बड़ी खबर! 1 दिसंबर से मोबाइल पर बात करना हो सकता है महंगा, इतने रुपये तक बढ़ सकते हैं टैरिफ
1 दिसंबर से मोबाइल फोन उपभोक्ताओं के लिए कॉलिंग के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना भी महंगा हो जाएगा. मतलब साफ है कि टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ प्लान के दाम बढ़ाने की तैयारी में है. टेलीकॉम कंपनियां (Idea, Vodafone, Airtel) इसको लेकर पहले ही ऐलान कर चुकी है.
नई दिल्ली. इस साल के आखिरी महीने की पहली तारीख से आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ सकता है. 1 दिसंबर से मोबाइल फोन उपभोक्ताओं के लिए कॉलिंग (Vodafone, Idea, Airtel to increase tariffs 1 December) के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना भी महंगा हो जाएगा. मतलब साफ है कि टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ प्लान के दाम बढ़ाने की तैयारी में है. टेलीकॉम कंपनियां (Idea, Vodafone, Airtel) इसको लेकर पहले ही ऐलान कर चुकी है. टेलीकॉम सेक्टर के जानकारों का कहना है कि 14 साल पुराने एडजेस्टेड ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों पर देनदारी का दबाव बढ़ गया है. इसीलिए कंपनियों ने टैरिफ प्लान के रेट्स बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली है.
1 दिसंबर से महंगा होगा फोन पर बात करना- भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया 1 दिसंबर 2019 से अपने टैरिफ प्लान में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं. एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के भारी भरकम बकाए को भरने के लिए दोनों कंपनियां ऐसा करने पर विचार कर रही हैं. हालांकि, दोनों कंपनियों ने अभी यह नहीं साफ किया है कि वह मोबाइल टैरिफ कितना महंगा करेंगी.
>> भारती एयरटेल का कहना है कि टेलिकॉम सेक्टर में नई तकनीक लगाने के लिए बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत है, इसलिए टैरिफ बढ़ाया जाएगा.
> मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि एयरटेल का 100 रुपए का रिचार्ज 135 रुपए तक महंगा हो सकता है.
>> यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि रिचार्ज कीमत न बढ़ाई जाए, बल्कि कुछ सर्विस (वाइस कॉल, एसएमएस या डेटा) कम कर दिया जाए. हालांकि, पूरी तस्वीर एक-दो दिन बाद ही साफ हो पाएगी.
>> वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने कहा कि वह टैरिफ में बढ़ोतरी करेगी, जो एक दिसंबर से प्रभावी होगा.
एजीआर मामले से कंपनियों पर बढ़ा दाम बढ़ाने का दबाव- सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर विवाद पर दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ आदेश दिया था, इसमें ऑपरेटरों को सरकार को भारी बकाए का भुगतान करना होगा. ऐसे में कंपनियां टैरिफ बढ़ाकर इसकी पूर्ति करना चाहती हैं. यदि कंपनियां टैरिफ बाउचर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करती हैं तो इससे उन्हें अगले 3 सालों में 35 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है.