चीन के किंडरगार्डन स्कूल में केमिकल अटैक, 51 बच्चों समेत 54 लोग जले
चीन के किंडरगार्डन स्कूल में हुए एक रासायनिक हमले में 51 बच्चे और तीन शिक्षक झुलस गए. घटना दक्षिण पश्चिम चीन के यूनान प्रांत की है. यहां एक व्यक्ति ने स्कूल में जबरन घुसकर बच्चों पर केमिकल फेंक दिया, जिससे कुल 54 लोग झुलस गए.
- बच्चों पर छोड़ा कास्टिक सोडा
- तीन शिक्षक भी हमले में घायल
चीन के किंडरगार्डन स्कूल में हुए एक रासायनिक हमले में 51 बच्चे और तीन शिक्षक झुलस गए. घटना दक्षिण पश्चिम चीन के यूनान प्रांत की है. यहां एक व्यक्ति ने स्कूल में जबरन घुसकर बच्चों पर केमिकल फेंक दिया, जिससे कुल 54 लोग झुलस गए. चीन के अधिकारियों ने बताया कि केयुआन शहर में घटी इस घटना में 23 वर्षीय कोंग नामक व्यक्ति ने स्कूल में घुसकर कास्टिक सोडा (सोडियम हाइड्रोक्साइड) रसायन छिड़क दिया.
घायल 51 बच्चों और 3 शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि कोंग ने यह हरकत समाज से बदला लेने के लिए की है. इस हमले में दो बच्चों की हालत गंभीर है. स्थानीय मीडिया के अनुसार शाम 3.35 बजे डोंगचेंग किंडरगार्डन स्कूल में कोंग दीवार फांद कर पहुंचा. इसके बाद उसने कास्टिक सोडा छिड़क कर बच्चों पर हमला कर दिया. पुलिस ने हमलावर को घटना के 40 मिनट बाद ही गिरफ्तार कर लिया था.
केयुआन शहर की पुलिस ने बताया कि हमलावर कोंग की पारिवारिक पृष्ठभूमि बेहद खराब रही है. उसके माता-पिता तलाकशुदा हैं. हमलावर का बचपन में कभी भी अच्छा नहीं रहा. वह मानसिक रूप से ठीक नहीं है. साथ ही उसकी नौकरी और वर्तमान जीवन भी सही नहीं चल रहा है. इन सबकी वजह से वह मानसिक रूप से ठीक नहीं रह पा रहा है. इसीलिए हमलावर कोंग ने पूरे समाज से बदला लेने के लिए यह अपराध किया.
चीन के स्कूल में हमले की यह चौथी घटना है
बता दें कि चीन में इस साल इससे पहले मध्य चीन के हुबेई प्रांत के एक स्कूल में घुसकर एक व्यक्ति ने करीब 8 बच्चों को मार डाला था. इसके अलावा 2 अन्य लोगों को घायल कर दिया था. इससे पहले इसी साल अप्रैल महीने में एक हमलावर ने मध्य चीन के हुनान प्रांत के एलीमेंट्री स्कूल में चाकू से हमला कर दो बच्चों को मार दिया था. साथ ही दो बच्चों को घायल कर दिया था.
इससे पहले जनवरी में चीन की राजधानी बीजिंग के एक स्कूल में एक व्यक्ति ने हथौड़े से हमला कर 20 बच्चों को घायल कर दिया था. जिसमें तीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे. गौरतलब है कि चीन में बंदूकों को लेकर कड़े नियम हैं, लेकिन चाकू, रसायनिक हमलों को लेकर मजबूत कानून नहीं है. इसलिए पिछले कुछ सालों में स्कूलों में ऐसे हमले बढ़ गए हैं.