महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर महिलाओं के अत्याचारों और दहेज के झूठे मुकदमों से पीड़ित पतियों ने भारी संख्या में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। देश के विभिन्न राज्यों से आए पुरुषों ने सरकार से राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाने की मांग की। झारखंड के एक पिता रामनाथ दास ने अपने बेटे के साथ हुए अन्याय के खिलाफ महात्मा गांधी का रूप धारण कर सत्याग्रह जारी रखने का संदेश दिया।
रामनाथ दास ने बताया कि वह पूर्व सैनिक हैं। 2013 में उनकी बहू ने उनके बेटे और पूरे परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का झूठा मामला दर्ज कराया था। उनका बेटा मुंबई में इंजीनियर है। इस झूठे केस में अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।
तभी 2013 में उन्होंने पुरुषों के खिलाफ कानून के गलत प्रयोग की खिलाफत के लिए गैरसरकारी संस्था ‘सेव इंडियन इनोसेंट फैमिली’ की स्थापना की। तभी से वे पुरुषों के खिलाफ हो रहे अन्याय के लिए राष्ट्रीय पुरुष आयोग की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जयंती पर वे केंद्र सरकार तक देश के पीीड़ित पतियों की आवाज उठाने के लिए दिल्ली आए हैं।
प्रदर्शन में शामिल दिल्ली निवासी निशांत ने कहा कि उनकी शादी छह साल पहले हुई थी। शादी के दो घंटे बाद ही उनकी पत्नी मायके लौट गई। इसके बाद उनके और उनके परिवार के खिलाफ मारपीट व दहेज प्रताड़ना समेत अन्य झूठे केस दर्ज करा दिए। उन्होंने मांग की कि महिला कानूनों की तरह पुरुषों के हितों की रक्षा के लिए भी कानून बनाया जाए।
दिल्ली के ही नरेश ने बताया कि उनकी शादी 13 साल पहले हरियाणा से हुई थी। छह महीने बाद ही उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली गई। इसके बाद उनके पूरे परिवार के खिलाफ दहेज का झूठा मामला दर्ज करा दिया। इसके बाद से वे लगातार अदालत के चक्कर काट रहे हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि राष्ट्रीय पुरुष आयोग का गठन जरूरी है। प्रदर्शन में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के पीड़ित पुरुष पहुंचे।