हंदवाड़ा के शहीदों को पीएम मोदी की श्रद्धांजलि, राजनाथ सिंह बोले- बलिदान भूलेंगे नहीं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को देश का नुकसान बताते हुए कहा कि उनका बलिदान कभी भी नहीं भुलाया जा सकता. उन्होंने हंदवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए अदम्य साहस और बलिदान का परिचय दिया है.
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शहीदों ने दिया अदम्य साहस का परिचय
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यह बलिदान और साहस कभी भुलाया नहीं जा सकता
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों और आंतकियों के बीच एनकाउंटर में 21 राष्ट्रीय रायफल्स के कमांडिंग कर्नल ऑफिसर आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद समेत पांच लोग शहीद हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुये लिखा, ‘ हंदवाड़ा में शहीद हुए हमारे साहसी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि. उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने अत्यंत समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की और हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए अथक परिश्रम किया. उनके परिवारों और दोस्तों के प्रति संवेदना.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘हंदवाड़ा में जवानों और सुरक्षाकर्मियों का शहीद होना दुखद और परेशान करनेवाला है. हमारे सभी जवानों ने आंतकियों से लड़ने में अदम्य साहस का परिचय दिया है. उनका यह बलिदान और साहस कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा- “मैं हंदवाड़ा में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान शहीद हुए सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मेरी संवेदनाएं शहीदों के परिवार के साथ हैं. भारत इन बहादुर शहीदों के परिवारवालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.”
कोरोना महामारी से लड़ाई के बीच उधर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ाई जारी है. लेकिन रविवार सुबह उस वक्त माहोल गमगीन हो गया जब मालूम चला कि हंदवाड़ा के राजवार इलाके में मुठभेड़ के दौरान पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए.
शहीद सुरक्षाकर्मियों में 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राकेश, लांस नायक दिनेश के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर शकील काजी शहीद हो गए.
हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने मुठभेड़ में दो आतंकी को भी ढेर कर दिया. मरने वाले दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के थे. एक आतंकी स्थानीय बताया जा रहा है.
कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, 21-राष्ट्रीय राइफल्स की कमान संभाल रहे थे. 21-राष्ट्रीय राइफल्स हंदवाड़ा इलाके में निगेहबानी करती है. और कर्नल आशुतोष शर्मा एक जांबाज ऑफिसर. शुक्रवार को जैसे ही उन्हें आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली वो अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए सर्च ऑपरेशन के लिए निकल पड़े. लेकिन जिस घर में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी दरअसल वो वहां नहीं थे.
कर्नल आशुतोष शर्मा आतंकियों को घेरने जिस घर में दाखिल हुए आतंकी दरअसल उसी घर में थे. शनिवार दोपहर को बाहर से कमांड ले रहे ऑफिसर्स का कमांडिंग ऑफिसर से संपर्क टूट गया. आखिरकार रविवार को एक घर से सभी लोगों का शव बरामद हुआ. इसमें दो आतंकी समेत पांच सुरक्षाकर्मियों का मृत शरीर भी मौजूद था.
21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष अपनी साहस और वीरता की वजह से पहले भी चर्चा में रहे हैं. उन्हें दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. शहीद आशुतोष पिछले पांच सालों में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाने वाले कर्नल रैंक के पहले कमांडिंग अफसर थे.
इससे पहले साल 2015 के जनवरी में कश्मीर घाटी में कर्नल एमएन राय शहीद हुए थे. इसके अलावा, उसी साल नवंबर में कर्नल संतोष महादिक भी आतंकियों के खिलाफ अभियान में शहीद हो गए थे.