बठिंडा। वर्धमान पोलीटेक्स इंडस्ट्री डबवाली रोड की तरफ से 265 बीघे 11 बिस्वे (करीब 595 एकड़) जमीन को इंडस्ट्री से रिहायशी क्षेत्र में तबदील किए बिना व सरकार को बनती फीस जमा करवाए बिना बेचने के मामले में पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर्स आफ वर्धमान पोलीटेक्स इंडस्ट्री और आनर आफ वर्धमान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में नगर निगम ने विजिलेंस विभाग की तरफ से दी गई रिपोर्ट के साथ प्रमोटर्स की तरफ से की गई बैठके व विभिन्न लोगों से चैक के माध्यम से वसूल की गई राशि के आधार पर कारर्वाई की है। हालांकि नगर निगम की तरफ से कंपनी को लिखित में भेजे नोटिस के जबाव में वर्धमान पोलीटेक्स इंडस्ट्री के प्रमोटर्स व प्रबंधकों ने जबाव दिया था कि उन्होंने सरकार के पास इंडस्ट्री स्पेस से रिहायशी स्पेस तबदीली संबंधी आवेदन किया है व इसमें जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। वही कंपनी की तरफ से दावा किया कि उन्होंने वर्धमान पोलीटेक्स इंडस्ट्री की जमीन पर किसी तरह की लेआउट तैयार नहीं की है और न ही इस संबंध में प्लाट बेचे गए है।
दूसरी तरफ नगर निगम ने दायर केस में स्पष्ट किया कि वर्धमान पोलीटेक्स इंडस्ट्री ने बकायदा पिछले कुछ समय में विभिन्न प्रापर्टी डीलरों व प्रमोटरों के साथ बैठके की है व इसकी बकायदा विडियोंग्राफी उनके पास है। इसमें प्रमोटर्स जमीन में प्लाट काटकर कालोनी के तौर पर विकसित करने व इसे बेचने के लिए लोगों से अपील करते सुनाई दे रहे हैं। वही वर्धमान पोलीटेक्स इंडस्ट्री की तरफ से बठिंडा व लुधियाना के विभिन्न बैंकखातों में प्रति प्लाट दो लाख रुपए की अग्रीम राशि भी वसूल की गई है जिसका खुलासा बैंक स्टेंटमेंट से होता है। यह राशि बकायदा चैंक के माध्यम से वसूल हुई है। इन तथ्यों से आधार पर स्पष्ट होता है कि कंपनी के डायरेक्टर्स व मालिक झूठ बोलकर गुमराह कर रहे हैं व सरकार को चेंज आफ लैंड यूज सहित विभिन्न टैक्सों व फीसों का भुगतान किए बिना कालोनी काट रहे हैं। इसी के चलते उनके खिलाफ बनती कानूनी कारर्वाई को अमल में लाया जा रहा है।
फिलहाल पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में डायरेक्टर्स व आनर के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही है जबकि इसमें अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि यह डायरेक्टर्स वर्धमान बठिंडा से संबंधित है या फिर अन्य किसी शाखा से जुड़े हैं। यही नहीं वर्धमान पोलीटेक्स इंडस्ट्री को बंद हुए काफी समय हो चुका है व वर्तमान में उक्त पदों पर कोई तैनाती है या नहीं इसी लेकर भी प्राथमिक रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं है। हालांकि नगर निगम दे दावों में विडियों के के साथ बैंक खातों की बात कही है। इसमें विडियों में किन लोगों ने कालोनी प्रमोट की है व किन लोगों के खातों में राशि गई है इसे लेकर भी स्थिति भ्रमक है जिससे केस कमजोर होने की आशंका जताई जा रही है।
करीब पांच माह से चल रहे विवाद में नगर निगम व पुलिस अभी तक स्पष्ट नहीं कर सकी है कि इस घपले में कौन लोग शामिल है व वर्तमान में उन लोगों का क्या स्टेंट्स है। दूसरी तरफ दावा किया जा रहा है कि उक्त मामला अब पुलिस की जांच से जुड़ा है। फिलहाल पुलिस आने वाले समय में आरोपी लोगों के संबंध में क्या एक्शन लेती है यह बाद में ही पता चल सकेंगा। नगर निगम की तरफ से दर्ज करवाई शिकायत में पुलिस ने कहा है कि नगर निगम, बठिंडा के कार्यालय से एक प्रमाणित मेल प्राप्त हुई है। इसमें एस.एस.पी. बठिंडा से कारर्वाई के लिए कहा है। इसमें वर्धमान पॉलीटेक्स औद्योगिक इकाई के अंतर्गत अनाधिकृत रूप से बेचे गए प्लॉटों के संबंध में मुख्यमंत्री पंजाब की तरफ से भी रिपोर्ट मांगी गई है और विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के माध्यम से यह बात सामने आई कि वर्धमान पॉलीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने बिना सरकारी फीस जमा किए कालोनी में प्लाटों को लेकर एक पेपर लो-आउट तैयार किया है। इसकी औद्योगिक कॉलोनी काटकर आवासीय प्रयोजन के लिए बेच दी गई है।
नगर निगम कमिश्नर बठिंडा ने 10 जनवरी 2025 को गहन जांच के लिए कहा था। वही कंपनी/इकाई से स्पष्टीकरण मांगा गया कि यदि कंपनी द्वारा बिना लेआउट अनुमोदन प्राप्त किए भूखंड खरीदा और बेचा जाता है तो उद्देश्य में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उक्त नोटिस के संबंध में कंपनी की ओर से यह जवाब प्राप्त हुआ है जिसमें कहा गया कि वर्धमान पॉलीटेक्स एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है और कंपनी 265 बीघे 11 बिस्वे गांव पट्टी झुट्टी तहसील वा जिला बठिंडा की मालिक है और कंपनी के जवाब के अनुसार उन्होंने इस औद्योगिक इकाई को आवासीय में बदलने के लिए पंजाब सरकार को आवेदन किया है और संभावना है कि यह उन्हें जल्द ही मिल जाएगी। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने न तो कोई लेआउट तैयार किया है और न ही कोई प्लॉट बेचा है। कंपनी की ओर से मिले जवाब को जब गहराई से पढ़ा गया तो सामने आया कि कंपनी की ओर से दिया गया जवाब तथ्यों पर आधारित नहीं है.
लुधियाना में डीएफसी 0009579 द्वारा विभिन्न लोगों से चेक के माध्यम से प्रति प्लॉट 2 लाख रुपये की वसूली की है और यहां तक कि कंपनी के मालिक द्वारा आम लोगों के साथ बैठक करने का एक वीडियो भी प्राप्त हुआ है। जिसमें लोगों को प्लॉट खरीदने और बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 16 जनवरी 2025 को विजिलेंस अधिकारी, स्थानीय निकाय विभाग ने जांच की थी। जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि संबंधित कंपनियों ने भोले-भाले लोगों को धोखा दिया है। रेरा अधिनियम के अनुसार, कॉलोनाइजर को अपनी कॉलोनी के भूखंडों को बेचने से पहले रेरा विभाग की शर्तों को पूरा करना होगा, अन्यथा मालिक/निदेशक द्वारा रेरा की धारा 59 और 60 और पंजाब अपार्टमेंट संपत्ति नियमितीकरण (पीएपीआरए) अधिनियम के तहत अध्याय 2 धारा 20 और पीएपीआरए अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 318 और 316 के तहत किए गए उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाएगा। वही इस मामले में लोगों को गुमराह करने व सरकार को चपत लगाने के चलते कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। इसमें 12 मार्च 2025 को कंपनी के मालिक/निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश पारित किया है।