JNU में थमा नहीं बवाल, हॉस्टल फीस कम करने पर अड़े छात्र
सोमवार को छात्र कैंपस में प्रदर्शन करने उतरे और दिल्ली पुलिस से उनकी भीषण भिड़ंत हो गई थी. पुलिस ने छात्रों पर पानी की बौछार की, धक्का-मुक्की भी हुई लेकिन छात्र अपने प्रदर्शन और मांगों पर अड़े रहे.
-
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हॉस्टल फीस पर बवाल
-
सोमवार को छात्रों ने किया प्रदर्शन, पुलिस से भिड़ंत
-
हॉस्टल फीस के साथ टाइमिंग का विरोध कर रहे छात्र
राजधानी दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हॉस्टल की फीस बढ़ाने और टाइमिंग बदलने को लेकर छात्र संगठन यूनिवर्सिटी प्रशासन के आमने-सामने हैं. सोमवार को छात्र कैंपस में प्रदर्शन करने उतरे और दिल्ली पुलिस से उनकी भीषण भिड़ंत हो गई थी. पुलिस ने छात्रों पर पानी की बौछार की, धक्का-मुक्की भी हुई लेकिन छात्र अपने प्रदर्शन और मांगों पर अड़े रहे.
सोमवार को यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह भी चल रहा था, जिसमें केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल पहुंचे थे लेकिन बाहर छात्रों ने आक्रामक प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसकी वजह से मंत्री कई घंटे अंदर ही फंसे रहे. गेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग थी कि जबतक यूनिवर्सिटी कुलपति सामने नहीं आते हैं तबतक वह प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे.
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र?
छात्रों का आरोप है कि JNU प्रशासन ने हॉस्टल फीस में काफी बढ़ोतरी कर दी है, साथ ही हॉस्टल की टाइमिंग में भी बदलाव किया गया है. जेएनयू प्रशासन ने अपने हालिया निर्देशों में छात्रावास, मेस और सुरक्षा फीस में 400 प्रतिशत की वृद्धि की है. इसके साथ ही नए निर्देश में छात्रावास आने-जाने की समयसीमा भी सीमित कर दी गई है.
छात्रों के आरोप के अनुसार हॉस्टल फीस में ये वृद्धि हुई है…
– सिंगल सीटर हॉस्टल: पहले रुम रेंट 20 रुपये था, लेकिन अब 600 रुपये
– डबल सीटर हॉस्टल: पहले रुम रेंट 10 रुपये था, लेकिन अब 300 रुपये
– पहले बिजली-पानी फ्री, लेकिन अब चार्ज की बात
– 1700 रुपये सर्विस चार्ज अलग से
– मेस की सिक्योरिटी 5500 रुपये पहले, अब 12 हजार रुपये
– रात 11 बजे के बाद हॉस्टल से बाहर निकलने पर पाबंदी
– नया ड्रेस कोड लागू करने पर विचार
JNU छात्रों के प्रदर्शन पर राजनीतिक बयानबाजी भी हुई और कई नेताओं ने छात्रों के समर्थन में आवाज उठाई. सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं ने हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का विरोध किया और छात्रों की मांग को जायज ठहराया.