बठिंडा नगर निगम चुनाव के लिए बिछाई बिसात,गली मुहल्लों में लगने लगे जनता दरबार
-फिर से शहर के विकास की की जा रही बात, पांच साल में जो काम नहीं हुए उन्हें करवाने के हो रहे वायदे इस बार के नगर निगम इस मायने में दूसरे चुनावों से अलग होने वाले हैं कि इसमें अकाली-भाजपा गठजोड़ नहीं होगा बल्कि भाजपा शहर के हर वार्ड में अपनी हाजिरी देंगी। वही इस बार आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ सभी वार्डों में पुराने दिग्गजों को टक्कर देने के लिए उतर रही है। कांग्रेस के पास सत्ता होने के साथ ताकत रहेगी वही अकाली दल अपने पुराने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है।
बठिडा. राज्य में नगर निगम व कौंसिलों के चुनाव की प्रक्रिया जनवरी से शुरू होने व फरवरी के पहले सप्ताह में चुनाव करवाने की सुगबुहाट के बीच सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने चुनावी दंगल में कूदना शुरू कर दिया है। हालांकि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी ने संभावित उम्मीदवारों पर मंथन शुरू करने के साथ उनकी लिस्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। वही अधिकतर दलों ने संभावित उम्मीदवारों की पीठ थपथपाकर उन्हें मैदान में उतरने के लिए हामी भी भर दी है। इसके बाद शहर में विभिन्न वार्डों की गलियों में राजनीतिक सभाएं होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इसमें संभावित उम्मीदवार लोगों से पिछले पांच साल में जो काम नहीं हो सके उन्हें पूरा करवाने का जहां आश्वासन दे रहे हैं वही अगले पांच साल देने व इलाके की नुहार बदलने के दावे कर रहे हैं। हालांकि लोग उनकी बातों को सुन रहे हैं लेकिन जिस तरह से पिछले पांच साल में शहर के हालात रहे व सभी दल हाउस में एक दूसरे के पैर खीचते रहे व विकास को एक तरफ धकेल कर अपने हितों को साधते रहे उससे लोग उनकी बातों पर विश्वास नहीं कर रहे हैं बल्कि इस बार वह वार्ड में तबदीली चाहते हैं व ऐसे व्यक्ति को पार्षद बनाना चाहते हैं जो उनके बीच का है हो और उनकी बातों को सुने व उनका मौके पर निपटारा करे।
इस बार के नगर निगम इस मायने में दूसरे चुनावों से अलग होने वाले हैं कि इसमें अकाली-भाजपा गठजोड़ नहीं होगा बल्कि भाजपा शहर के हर वार्ड में अपनी हाजिरी देंगी। वही इस बार आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ सभी वार्डों में पुराने दिग्गजों को टक्कर देने के लिए उतर रही है। कांग्रेस के पास सत्ता होने के साथ ताकत रहेगी वही अकाली दल अपने पुराने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है। इस बार के चुनावों में एक और अलग बात यह रहेंगी कि शहर के 50 वार्डों में हर दल के लिए बेहतर व जीतने वाले उम्मीदवारों की भारी कमी दिख रही है। ऐसे में नए चेहरों को मैदान में उतारने का जहां उन्हें फायदा होता दिख रहा है वही उन्हें राजनीतिक अनुभव नहीं होने का नुकसान भी होता दिखाई दे रहा है।
फिलहाल पंजाब सरकार की ओर से फरवरी से पहले नगर निगम के चुनाव करवाने की अधिसूचना जारी कर दी है। नगर निगम चुनाव को लेकर सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं और संभावी प्रत्याशियों की ओर से वोटरों के जोड़-तोड़ का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। संभावी प्रत्याशियों की ओर से अपने-अपने वार्डों में अपने बैनर के माध्यम से प्रचार करना शुरू कर दिया है। हालांकि किसी भी राजनीतिक दल की ओर से किसी भी व्यक्ति को टिक्ट की घोषणा नहीं की गई लेकिन एक-एक वार्ड में एक ही दल के कई-कई संभावी प्रत्याशी अपनी अपनी दावेदारी जता रहे हैं। ऐसे में टिकट का तो पता नहीं किसको मिलेगी लेकिन सभी अपनी टिकट पक्की मान कर चल रहे हैं।
चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी की ओर से शहर में विकास कार्यों में तेजी लाई जा रही है। प्रत्येक वार्ड में विकास कार्य शुरू करवा रखे हैं। उनकी कोशिश है कि चुनाव आचार सहिता लगने से पहले पहले विकास कार्य या तो निपटा दिए जाएं या फिर शुरू कर दिए जाएं।
अकाली दल ने कमर कसी
शिरोमणि अकाली दल की ओर से निगम चुनाव को लेकर अपनी पूरी तैयारी होने का दावा किया जा रहा है। उनका दावा है कि प्रत्येक वार्ड में बूथ स्तर पर उनकी नजर है और हाईकमान से मिल कर बहुत जल्द उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी। उनका कहना है कि ऐसा एक भी वार्ड नहीं है कि जिसमें उनके पास च्वायस न हो। वीजेपी के पास चुनौती के साथ अवसर भी
हालांकि बीजेपी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस बार उनको खुल कर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। क्योंकि पहले तो अकाली दल वाले ही हमें अपनी मर्जी से वार्ड देते थे। लेकिन अब हम सभी वार्डों पर खुल कर चुनाव लड़ सकेंगे। इस बार भारतीय जनता पार्टी के पास अवसर के साथ चुनौती भी बड़ी है।
आम आदमी पार्टी पहली बार निगम चुनाव में अपनी किस्मत अजमाएगी। इसके लिए अमृत लाल अग्रवाल को निगम चुनाव के इंचार्ज लगाया गया है। अग्रवाल का कहना है कि उनकी ओर से चुनाव की पूरी तैयारी कर ली गई है और हाईकमान से चर्चा करके बहुत जल्द उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी।