राजनैतिक जमीन तलाशने के लिए गलत बयानबाजी से बचें सुखबीर: आशुतोष तिवाड़ी

-पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने बताया था बिलों को किसान हितैषी

बठिंडा. अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की तरफ से भाजपा पर संप्रदायिक माहौल खराब करने व हिंदु-सिक्खों के बीच तकरार पैदा करने के बयान पर भाजपा ने कड़ा प्रतिक्रम जताया है। पंजाब भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव आशुतोष तिवाड़ी ने हिंदू सिख भाईचारे को लेकर अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल द्वारा दिए गए बयान की निंदा की है। आशुतोष ने कहा कि सुखबीर द्वारा यह कहना कि केंद्र सरकार हिंदू सिख भाईचारे में दरार डाल रही है, यह बेबुनियाद है। पंजाब में हिंदू सिख भाईचारा तब से है जब अकाली दल भी नहीं था। अब कोई भी ताकत हिंदू सिख भाईचारे में दरार नहीं डाल सकती। गठबंधन अकाली दल व भाजपा का टूटा है, हिंदु सिखों का नहीं। सुखबीर बादल इस तरह के बयान देकर खुद पंजाब के भाईचारे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसे भाजपा किसी भी हालत में सहन नहीं करेगी। हिंदु और सिक्खों के बीच आज की नहीं सदियों की साांझ है जो कभी भी राजनीतिक बयानों से नहीं टूट सकती है। भाजपा पर सिक्खों का अटूट विश्वास है और यह विश्वास वह हमेशा बरकरार रखेंगे।

सियासी नफा नुकसान के लिए सुखबीर बादल गलत बयानबाजी कर रहे हैं भाजपा केवल हिंदुओं की नहीं बल्कि सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास की बात करती है। खो चुकी सियासी जमीन को ढूंढ़ते हुए सुखबीर द्वारा ऐसे बयान देना निंदनीय है तथा उनको तुरंत अपना बयान वापिस लेना चाहिए व इस बाबत उन्हें देश के हिंदु व सिक्ख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। आशुतोष तिवाड़ी ने कहा कि आज सुखबीर सिंह बादल केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए खेती कानूनों को गलत कह रहे हैं, जबकि करीब तीन माह पहले पंजाब के पूर्व सीएम व शिअद के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल ने खुद लाईव होकर केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए खेती कानूनों को किसान हितैषी बताया था। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को ऐसे समय में मजबूत हौंसला करके खेती कानूनों के हक में खड़ा होना चाहिए व किसान आंदोलन को समाप्त करने के प्रयास करने चाहिए न कि आग में घी डालने का कार्य करके पंजाब व देश का माहौल खराब करना चाहिए। केंद्र सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरी रखकर काम कर रही है। जिन मुद्दों पर पंजाब के किसानों को आपत्ति है उन्हें हल किया जा रहा है। इसमें किसानों की सभी जायज मांगों को पूरा किया जा रहा है व जल्द ही इस बाबत केंद्र व किसानों के बीच अगली बैठक में रहते मुद्दों को भी हल कर लिया जाएगा।

 

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