जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद बुधवार को दिनभर शहर छावनी में तब्दील रहा। शहर की दुकानों में शटर गिरे रहे। 15 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू होने से सन्नाटा पसरा रहा। दोपहर बाद एसटीएफ, आरएसी और राजस्थान पुलिस के 200 जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- ये कोई बड़ा षड्यंत्र है। कुछ लोग प्रदेश में अशांति फैलाना चाहते हैं। पुलिस असामाजिक तत्वों और साम्प्रदायिक ताकतों का मुंहतोड़ जवाब दे।
जयपुर में दो समुदायों के बीच रविवार से शुरू हुए विवाद में मंगलवार रात फिर हिंसा भड़क गई थी। शहर के रावलजी चौराहे और बदनपुरा इलाके में दोनों पक्ष फिर से आमने-सामने आने से पथराव हो गया। 30 से अधिक वाहनों में तोड़फोड़ कर दी गई। पथराव में 10 लोग घायल हो गए थे। शहर के 15 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू है। बुधवार को दूसरे दिन भी इंटरनेट पर रोक लगा दी गई।
उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा था। पुलिस ने उपद्रवियाें पर आंसू गैस के गाेले छाेड़े और लाठियां भांजकर भीड़ को खदेड़ा था। पुलिस ने 8 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है और 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इन क्षेत्रों में लगाई गई है धारा 144
पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि गलतागेट, रामगंज, सुभाष चाैक, माणक चाैक, ब्रह्मपुरी, काेतवाली, संजय सर्किल, नाहरगढ़, शास्त्रीनगर, भट्टा बस्ती, आदर्शनगर, माेतीडूंगरी, लालकाेठी, टीपी नगर और जवाहर नगर इलाके में धारा 144 लगाई गई है।
कई इलाके छावनी में तब्दील
11 अगस्त को चार दरवाजा के पास शिव मंदिर में कांवड़ चढ़ा रहे लोगों पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव हाे गया। सोमवार रात को यह उग्र हो गया। भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। पूरे इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया। मंगलवार सुबह उपद्रवियों ने गलता गेट क्षेत्र में एक धार्मिक स्थल पर पथराव किया था। रात 10.30 बजे दो पक्षों में कहासुनी हुई और तनाव बढ़ गया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- पुलिस पूरी तरह फेल, हिंसा करने वालों पर अब तक कार्रवाई नहीं
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने पुलिस कमिश्नर से कहा कि प्रदेश की राजधानी में लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। पुलिस इसकी रोकथाम में पूरी तरह फेल हो रही है। लोगों का धर्म पूछकर मारपीट की गई। उनकी गाड़ियां तोड़ दी गईं। पूरे प्रदेश की क्या स्थिति होगी, समझा जा सकता है। कटारिया ने कहा- पुलिस अगर हमला करने वालों और उससे बचने की कोशिश करने वालों दोनों के खिलाफ एक ही तरह की कार्रवाई करेगी, तो अपराधियों के हौंसले बुलन्द होंगे और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठेंगे।