आईएनएक्स केस / चिदंबरम को जमानत, 106 दिन बाद तिहाड़ जेल से रिहा; सुप्रीम कोर्ट की शर्त- न तो सबूतों से छेड़छाड़ करें, न मीडिया में बयान दें
हाईकोर्ट में 15 नवंबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने दावा किया था कि चिदंबरम जेल में रहने के बावजूद गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिदंबरम ने कहा था कि जांच एजेंसी आधारहीन आरोप लगाकर उनका करियर और प्रतिष्ठा बर्बाद नहीं कर सकती। इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं है कि जमानत लेना उनका अधिकार है, लेकिन अगर ऐसे मामले में जमानत दी गई तो यह बड़े पैमाने पर लोगों के हितों के खिलाफ होगा, क्योंकि आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं।
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जस्टिस आर भानुमति की अगुआई वाली बेंच ने आईएनएक्स मीडिया के मनी लॉन्ड्रिंग केस में 28 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था
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पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम सितंबर से तिहाड़ जेल में बंद, भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें शीर्ष अदालत से जमानत मिल चुकी है
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इसके बाद 16 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम को जेल में ही गिरफ्तार कर लिया था
नई दिल्ली. आईएनएक्स मीडिया घोटाले में आरोपी पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (74) को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी सशर्त जमानत दे दी। देर शाम वे तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। इससे पहले अदालत ने कहा कि चिदंबरम किसी भी तरह से गवाहों और सबूतों को प्रभावित नहीं करेंगे। वे इस मामले में मीडिया में कोई बयान और इंटरव्यू भी नहीं दे सकते।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। चिदंबरम ने इस आदेश को चुनौती दी थी, शीर्ष अदालत उन्हें भ्रष्टाचार मामले में भी बेल दे चुकी है।
Delhi: Congress leader P Chidambaram released from Tihar Jail; Earlier today, Supreme Court granted bail to him in the INX Media money laundering case registered by the Enforcement Directorate. pic.twitter.com/UMd5ic4tER
— ANI (@ANI) December 4, 2019
गिरफ्तारी के 2 महीने बाद उन्हें जमानत मिली
जस्टिस आर भानुमति की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि चिदंबरम कोर्ट के आदेश के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। उन्हें बेल बॉन्ड के रूप में 2 लाख रुपए जमा कराने होंगे। चिदंबरम भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 106 दिन से तिहाड़ जेल में बंद थे। 21 अगस्त को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के करीब 2 महीने बाद उन्हें बेल मिली थी। लेकिन इसके तुरंत बाद ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ही केस में जमानत के बाद चिदंबरम जेल से रिहा हुए।
Congress workers gather outside Tihar Jail after former Finance Minister P Chidambaram was granted bail by Supreme Court in #INXMediaCase (Enforcement Directorate Case). pic.twitter.com/OwK1RHM1oH
— ANI (@ANI) December 4, 2019
ईडी ने कहा था- चिदंबरम जेल से गवाहों को प्रभावित कर रहे
हाईकोर्ट में 15 नवंबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने दावा किया था कि चिदंबरम जेल में रहने के बावजूद गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिदंबरम ने कहा था कि जांच एजेंसी आधारहीन आरोप लगाकर उनका करियर और प्रतिष्ठा बर्बाद नहीं कर सकती। इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं है कि जमानत लेना उनका अधिकार है, लेकिन अगर ऐसे मामले में जमानत दी गई तो यह बड़े पैमाने पर लोगों के हितों के खिलाफ होगा, क्योंकि आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं।
सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था
आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ का फायदा पहुंचाने के मामले में सीबीआई ने 10 साल बाद मई 2017 में चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। फिर सीबीआई ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में उन्हें 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में करीब 2 महीने बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद 16 अक्टूबर को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।