सुखबीर बादल और हरसिमरत ने लिया कैप्टन अमरिंदर और जाखड़ को आड़े हाथ, केंद्र के खिलाफ साधी चुप्पी

कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ केंद्रीय कांग्रेस पहले ही बना चुकी थी कृर्षि आर्डिनेंस बिल-सुखबीर बादल -मंडियों को प्राइवेट हाथों में सौपने की योजना का कैप्टन व राहुल ने किया घोषणापत्र में जिक्र -हरसिमरत बादल -पंजाब में चक्काजाम से पहले तख्त श्री दमदमा साहिब में हजारों समर्थकों के साथ माथा टेकने पहुंचे सुखबीर बादल

बठिंडा. पंजाब में केंद्र सरकार के किसान आर्डिनेस बिल के विरोध को लेकर संघर्ष की रुपरेखा बनाने के लिए शिरोमणि अकाली दल बादल ने बठिंडा के तलवंडी साबों स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में वर्करों का भारी इकट्ठ किया। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ पर जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि किसान आर्डिनेस बिल केंद्र की मोदी सरकार ने तो पिछले दिनों पारित किया लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साल 2017 में ही इस बिल को अपने घोषणा पत्र में शामिल कर सरकार बनते ही लागू करवा दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय चुनाव घोषणा पत्र 2019 में भी किसानों के इस बिल को शामिल किया व इसकी नींव पहले ही रख दी। इस बिल में कांग्रेस की मूक सहमती थी तभी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बिल को लेकर बनाई कमेटी की तीन बैठकों में हिस्सा लेकर बिल को सहमती दी थी। अगस्त 2019 में हुई इन बैठकों के एक साल बाद कैप्टन अब किसानों को गुमराह करने में लगे हैं और बिल का विरोध करने का ड्रामा कर रहे हैं। कांग्रेस अगर सच में इस बिल का विरोध कर रही थी तो उसने सदन में राज्य सभा व लोक सभा में वोटिंग के दौरान हिस्सा लेने की बजाय सदन से उठकर चले गए।

इससे साबित होता है कि कांग्रेस इस बिल का विरोध नहीं करना चाहती बल्कि इसे छुपे एजेंडे के तहत लागू करवाना चाहती है। उन्होंने कहा कि अकाली दल आज से नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से लड़ाई लड़ रही है। किसानों के बिजली बिल माफ करने, फसलों का उचित दाम दिलवाने, मंडियों में 24 घंटे के अंदर फल की खरीब व पेयमेंट दिलवाने, हर गांव तक पक्की नहर बनवाने जैसे फैसले प्रकाश सिंह बादल की रहनुमाई वाली सरकार ने ही लिए थे। उन्होंने सुनील जाखड़ व कैप्टन अमरिंदर सिंह को चेतावनी दी कि वह शेरों को न छेड़े अगर हम अपनी ताकत दिखाने में आ गए तो कांग्रेस नामी गिद्ड़ को भागने के लिए जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने किसान आर्डिनेस बिल का तब तक विरोध करने की घोषणा की जब तक सरकार बिल में किसानों के हितों का नुकसान करवाने वाली बातों को नहीं हटाती है। उन्होंने किसानों, पार्टी वर्करों, आढ़तियों को 25 सितंबर के चक्का जाम में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने व कैप्टन सरकार की जड़े हिलाने की अपील की वही एक अक्तूबर से पंजाब में मार्च निकालने की घोषणा भी की। इस दौरान सभी प्रमुख तख्तों से लोगों को समूह चंडीगढ़ की तरफ कूच करेगा।


वही सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सीधा हमला बोलते कहा कि वह लोगों को गुमराह करने के सिवा कोई काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने किसानों के हितों के लिए राजनीतिक भेदभाव को भुलाकर एक मंच पर इकट्ठा हो केंद्र सरकार के किसान विरोधी बिल के खिलाफ लड़ने की अपील की। वही उन्होंने आरोप लगाया कि देश के अन्नभंडार में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले पंजाब के हितों को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खिलवाड़ किया है अगर वह केंद्र सरकार के साथ कृर्षि आर्डिनेस बिल को लेकर हुई बैठकों में विरोध जताते तो यह बिल इस शकल में लागू ही नहीं होता लेकिन कांग्रेस ने एक गुप्त एजेंडे के तहत कृर्षि आर्डिनेस बिल का समर्थन किया। वही अकाली दल पहले दिन से ही इसका विरोध करता रहा है। वह इस बिल को सरकार में रहकर ज्यादा बेहतर ढंग से विरोध कर सकती थी लेकिन सरकार से बाहर आकर नहीं लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी आपत्ति को नहीं सुना तो उन्होंने सरकार छोड़ने में पल भर की भी देरी नहीं की और वजीर का पद छोड़कर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस मौके पर प्रमुख तौर पर बलविंदर सिंह भूदड़, सरुपचंद सिंगला, सिकंदर सिंह मलूका, गुरप्रीत सिंह मलूका, जीतमहिंदर सिंह सिद्धू सहित अकाली दल के आला लीड़र व भारी तादाद में वर्कर मौजूद रहे।

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