द बठिंडा डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन (टीबीडीसीए) ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को सौंपा मांग पत्र
-ऑनलाइन दवाइयों के कारोबार पर केंद्र सरकार से प्रतिबंध की मांग, ऑनलाइन दवाइयों के कारोबार से आम जनता की सेहत पर पड़ रहा है बुरा प्रभाव, नौजवान हो रहे नशे के आदी: अशोक बालियांवाली
हरिदत्त जोशी बठिंडा, 12 जुलाई. द बठिंडा डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन (टीबीडीसीए) द्वारा केमिस्टों की समस्याओं के समाधान हेतु जिला प्रधान अशोक बालियांवाली की अगुवाई में बठिंडा तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को मांग पत्र सौंपा गया। उक्त प्रतिनिधिमंडल में अशोक बालियांवाली के साथ जिला वित्त सचिव रमेश गर्ग, रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के प्रीतम सिंह विर्क, जसवीर सिंह मेहराज, होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन से हरीश कुमार टिंकू, अमृत सिंगला, वरिंदर कुमार डिम्मी, अनिल कुमार, रिटेल केमिस्ट से गुरजिंदर सिंह साहनी, सुरेश तायल, हरमेल सिंह सुखलद्धी तथा अन्य केमिस्ट उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात करते हुए उक्त प्रतिनिधिमंडल द्वारा केमिस्टों को आ रही समस्याओं के समाधान हेतु केंद्र सरकार से अपील की गई। इस बाबत जानकारी देते हुए अशोक बालियांवाली ने बताया कि मौजूदा समय में दवाइयों के ऑनलाइन कारोबार के कारण छोटे दुकानदार बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गए हैं, जबकि ऑनलाइन दवाइयों के इस कारोबार का आम जनता की सेहत पर भी बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मानयोग दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा एआईओसीडी की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दवाइयों के ऑनलाइन कारोबार पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए थे, परंतु सरकार के सहयोग तथा कार्पोरेट कंपनियों द्वारा की जाती फंडिंग के कारण यह कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में मानयोग गुजरात हाई कोर्ट द्वारा भी दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से ऑनलाइन दवाइयों के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को अनवरत जारी रखा गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन दवाइयों के कारोबार में अक्सर यह बात देखने में आ रही है कि कुछ कथित डॉक्टरों द्वारा दवाइयों की पर्चियां मरीजों को लिख कर दी जा रही हैं, वहीं ऑनलाइन दवा कंपनियों द्वारा भी बिना किसी जांच पड़ताल के उक्त दवाइयां मरीजों तक पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे एक बात देखने को मिल रही है कि ऑनलाइन दवाइयों की सप्लाई के बाद मरीजों द्वारा उक्त दवाइयों के सेवन से उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जबकि अभी तक यह सामने नहीं आया है कि ऑनलाइन दवाइयों की पर्चियां लिखने वाले डॉक्टर डिग्री होल्डर हैं या नहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ यह भी देखने को मिल रहा है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा भी ऑनलाइन प्रतिबंधित दवाइयों के ऑर्डर दिए जा रहे हैं और ऑनलाइन दवा कंपनियों द्वारा उक्त बच्चों तक भी यह दवाइयां पहुंचाई जा रही है, जिस कारण जहां बच्चों की सेहत पर छोटी उम्र में ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है, वहीं बच्चे प्रतिबंधित दवाइयों का सेवन करके नशे का शिकार भी हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि ड्रग्स तथा प्रिस्क्रिप्शन दवाइयों को बेचने वाली वेबसाइटों के पास ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 18 के तहत जरूरी लाइसेंस नहीं है, जिसे ड्रग्स रूल्स 1945 के अधिनियम 61 तथा 62 के साथ दिया जाता है, इसके अलावा यह भी चौंकाने वाली बात सामने आई है कि ऑनलाइन फार्मेसियों में कुछ निर्धारित दवाइयां बिना किसी नुस्खे के दी जाती हैं और इसके लिए ई फार्मेसी फर्मों को लाइसेंस जारी करने बाबत भी कोई प्रावधान नहीं है, फिर भी यह व्यापार धड़ल्ले से लगातार जारी है। अशोक बालियांवाली ने कहा कि ऑनलाइन दवा का कारोबार करने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस राष्ट्रीय ड्रग विभाग द्वारा जारी नहीं किए जाते हैं, जिस कारण यह कारोबार पूर्ण तौर पर गैरकानूनी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को मांग पत्र सौंपते हुए केंद्र सरकार से ऑनलाइन दवा के व्यापार को बंद करने की अपील की है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह उनकी उक्त मांग केंद्रीय सेहत मंत्री तक पहुंचा कर उक्त मांग का समाधान करवाएंगे। अशोक बालियांवाली ने बताया कि इस दौरान केमिस्टों को आ रही कई अन्य परेशानियों के समाधान की मांग भी केंद्रीय मंत्री के सामने रखी गई व केंद्रीय मंत्री द्वारा उक्त परेशानियों के हल बाबत आश्वासन दिया गया।