टीम अगर बल्ले के साथ अच्छा करती तो मैच का परिणाम कुछ और ही होता. इन 4 कारणों से टीम इंडिया ने डुबोई लुटिया

पहाड़ जैसे लक्ष्य के सामने टीम इंडिया 50 ओवर में 5 विकेट पर 306 रन ही बना पाई. इस जीत से इंग्लैंड को संजीवनी मिली है और सेमीफाइनल के लिए उसकी उम्मीदें अब भी बरकरार हैं.

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बर्मिंघम. बर्मिंघम में खेले गए आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के मुकाबले में इंग्लैंड ने टीम इंडिया को 31 रनों से हरा दिया. इस टूर्नामेंट में भारत की यह पहली हार है. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 337 रन बनाए. इंग्लैंड ने आखिरी 10 ओवरों में 92 रन बटोरे और भारत के सामने 338 रनों का विशाल लक्ष्य रखा. इंग्लैंड के लिए जॉनी बेयरस्टो ने 111 रन, जेसन रॉय ने 66 रन और बेन स्टोक्स ने 79 रनों की धमाकेदार पारी खेली. इंग्लैंड के इस पहाड़ जैसे लक्ष्य के सामने टीम इंडिया 50 ओवर में 5 विकेट पर 306 रन ही बना पाई. इस जीत से इंग्लैंड को संजीवनी मिली है और सेमीफाइनल के लिए उसकी उम्मीदें अब भी बरकरार हैं.

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इस मैच में चार बड़े कारण रहे जिससे भारत ने यह मैच गंवा दिया:

1. कुलदीप और चहल का फ्लॉप होना- टीम इंडिया के सबसे बड़े तुरुप के इक्के कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का इस मैच में फ्लॉप होना बहुत महंगा पड़ा. युजवेंद्र चहल ने इस मैच में बिना कोई सफलता हासिल किए 10 ओवर में 88 रन लुटा दिए. वहीं कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 72 रन लुटाए. भारत की ऐसी घटिया गेंदबाजी से इंग्लैंड के ओपनरों ने जमकर रन लुटे. चहल ने अपने 10 ओवरों के कोटे में 7 चौके और 6 छक्के खाए थे. वर्ल्ड कप 2019 में चहल ने 6 मैचों में 10 विकेट हासिल किए हैं. रनों के लिहाज से यह युजवेंद्र के वनडे करियर का सबसे खराब प्रदर्शन रहा. इससे पहले उन्होंने वनडे में इसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च में मोहाली वनडे में कुल 80 रन दिए थे. इंग्लैंड ने आखिरी 10 ओवरों में 92 रन बटोरे और भारत के सामने 338 रनों का विशाल लक्ष्य रखा.

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2. धोनी का DRS के लिए मना करना- इस मैच में टीम इंडिया का जेसन रॉय के आउट होने पर DRS नहीं लेना सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. भारत के लिए सिरदर्द बनी जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो की जोड़ी को तोड़ने के लिए कप्‍तान विराट कोहली ने हार्दिक पंड्या को इंग्लैंड की पारी के 11वें ओवर में उतारा. हार्दिक पंड्या के 11वें ओवर की पांचवीं गेंद जेसन रॉय के ग्लव्स को चूमती हुई धोनी के पास चली गई. जिसके बाद पंड्या और धोनी ने विकेट के पीछे कैच की अपील की, लेकिन अंपायर ने इसे वाइड दिया. इसके बाद कोहली ने धोनी से बात की. धोनी की सलाह पर कोहली ने डीआरएस नहीं लिया.

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कोहली ने उस समय धोनी की सुनी और डीआरएस का इस्तेमाल नहीं किया और बाद में रिप्ले से साफ हुआ कि गेंद जेसन रॉय के ग्लव्स को चूमती हुई गई है. जेसन रॉय उस समय 21 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे. इसके बाद अगली दो गेंदों पर रॉय ने छक्के और चौके बरसाए. कोहली अगर रिव्यू लेते तो रॉय को पवेलियन लौटना पड़ता. इस फैसले के बाद इंग्लैंड के ओपनिंग बल्लेबाजों ने और भी तूफानी बैंटिग की. जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो ने मिलकर 22.1 ओवर में ही 160 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप कर दी. जेसन रॉय अगर सस्ते में आउट होते तो इंग्लैंड इतने बड़े लक्ष्य तह नहीं पहुंचती.

