साल का आखिरी सूर्य ग्रहण:जम्मू से लेकर भोपाल तक आया नजर, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई दिया

Surya Grahan 2022 Solar Eclipse 2022 Date Time in India: आज यानी 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लग रहा है. भारत में ग्रहण शाम करीब 4 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे खत्म होगा. आज सुबह चार बजे से ही सूतक काल प्रभावी हो गया है. ग्रहण को भारत के कई शहरों समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है. भारत में सबसे पहले अमृतसर में 4.19 पर दिखेगा, 10 साल बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण

नई दिल्ली: आज (25 अक्टूबर को) साल का आखिरी सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। आज का ग्रहण भारत में करीब 2 घंटे तक दिखेगा। इसे देश के अधिकतर हिस्सों में देखा जा सकेगा। देश में सबसे पहले इसे अमृतसर में शाम 4.19 बजे से देखा गया। वहीं, मुंबई में शाम 6.09 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। ज्यादातर जगह ग्रहण सूर्यास्त के साथ ही खत्म होगा।बिड़ला तारामंडल, कोलकाता के खगोल वैज्ञानिक देवी प्रसाद दुआरी के मुताबिक सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में आसानी से देखा जा सकेगा। देश के पूर्वी हिस्सों में ये ग्रहण दिख नहीं पाएगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में उस समय सूर्यास्त हो चुका होगा। ग्रहण की शुरुआत शाम 4 बजे के बाद हो जाएगी। ग्रहण का समय अलग-अलग जगहों के हिसाब अलग-अलग रहेगा, 4.50 बजे तक ग्रहण अधिकतर शहरों में दिखने लगेगा।

आज (25 अक्टूबर को) साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। आज का ग्रहण भारत में करीब 2 घंटे का रहेगा। सूर्यग्रहण भारत के अधिकतर हिस्सों में दिखेगा। सबसे पहले इसे अमृतसर में शाम 4.19 बजे से देखा जा सकेगा। वहीं, मुंबई में शाम 6.09 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। ज्यादातर जगह ग्रहण सूर्यास्त के साथ ही खत्म होगा।

दुनियाभर की बात करें, तो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक आज का सूर्य ग्रहण यूरोप, नॉर्थ-ईस्ट अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया में दिखाई देगा। इस सूर्य ग्रहण के बाद 8 नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण भी होगा, जो एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में दिखेगा।

स्थान के आधार पर इसके प्रारंभ और समापन के समय में थोड़ा बहुत परिवर्तन संभव है. तो चलिए जानते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़े सभी अपडेट.

बताया गया कि अमावस्या के दिन सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी करीब-करीब एक सीधी रेखा में होंगे. आज यानी 25 अक्टूबर को सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक समान पटल पर होंगे, जिससे चंद्रमा थोड़े समय के लिए आंशिक रूप से सूर्य को ढंक लेगा. इससे चंद्रमा के छाया क्षेत्र में पड़ने वाले क्षेत्रों में आंशिक सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा.

Surya Grahan 2022: जानें कुमाउं में सूर्य ग्रहण की टाइमिंग

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मंगलवार को लगने जा रहा है. ग्रहण को उत्तराखंड में भी देखा जा सकता है. राज्य के कुमाऊं मंडल में सूर्य ग्रहण शाम 04.28 बजे शुरू होगा, जो 05.32 बजे तक रहेगा.

Surya Grahan 2022 Live Updates: सूर्य ग्रहण के दौरान किन बातों का रखें ध्यान

सूर्य ग्रहण के दिन पूजा-पाठ वर्जित होता है. इस दिन ग्रहण काल में भगवान के नाम का जाप ही करना चाहिए. माना जाता है कि सूर्य भगवान पर ग्रहण का साया है, इसलिए कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इस समय में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखना होता है. सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और पूजा पाठ करते हैं.

Surya Grahan Solar Eclipse 2022: आज कब है सूर्य ग्रहण 2022

कब शुरू होगा सूर्य ग्रहण: 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 28 मिनट से
कब खत्म होगा सूर्य ग्रहण: 25 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 30 मिनट पर
सूर्य ग्रहण का कुल समय: एक घंटा 13 मिनट तक

Surya Grahan 2022: देश के प्रमुख शहरों में कब से कितने बजे तक ग्रहण

नई दिल्ली: शाम 04:28 बजे से शुरू और शाम 05:42 बजे समापन
कोलकाता: शाम 04:51 बजे से शुरू और शाम 05:04 बजे समापन
मुंबई: शाम 04:49 बजे से शुरू और शाम 06:09 बजे समापन
चेन्नई: शाम 05:13 बजे से शुरू और शाम 05:45 बजे समापन
पटना: शाम 04:42 बजे से शुरू और शाम 05:14 बजे समापन
जयपुर: शाम 04:31 बजे से शुरू और शाम 05:50 बजे समापन
लखनऊ: शाम 04:36 बजे से शुरू और शाम 05:29 बजे समापन
बेंगलूरु: शाम 05:12 बजे से शुरू और शाम 05:56 बजे समापन
अहमदाबाद: शाम 04:38 बजे से शुरू और शाम 06:06 बजे समापन
नागपुर: शाम 04:49 बजे बजे से शुरू और शाम 05:42 बजे समापन
चंडीगढ़: शाम 04:23 बजे बजे से शुरू और शाम 05:41 बजे समापन
भोपाल: शाम 04:42 बजे बजे से शुरू और शाम 05:47 बजे समापन
पुणे: शाम 04:51 बजे बजे से शुरू और शाम 06:06 बजे समापन

