टेरर फंडिंग: कश्मीर की पहली महिला अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी पर NIA का शिकंजा, सीज किया घर
अब आसिया अंद्राबी श्रीनगर के अपने इस घर को तब तक नहीं बेच सकती, जब तक पूरे मामले की जांच चल रही है. हालांकि उसका परिवार यहां रह सकता है.
श्रीनगर. टेरर फंडिंग केस में गिरफ्तार अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के घर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अटैच कर लिया. अब आसिया अंद्राबी श्रीनगर के अपने इस घर को तब तक नहीं बेच सकती, जब तक पूरे मामले की जांच चल रही है. हालांकि उसका परिवार यहां रह सकता है.
National Investigation Agency attaches property of Kashmiri separatist leader Asiya Andrabi, in connection with a case registered against her. pic.twitter.com/9G6hgzM59J
— ANI (@ANI) July 10, 2019
एनआईए ने इस कार्रवाई के बाद कहा कि आसिया अंद्राबी के घर की कोई तलाशी नहीं ली गई और टेरर फंडिंग केस में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर उनका घर अटैच किया गया है.
अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी ने खुलासा किया है कि वह पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी के जरिये लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के करीब आई. अधिकारी दुख्तारन-ए-मिल्लत नेता अंद्राबी का रिश्तेदार था. अंद्राबी के साथ ही दो अलगाववादी नेताओं से इन दिनों एनआईए पूछताछ कर रही है.
कश्मीर यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक अंद्राबी चार साल पहले पाकिस्तानी झंडा फहराने और पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाने के कारण सुर्खियों में आई थी. अंद्राबी के इस काम के पीछे हाफिज सईद को माना जाता है.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक अंद्राबी का भतीजा पाकिस्तान सेना में कैप्टन रैंक का अधिकारी है. उसका एक अन्य करीबी रिश्तेदार पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में है. अंद्राबी के रिश्तेदार दुबई और सऊदी अरब में भी हैं जहां से वह फंड प्राप्त करती है और भारत के खिलाफ गतिविधियों में इस्तेमाल करती है.
एनआईए ने अंद्राबी के खिलाफ एक केस दर्ज किया है जिसके तहत जमात-उद-दावा के अमीर और लश्कर के मास्टरमाइंड सईद बड़े पैमाने पर अंद्राबी को फंड मुहैया कराते थे.
कश्मीर की पहली महिला अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के ऐसे हैं कारनामे
कश्मीर में महिलाओं का अलगाववादी संगठन दुख्तार-ए-मिल्लत चलाने वाली आसिया अंद्राबी के घर को सीज कर दिया गया है. आसिया के ऊपर टेरर फंडिंग का केस चल रहा है. एनआईए लगातार उससे पूछताछ कर रही है. आसिया अंद्राबी पर आरोप है कि उसने अपने घर का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया था.
कौन है आसिया अंद्राबी ?
आसिया अंद्राबी को कश्मीर की पहली महिला अलगाववादी नेता माना जाता है. आसिया अंद्राबी भारत सरकार के बैन किए महिला संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की संस्थापक हैं. ये संगठन कश्मीर में अलगाववादी ताकतों के हाथ मजबूत करने के लिए बनाया गया है. आसिया अंद्राबी का संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत (देश की बेटियां) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़ा महिला धड़ा है. 56 साल की आसिया अंद्राबी पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप है.
अंद्राबी कई बार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद का खुला समर्थन करती भी दिखी हैं. हाफिज सईद उसे अपनी मुंहबोली बहन मानता है. एनआईए ने आसिया अंद्राबी और हाफिज सईद के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत रिकॉर्ड की थी. बातचीत में हाफिज आसिया को बहन कहकर संबोधित कर रहा था.
आसिया अंद्राबी खुलेआम भारत का विरोध करती हैं. वो फेसबुक और ट्विटर पर भारत विरोधी पोस्ट और ट्वीट करती हैं. उसके ट्विटर हैंडल पर करीबी नजर डालने पर वहां उनके फॉलोअर्स में कई लश्कर आंतकी दिखे. इनमें से कुछ कश्मीर घाटी में सक्रीय हैं, वहीं कुछ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छुपे बैठे हैं. एनआईए के अधिकारियों ने बताया था कि उर्दू में किए अंद्राबी के ट्वीट्स का अनुवाद करवाया गया. अंद्राबी के खिलाफ एनआईए के पास कई सबूत हैं.
आसिया अंद्राबी पर हर 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर श्रीनगर में पाकिस्तानी झंडा फहराने, घाटी में लड़कियों को सुरक्षाबलों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के लिए भड़काने सहित कई मामले दर्ज हैं.
कश्मीर घाटी की युवा छात्राओं पर अंद्राबी का खासा असर माना जाता है. बताया जाता है कि साल 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहानी वानी की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद घाटी में उसी के उकसावे पर छात्राओं ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की थी.
नजरबंद होने के बावजूद देती रही हैं पाकिस्तान का साथ
आसिया की भारत विरोधी गतिविधियों की वजह से उसे कई बार उसे नजरबंद किया गया. लेकिन फिर भी वह खुलेआम पाकिस्तान में बैठे भारत विरोधी ताकतों का साथ देती रही.एनआईए के पास आसिया के खिलाफ काफी सबूत हैं कि उसने कई कॉलेज छात्राओं को सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी के लिए उकसाया.
अच्छी-खासी पढ़ी-लिखी महिला है आसिया अंद्राबी
आसिया ने बायोकेमेस्ट्री से ग्रैजुएशन और अरबी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. 1990 में उसकी हिज्बुल मुजाहिदीन के संस्थापकों में शामिल डॉ कासिम फक्तू से शादी हुई थी. सुरक्षाबलों ने 1993 में फक्तू को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद से वह जेल में ही बंद है. उस वक्त तक आसिया खुद भी बड़ी अलगाववादी नेता में शुमार की जाने लगी थी. आसिया के दोनों बेटे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं. बड़ा बेटा मेलबर्न से एमटेक, जबकि छोटा मलेशिया में इस्लामिक यूनिवर्सिटी का छात्र है.