देश में अकेले BJP रह गई तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा- पार्टी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी
गोवा में कांग्रेस के अपने ही सदस्यों ने इसे छोड़ दिया, और नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया. गोवा में 10 जून को कांग्रेस के 15 में से 10 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और वे भाजपा में शामिल हो गए.
नई दिल्ली: कांग्रेस में संकट के बाद राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में कहा है कि अगर देश में बीजेपी अकेली पार्टी रह गई तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा. ट्वीट के माध्यम से स्वामी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक एकीकृत कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने का सुझाव दिया.
After witnessing Goa and Kashmir, I feel that nation's democracy will weaken if we are left with BJP as a single party. Solution? Ask Italians & progeny to leav. Mamata can then be President of united Congi thereafter. NCP should also follow and merge.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 12, 2019
स्वामी ने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एकीकृत कांग्रेस के साथ विलय करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, “गोवा और कश्मीर के घटनाक्रम को देखने के बाद मुझे लगता है कि यदि बीजेपी अकेली पार्टी के रूप में रह गई तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा “उपाय? इटालियंस और वंशज को पार्टी छोड़ने के लिए कहें. इसके बाद ममता एकीकृत कांग्रेस की अध्यक्ष हो सकती हैं. उसके बाद राकांपा का भी इसमें विलय हो जाए.”
इस सप्ताह के शुरू में गोवा में कांग्रेस के अपने ही सदस्यों ने इसे छोड़ दिया, और नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया. गोवा में 10 जून को कांग्रेस के 15 में से 10 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और वे भाजपा में शामिल हो गए. 2017 में गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
इससे पहले जून में जम्मू एवं कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया था. कर्नाटक में भी कांग्रेस-जनता दल(सेकुलर) की गठबंधन सरकार के 16 विधायकों ने एक जुलाई से इस्तीफा दे दिया है.
राज्य में कांग्रेस के लिए संकट की स्थिति बनी हुई है. क्योंकि इस्तीफा देने वाले 16 में से 13 विधायक अकेले कांग्रेस के हैं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को 16 जुलाई तक त्याग-पत्रों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया.