर में बुलाया था व उनके साथ अन्य डाक्टर भी उनके पास आकर बैठे थे ताकि ब्लड बैंक में आ रही दिक्कतों को हल कियाजा सके। इसी दौरान उनके दफ्तर में तैलेसीमिया एसोसिएशन के प्रधान सुरेश पाल वासी मैहणा चौक बठिंडा, सुखचैन सिंह वासी जोगानंद व आम आदमी पार्टी के प्रधान नवदीप सिंह जिंदा वासी जिंदा गांव व कुछ अन्य दलों के नेता अचानक से पहुंचे व उन्होंने हो रही बैठक का विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ डाक्टरों ने उनके बात करने की कोशिश की लेकिन उक्त लोग बीटीओ व उनके साथ गाली गलोच करने व हाथोंपाई पर उतर आए। मामले को बढ़ता देख एसएमओ ने मामले में कोतवाली पुलिस को सूचित किया। इसमें मौके पर पुलिस ने पहुंचकर मौके पर सुरेश पाल व सुखचैन सिंह को गिरफ्तार कर लिया जबकि राजनीतिक दलों के नेता मौके से चले गए। फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दूसरी तरफ आप के नेता नवदीप सिंह जिंदा ने पुलिस कारगुजारी पर सवाल उठाए हैं उनका कहना है कि उन्होंने सिविल अस्पताल में लोगों को हो रही परेशानी के संबंध में अधिकारियों से सवाल किए थे व उन्हें कहा था कि ब्लड बैंक व लैब में लोगों को न तो ब्लड मिल रहा है और न ही किसी तरह के टेस्ट हो रहे हैं वही अधिकारी इस समस्या का हल निकालने की बजाय बैठक करने में व्यस्त हो रहे हैं। यही नहीं जब वह दफ्तर में गए तो वहां बैठक नहीं हो रही थी बल्कि डाक्टर चाय पीने में व्यस्त थे जबकि अस्पताल के बाहर दर्जनों लोग डाक्टरों के आने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने हाथोंपाई करने व गाली गलोच करने के आरोपों को गलत बतया। वही कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नेता उनका काम है कि वह लोगों की समस्या अफसरों को बताए लेकिन अफसर लोगों की समस्या हल करवाने की बजाय उन पर ही मामले दर्ज करवा रहे हैं। उन्होंने ब्लड बैंक में मरीजों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में विरोध जारी रखने व इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कारर्वाई करवाने के लिए कानून का सहारा लेने की बात भी कही। वही थेलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन ने भी पुलिस कारगुजारी पर सवाल उठाते कहां कि पुलिस आरोपी डाक्टरों व बच्चों को गलत रक्त चढ़ाने वाले आरोपियों को बचाने में सहयोग कर रही है।

बुधवार को सिविल अस्पताल के अधिकारियों के साथ उनकी बहस जरूर हुई लेकिन उन पर मारपीट करने व गाली गलोच करने के आरोप गलत है। इसमें सिविल अस्पताल प्रबंधन मासूम बच्चों को एचआईवी रक्त चढ़ाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को बचाने के लिए मामले को नई रंगत दे रहे हैं जबकि घटित घटनाक्रम में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसे गैरकानूनी कहा जाए। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे लोगों का विरोध करना उनका अधिकार है व ऐसे लोगों पर सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए जो बार-बार एक ही गलती को अपने हित साधने के लिए दोहरा रहे हैं।

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