PAK सरकार ने मानी भारत की मांग, कुलभूषण जाधव मामले में मिला कॉन्सुलर एक्सेस

भारत ने कुलभूषण जाधव के लिए कॉन्सुलर एक्सेस की मांग करने के साथ ही पाकिस्तान से कहा कि आप कॉन्सुलर एक्सेस के दौरान बातचीत की भाषा को सिर्फ इंग्लिश नहीं कर सकते. भारत चाहता है कि पाक 2 अधिकारियों को जाधव से मिलने की अनुमति दे.

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  • जाधव से अकेले में मुलाकात की मांग नामंजूर हुई, शाम 4.30 बजे होगा कॉन्सुलर एक्सेस का समय
  • 60 दिनों के अंदर रिव्यू पिटीशन की अनुमति, पाक का दावा- जाधव का रिव्यू पिटीशन से इनकार

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के लिए भारत को दूसरे कॉन्सुलर एक्सेस की मांग को मान लिया है. पाक की जेल में बंद जाधव के मामले में भारत ने पाकिस्तान से बिना रोकटोक कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की थी. अब पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के 2 अधिकारियों को जाधव के पास पहुंचने की अनुमति होगी.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में रिव्यू पीटिशन दायर करने से पहले भारत ने पाकिस्तान से यह मांग की थी. हालांकि पाक ने जाधव से अकेले मिलने की मांग को ठुकरा दिया है, लेकिन 2 अफसरों को जाधव तक पहुंचने की अनुमति दे दी है.

कॉन्सुलर एक्सेस का समय तय

शाम 4.30 बजे (पाक समय 4 बजे) कॉन्सुलर एक्सेस का समय दिया गया है. जाधव जिस जगह कैद है उसे सब जेल घोषित किया गया है. अब 60 दिनों के अंदर जाधव की ओर से रिव्यू पिटीशन दाखिल किया जा सकेगा. स्थानीय नियम के अनुसार, 60 दिनों के अंदर रिव्यू दाखिल करने की अनुमति है.

पाक विदेश ऑफिस की प्रवक्ता आइशा फारुकी ने कहा कि जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस मामले पर पाकिस्तान मीडिया को जानकारी देगा. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जाधव मामले पर भारत पाकिस्तान का सहयोग करेगा.

भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने पाकिस्तान विदेश कार्यालय (MOFA) में दक्षिण एशिया के महानिदेशक से कुलभूषण जाधव के लिए दूसरे कॉन्सुलर एक्सेस की अनुमति देने को संबंध में मुलाकात की. हालांकि भारत की कई मांगों को पाकिस्तान की ओर से नहीं माना गया, जिसमें जाधव के साथ अकेले में मुलाकात भी शामिल था.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के अनुसार कॉन्सुलर एक्सेस और स्वतंत्र-निष्पक्ष ट्रायल होना चाहिए.

पाक का दावा- जाधव का रिव्यू पिटीशन से इनकार

भारत ने जाधव के लिए कॉन्सुलर एक्सेस की मांग करने के साथ ही पाकिस्तान से कहा कि आप कॉन्सुलर एक्सेस के दौरान बातचीत की भाषा को सिर्फ इंग्लिश नहीं कर सकते. भारत चाहता है कि पाक 2 अधिकारियों को जाधव से मिलने की अनुमति दे. भारत ने जाधव तक बेरोक-टोक पहुंच होने की मांग रखी थी ताकि उनके पास मौजूद विकल्पों पर चर्चा की जा सके.

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि कुलभूषण जाधव की जान बचाने को लेकर हम अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे.

बीते दिनों पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया गया था कि कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दायर करने से इनकार कर दिया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव पर पाकिस्तान का दावा दूरगामी है. भारत जाधव को बचाने के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाक पर आरोप लगाते हए कहा था कि पाक का नया दावा पिछले चार सालों से चल रहे फरेब का एक सिलसिला है. कुलभूषण जाधव को मजाकिया ट्रायल के जरिए फांसी की सजा सुनाई गई. वह पाक सेना के कब्जे में हैं. रिव्यू फाइल करने से इनकार करने के लिए जाधव को स्पष्ट रूप से मजबूर किया गया है.

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