अयोध्या / सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या मस्जिद दैवीय है, मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा- अल्लाह को ही समर्पित

मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन ने कहा- मस्जिद हमेशा से दैवीय, हम (मुस्लिम) 5 बार नमाज अदा करते हैं गुरुवार को रामलला विराजमान की ओर से वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा था- बाबरी मस्जिद के नीचे बहुत बड़ा निर्माण था, यह सबूत संदेह से परे

अयोध्या. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 37वें दिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच में राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई हुई। इस दौरान मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन ने कहा कि मस्जिद वह स्थान है जहां अल्लाह का नाम लिया जाता है। यहां लोग नमाज अदा करते हैं। इस पर जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, ‘‘क्या मस्जिद दैवीय है? क्या यह अल्लाह को समर्पित है?’’ इस पर धवन ने कहा कि यह हमेशा से दैवीय है। हम दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं। ये अल्लाह को ही समर्पित है।

इस दौरान धवन ने कहा कि वह 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे। आज (शुक्रवार को) दलील पेश करने के लिए पूरा दिन लेंगे। अगर शनिवार को कोर्ट बैठता है, तो करीब 1 घंटे का समय लेंगे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले की सुनवाई अब 14 अक्टूबर को होगी न कि शनिवार को।

अयोध्या राम मंदिर के लिए इमेज परिणाम

‘अयोध्या में बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर था’

गुरुवार को रामलला विराजमान की ओर से वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा था कि बाबरी मस्जिद के नीचे बहुत बड़ा निर्माण था, यह सबूत संदेह से परे है। खुदाई में निकाले गए सामान से यह नतीजा निकलता है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर था। उन्होंने कहा था कि यह दावा कि विवादित ढांचे के नीचे जो निर्माण है, वह ईदगाह की दीवारें या इस्लामिक ढांचा है, यह सही नहीं है।

खंभों की बुनियादें बताती हैं कि ढांचे के नीचे निर्माण था- वैद्यनाथन
वैद्यनाथन ने कहा था कि पहले केस यह था कि वहां कोई ढांचा ही नहीं था। दूसरी बार उन्होंने (मुस्लिम पक्ष) ने कहा कि यह एक इस्लामिक ढांचा या ईदगाह की दीवारें थीं। हम कहते हैं कि यह एक मंदिर था, जिसे ढहा दिया गया। खुदाई के दौरान जो खंभों की बुनियादें मिलीं है, वह भी यही कहती हैं।

वहीं, गुरुवार को राजीव धवन ने कहा था कि एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात के कोई सबूत या निशान नहीं मिले हैं कि किसी मंदिर को ढहाया गया।


अयोध्या में भव्य दिवाली मनेगी: 5 देशों की रामलीला मंडलियां आएंगी, 3 लाख दीप जलेंगे

 

अयोध्या. राम की नगरी अयोध्या में इस बार दिवाली बेहद खास होगी। पूरे शहर में करीब 3 लाख 21 हजार दीप जलाकर एक नया विश्व रिकाॅर्ड बनाने की तैयारी है। इसके साथ ही 24 से 26 अक्टूबर तक तीन दिन में एक हजार से ज्यादा कार्यक्रम होंगे। सबसे खास कार्यक्रम होगा- पांच देशों की रामलीला। माॅरीशस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सूरीनाम, नेपाल की रामलीला मंडलियों के कलाकार अपने देश की शैली में रामलीला का मंचन करेंगे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में थाईलैंड के महाराजा वजीरालोंगकान मौजूद रहेंगे।

देशभर के नामी चित्रकार अयोध्या को राममय करने के लिए त्रेता युग के प्रसंगों को दीवारों और बिल्डिंगों पर चित्रित करेंगे। राम प्रसंगों को रामलीला, भजन व नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।

12 स्थानों पर रामलीला, नृत्य नाटिकाओं के मंचन

दीपोत्सव पर्व को आकर्षक बनाने के लिए इस साल गुप्तारघाट से लेकर भरतकुंड़ तक 12 स्थानों पर रामलीला, भजन, नृत्य नाटिकाओं के मंचन के अलावा अन्य कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। कई स्थलों को मेले की तर्ज पर सजाया जा रहा है। पिछले साल दीपोत्सव का कार्यक्रम राम की पैड़ी पर फोकस करके आयोजित किया गया था, लेकिन इस बार पूरे अयोध्या शहर में होगा।

रामकथा पार्क में राम दरबार लगेगा

गुप्तारघाट से लेकर 12 किमी दूर भरतजी की तपस्थली नंदीग्राम तक आयोजन किया जाएगा। रामकथा पार्क में दो मंच बनाए गए हैं।

ऊपर राम  दरबार लगेगा और नीचे सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। विदेशी रामलीला शहर के अलग-अलग हिस्सों में मंचित होगी। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डाॅ. वाईपी सिंह के मुताबिक इस साल दीपोत्सव पर्व में देशभर से 35 सांस्कृतिक दलाें को बुलाया जा रहा है।

32 बड़ी झांकियां
अयोध्या महानगर इलाके में तीन दिनों तक घर-घर दीप जलाने के लिए लोगों से अपील भी की जाएगी। 32 बड़ी झांकियां और 12 जगहों पर होने वाले कार्यक्रम भी राम कथा पर आधारित होंगे। कमिश्नर मनोज मिश्र ने कहा कि तीन दिन के इस आयोजन में इस बार दो नए विश्व रिकॉर्ड भी बनेंगे। रामजी के लिए 10 अक्टूबर तक अयोध्या नगरी पूरी तरह सज कर तैयार हो जाएगी।

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