3. चोट के बावजूद राहुल से ओपनिंग करवाना- इंग्लैंड के 338 रनों के लक्ष्य के जवाब में रोहित शर्मा और केएल राहुल की ओपनिंग जोड़ी मैदान पर उतरी. इंग्लैंड की पारी में फील्डिंग के दौरान केएल राहुल चोटिल हो गए थे. इंग्लैंड की पारी के 16वें ओवर में राहुल बाउंड्री पर छक्का रोकने की कोशिश में पीठ के बल गिर पड़े. जिसके बाद उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा. चोटिल राहुल से ओपनिंग करवाने का टीम इंडिया का यह फैसला गलत साबित हुआ और वह 9 गेंदों का सामना करने के बाद शून्य के स्कोर पर पवेलियन लौट गए. भारत ने अपना पहला विकेट 8 रन के स्कोर पर ही गंवा दिया था.

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4. भारतीय पारी का एकमात्र छक्का आखिरी ओवर में- विराट कोहली और रोहित शर्मा के अलावा मिडिल ऑर्डर में किसी भी बल्लेबाज की बैटिंग ऐसी नहीं दिखी कि वह इस लक्ष्य को हासिल कर पाए. ऋषभ पंत, हार्दिक पंड्या, केदार जाधव और एमएस धोनी सभी अंग्रेज गेंदबाजों के सामने दबकर खेलते हुए नजर आए. पंत (32) और पंड्या (45) ने कुछ अच्छे शॉट खेले, लेकिन धोनी और जाधव की पार्टनरशिप इतनी धीमी रही कि भारतीय टीम यह मैच हार गई. पूरी भारतीय पारी के दौरान एकमात्र छक्का आखिरी ओवर में लगा. वहीं इंग्लैंड की पारी में 13 छक्के लगे थे. ये ही दोनों टीमों के बीच सबसे बड़ा अंतर रहा.

विराट कोहली ने कहा है कि टीम अगर बल्ले के साथ अच्छा करती तो मैच का परिणाम कुछ और ही होता

आईसीसी विश्व कप-2019 में इंग्लैंड के हाथों मिली हार के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि टीम अगर बल्ले के साथ अच्छा करती तो मैच का परिणाम कुछ और ही होता। भारत को रविवार को यहां विश्व कप के 38वें मैच में इंग्लैंड के हाथों 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा।

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कोहली ने मैच के बाद कहा, “मुझे लगता है कि वे (इंग्लैंड) एक समय 360 के करीब जा रहे थे। लेकिन हमने उन्हें उससे पहले ही रोक दिया। अगर हम बल्ले के साथ अच्छा करते तो मैच का परिणाम कुछ और ही होता। मेरा मानना है कि जब पंत और पांड्या क्रीज पर थे तो उस समय हमारे पास मौका था। लेकिन हमने लगातार विकेट गंवाना जारी रखा, जिससे बड़े स्कोर हासिल नहीं किए जा सकते। इस जीत का पूरा श्रेय इंग्लैंड को जाता है।”

मेजबान इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में सात विकेट पर 337 रनों का स्कोर बनाया और फिर भारत को 50 ओवरों में पांच विकेट पर 306 रनों पर रोक दिया। वर्ष 1992 के बाद से यह पहला मौका है जब विश्व कप के किसी मैच में इंग्लैंड ने भारत को मात दी है।

कप्तान ने कहा, “मुझे लगता है कि धोनी ने बाउंड्री हासिल करने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की। लेकिन विपक्षी टीम के गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की। अब हमें अगले मैच के बारे में सोचना होगा और उसमें सुधार करना होगा।”

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