Surya Grahan 2022: क्या है सूतक काल का समय

सूतक काल का प्रारंभ: 25 अक्टूबर, प्रात: 03:17 बजे से
सूतक काल का समापन: 25 अक्टूबर, शाम 05:42 बजे पर

सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण प्रारंभ के समय से 12 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है और ग्रहण के समापन के साथ खत्म होता है. सूतक काल में कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. इसके अलावा इसमें भोजन करना, शयन करना, गर्भवती महिलाओं का बाहर जाना जैसे कार्य वर्जित होते हैं. आज के सूर्य ग्रहण के लिए सुबह 03:17 बजे के करीब में ही सूतक काल शुरू हो गया.

सवाल-जवाब में जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास बातें

सवाल: क्या हमारे देश में आज के सूर्य ग्रहण का सूतक रहेगा?
जवाब: जी हां, ये आंशिक सूर्य ग्रहण भारत के अधिकतर हिस्सों में दिखेगा, इस कारण सूर्य ग्रहण का सूतक सुबह करीब 4 बजे से शुरू हो गया है। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। दिवाली की रात स्थापित की गई लक्ष्मी जी की चौकी शाम को ग्रहण खत्म होने के बाद ही हटाएं। सूतक की वजह से सभी मंदिरों के पट बंद हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण होगा और फिर मंदिरों में भक्त दर्शन कर पाएंगे।

सवाल: सूर्य ग्रहण का समय कब से कब तक रहेगा?
जवाब- हिन्दी पंचांग के मुताबिक आज (25 अक्टूबर) शाम 4 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू होगा। अलग-अलग जगहों के हिसाब ग्रहण दिखने का समय अलग-अलग रहेगा, शाम करीब 4.50 बजे तक अधिकतर जगहों पर ग्रहण दिखने लगेगा। शाम 6.25 बजे ग्रहण खत्म होगा। जिन जगहों पर ग्रहण खत्म होने से पहले सूर्यास्त हो जाएगा, वहां सूर्यास्त के साथ ही ग्रहण और सूतक खत्म हो जाएगा।

सवाल: ग्रहण के समय कौन-कौन से धर्म-कर्म कर सकते हैं?
जवाब: जब ग्रहण का सूतक रहता है, तब पूजा-पाठ जैसे शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इस वजह से सभी मंदिर बंद रहते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद ही पूजा-पाठ की जाती है। ग्रहण के समय में बिना आवाज किए मंत्र जप किए जा सकते हैं। इस समय में जरूरतमंद लोगों को दान भी करना चाहिए।

सवाल: सूर्य ग्रहण क्यों होता है?
जवाब: धर्म और विज्ञान के नजरिए से इसके अलग-अलग कारण हैं। विज्ञान के मुताबिक पृथ्वी चंद्र के साथ सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्र पृथ्वी की परिक्रमा करता है। जब चंद्र परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में होते हैं, तब चंद्र की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। जहां-जहां चंद्र की छाया पड़ती है, वहां सूर्य नहीं दिखता है। इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। धर्म के नजरिए से ग्रहण की कथा राहु और केतु से जुड़ी है।

देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र को मथा तो अमृत निकला। विष्णु जी मोहिनी अवतार लेकर देवताओं को अमृत पान करा रहे थे।

एक असुर राहु देवताओं का वेश बनाकर देवताओं के बीच बैठ गया और उसने अमृत पी लिया। सूर्य और चंद्र राहु को पहचान गए और उन्होंने विष्णु जी को ये बात बता दी।

विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया, लेकिन राहु ने अमृत पी लिया था, इस कारण वह मरा नहीं। राहु के दो हिस्से हो गए। एक हिस्से को राहु और दूसरे हिस्से को केतु कहा जाता है।

राहु की शिकायत सूर्य और चंद्र ने की थी, इस कारण वह इन दोनों को दुश्मन मानता है और समय-समय पर इन दोनों ग्रहों को ग्रसता है, जिसे ग्रहण कहा जाता है।

सूर्यग्रहण के दौरान और बाद में किए गए उपाय काफी कारगर होते हैं. अगर सूर्य ग्रहण के ठीक बाद धन प्राप्ति के उपाए किए जाएं तो सफलता मिलती है. खास उपायों से प्राप्त होने वाले धन से घर में सम्पन्नता आती है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.