शाहीन बाग में कोरोना वायरस के खोफ से बेखबर महिलाएं! जानें- कैसे बचाव कर रही हैं प्रदर्शनकारी महिलाएं

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी के खिलाफ 3 महीने से जारी प्रदर्शन में शामिल शगुफ्ता ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि उन्हें कोरोना से कोई डर नहीं है. प्रदर्शनस्थल पर सावधानी बरती जा रही है, मास्क लगाकर धरना प्रदर्शन जारी है.

  • CAA-NRC के खिलाफ शाहीन बाग में 3 महीने से प्रदर्शन जारी
  • कोरोना वायरस के खौफ के बावजूद हटने को तैयार नहीं प्रदर्शनकारी

नई दिल्ली। जानलेवा कोरोना वायरस भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है. देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होते देखकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक, सब हाई अलर्ट पर हैं. एक तरफ जहां भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद शुक्रवार शाम तक बढ़कर 81 पहुंच गई है तो वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज 31 मार्च तक बंद कर दिए हैं.

‘अल्लाह के कलाम में बहुत बरकत’

इस बीच दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले तीन महीने से नागरिकता संशोधन कानून (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं में कोरोना वायरस को लेकर कोई डर नहीं है. प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि हम ठंड और बारिश से भी नहीं घबराए और अब कोरोना या किसी भी बीमारी का भी कोई खौफ नहीं है. प्रदर्शनकारी में शामिल हिना अहमद का कहना है कि वह वहां बैठकर कुरान पढ़ती हैं और दुआ मांगती हैं. उनके मुताबिक, अल्लाह के कलाम में बहुत बरकत है, बड़ी से बड़ी परेशानी दिल से कुरान की तिलावत करने से दूर हो सकती है.

प्रदर्शनकारी की राय, नर्म पड़े शाह के तेवर

शाहीन बाग में जारी शांतिपूर्ण प्रदर्शन का असर दिखने लगा है. गृहमंत्री अमित शाह ने नरमी दिखाई है, उनके मुताबिक, शाह ने अपने कड़े तेवर बदलते हुए कहा है कि NPR के लिए किसी दस्तावेज की ज़रूरत नहीं है. बता दें कि राज्यसभा में गुरुवार को दिल्ली दंगों पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने साफ किया कि नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के लिए किसी नागरिक को दस्तावेज नहीं दिखाने होंगे. साथ ही किसी नागरिक को संदिग्ध की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा.

प्रदर्शनस्थल पर बांटे गए मास्क

सीएए-एनआरसी के खिलाफ 3 महीने से जारी प्रदर्शन में शामिल महिला शगुफ्ता ने कहा कि उन्हें कोरोना से कोई डर नहीं है. प्रदर्शनस्थल पर काफी सावधानी बरती जा रही है, वह मास्क लगाकर पूरे दिन धरना प्रदर्शन में बैठती हैं. वहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ खड़े आसिफ ने बताया कि हमने कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदर्शन स्थल पर मौजूद महिलाओं और अन्य लोगों को मास्क बांटे हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रदर्शनस्थल पर एक हजार मास्क वितरित किए गए.

‘NRC-NPR से कम खतरनाक कोरोना वायरस’

प्रदर्शनस्थल पर मौजूद लोगों को एक-दूसरे से हाथ ना मिलाने और खांसी बुखार होने पर प्रदर्शन में शामिल ना होने के लिए कहा जा रहा है. कोरोना वायरस के लक्षण और बचने के उपायों को लेकर प्रदर्शनस्थल पर जागरुकता फैलाई जा रही है. इसके साथ ही बच्चों को साथ ना लाने का आग्रह किया जा रहा है. प्रदर्शनकारी महिला मरियम ने कहा कि कोरोना वायरस हमारे लिए एनआरसी-एनपीआर से ज्यादा खतरनाक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हमें कोरोना से नहीं बल्कि संविधान के खिलाफ लिए गए सरकार के फैसले से ज्यादा डर है. उन्होंने कहा कि कोरोना के डर से हम अब मास्क लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

सरकार से स्क्रीनिंग और जांच की व्यवस्था की मांग

वहीं, प्रदर्शन में शामिल जुबैरा ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिए सरकार से शाहीन बाग में स्क्रीनिंग और जांच की व्यवस्था करनी चाहिए. बता दें कि शाहीन बाद में अब महिलाएं नीचे दरी-चादर पर नहीं बैठी हैं. उनके बैठने के लिए तख्ते का इंतजाम है.

सरकार ने लगाईं कई पाबंदियां

गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले, इसके लिए दिल्ली सरकार ने भी सभी स्कूलों-कॉलेजों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके अलावा सिनेमाघरों, स्विमिंग पूल जैसे मनोरंजन के सामूहिक स्थानों पर भी लोगों के जुटने पर पाबंदी लगा दी गई है. दिल्ली सरकार ने तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक जगहों और आयोजनों के दौरान उमड़ने वाली भीड़ पर रोक लगा दी है. यह फैसला कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किया गया है. इन सबके बीच शाहीन बाग में जुटे प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि हम डरने वालों में से नहीं हैं.

प्रदर्शनकारी महिलाओं से जब प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया. हालांकि, स्पष्ट तौर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या में पहले के मुकाबले कमी देखी गई है. अब इसके पीछे कोरोना वायरस का खतरा हो या कोई अन्य वजह रही हो.

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