जम्मू: जम्मू कश्मीर में पहली बार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट आयोजित किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अक्टूबर 12 से 14 के बीच ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट आयोजित करने का फैसला लिया है. श्रीनगर में 12 अक्टूबर को इस कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इस कार्यक्रम में 2000 से ज्यादा निवेशक हिस्सा लेंगे. राज्य के प्रधान उद्योग सचिव नवीन चौधरी ने कहा कि निवेशक सम्मेलन जम्मू कश्मीर को अपनी मजबूती, रणनीति और विभिन्न क्षेत्रों संभावना को दिखाने का अवसर देगा. उन्होंने कहा कि यह उद्योग एवं कारोबारी समुदाय के मन में भय और आशंकाओं को दूर करने का भी मौका उपलब्ध कराएगा.
जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर अधिकारी का बयान
उधर राज्य के मौजूदा हालात पर जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रधान सचिव और प्रवक्ता रोहित कंसल ने आज कहा कि कश्मीर के भागों में संबंधित स्थानीय अधिकारियों के आकलन के आधार पर चरणबद्ध तरीके से पाबंदियों में ढील दी जा रही है. प्रधान सचिव ने कहा, ‘‘हम यह आशा करते हैं कि (15 अगस्त के) स्वतंत्रता दिवस समारोहों के लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विभिन्न जिलों में चल रहे ‘फुल ड्रेस रिहर्सल’ के समाप्त होने के बाद और अधिक ढील (पाबंदियों में) दी जाएगी.’’
लगभग हफ्ते भर पहले जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने के केंद्र के फैसले के बाद सुरक्षा कारणों को लेकर ये पाबंदियां लगाई गई थी. कश्मीर में सबसे पहले नौ अगस्त को पाबंदियों में ढील दी गयी ताकि लोग स्थानीय मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा कर सकें. सोमवार को ईद-उल-अजहा से पहले भी पाबंदियों में ढील दी गयी.
कंसल ने कहा कि प्रशासन राज्य के सभी हिस्सों में (पाबंदियों में) ढील देने की नीति अपना रहा है और सोमवार को ईद का त्योहार और नमाज शांतिपूर्ण रहे. उन्होंने कहा कि निरंतर यह कोशिश की जा रही है कि लोगों को रोक-टोक का सामना नहीं करना पड़े और उन्हें हरसंभव तरीके से सुविधाएं मुहैया की जाए.
प्रधान सचिव ने कहा कि जहां तक संचार की बात है, स्थानीय लोगों के लिए 300 ‘पब्लिक बूथ’ स्थापित किये गए हैं, जहां से वे अपने सगे-संबंधियों और अन्य लोगों से बात कर सकते हैं. एक दिन में 5000 फोन कॉल किये गए. उन्होंने कहा कि सभी तरह की मेडिकल सेवाएं सामान्य रूप से और निर्बाध रूप से जारी हैं.