फेसबुक विवाद ने पकड़ा तूल, पब्लिक पॉलिसी डायरेक्‍टर अंखी दास ने दर्ज कराई धमकी की शिकायत

साउथ दिल्ली के डीसीपी ने बताया कि फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्‍टर अंखी दास की शिकायत मिली है और इस मामले में जांच की जा रही है.

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  • ऑनलाइन धमकी मिलने पर दिल्ली पुलिस से की शिकायत
  • धमकी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस कर रही है छानबीन

नई दिल्ली। फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्‍टर अंखी दास ने धमकी देने के मामले में दिल्ली पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. अंखी दास का कहना है कि उन्होंने उन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है जिन्होंने उन्हें धमकी दी है.

वहीं साउथ दिल्ली के डीसीपी ने बताया कि फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्‍टर अंखी दास की शिकायत मिली है और इस मामले में जांच की जा रही है. हालांकि, डीसीपी ने बताया कि इस मामले में अभी FIR दर्ज नहीं गई है.

शिकायत में अंखी दास ने कहा है कि ऑनलाइन पोस्टिंग/कंटेंट के जरिये उनके जीवन और हिंसा का खतरा है. शिकायत में कुछ ट्विटर और फेसबुक हैंडल का जिक्र किया गया है, जहां से उन्हें धमकी मिली है. उन्होंने इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है.

अंखी दास ने दिल्ली पुलिस में यह शिकायत उस समय दी है जब फेसबुक को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट के बाद भारत में सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक भारत में बीजेपी नेताओं के हेट स्पीच के मामलों में नियम में ढील बरतता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तेलंगाना से बीजेपी नेता टी राजा सिंह की एक पोस्‍ट को लेकर फेसबुक कर्मचारियों ने भारत में बीजेपी नेता की हेट स्पीच के बारे में सोशल मीडिया कंपनी के शीर्ष अधिकारी को बताया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. टी राजा सिंह की एक फेसबुक पोस्‍ट में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का समर्थन करने का दावा है.

वहीं राहुल गांधी ने बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि फेसबुक और वॉट्सऐप इनके कब्जे में हैं जिसके जरिये ये नफरत और फेक न्यूज फैलाते हैं.

पक्षपात के आरोपों पर फेसबुक की सफाई – राजनीतिक पार्टी की हैसियत नहीं देखते हम
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने भारत में सत्ताधारी दल के नेताओं पर नरमी दिखाने के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई दी है. फेसबुक (Facebook) के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि पूरे विश्व में हमारी नीतियां एक जैसी हैं. हम पार्टियों की राजनीतिक हैसियत नहीं देखते. हम किसी की भी राजनीतिक हैसियत/पार्टी की संबद्धता के बिना नफरत फैलाने वाले भाषण (Hate Speech) और कंटेंट को बैन करते हैं. इसके लिए नियमित ऑडिट किए जाते हैं. बता दें कि देश में फेसबुक और वॉट्सऐप के ‘कंट्रोल’ मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देकर इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) कराने की मांग की है.

फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम हिंसा को उकसाने वाली हेट स्पीच और कंटेंट को प्रतिबंधित करते हैं. हम यह देखे बिना इन नीतियों को दुनियाभर में लागू करते हैं कि किसी की क्या राजनीतिक हैसियत है या वो किस दल से जुड़ा है. हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को और धारदार बना रहे हैं.’

वॉल स्ट्रीट जनरल की इस रिपोर्ट को लेकर हुआ विवाद
दरअसल, अमेरिका के अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल (The Wall Street Journal) ने फेसबुक की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं. WSJ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि फेसबुक ने बीजेपी नेताओं और कुछ समूहों के ‘हेट स्पीच’वाली पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने में जान-बूझकर कोताही बरती. एक रणनीति के तहत इन पोस्ट को जल्द नहीं हटाया गया.

WSJ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आंखी दास ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार में बीजेपी की मदद भी की. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान फेसबुक ने कहा था कि उसने पाकिस्तानी सेना, भारत के राजनीतिक दल कांग्रेस के अप्रमाणिक फेसबुक पेज, बीजेपी से जुड़ी झूठी खबरों वाले पेज हटा दिए हैं.

राहुल गांधी ने रिपोर्ट के लेकर सत्ताधारी बीजेपी पर उठाए थे सवाल
यह रिपोर्ट सामने आने के बाद राहुल गांधी ने सत्‍तारूढ़ बीजेपी को निशाने पर लिया था. राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और वाट्एऐप को नियंत्रित करते हैं. वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं. आखिरकार, अमेरिकी मीडिया फेसबुक के बारे में सच्चाई के साथ सामने आया है.’ राहुल ने इसके साथ ही वॉल स्ट्रीट जनरल का स्क्रीन शॉट भी शेयर किया था.

रविशंकर प्रसाद ने किया था पलटवार
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के इस ट्वीट का जवाब दिया था. रविशंकर प्रसाद ने कहा- ‘अपनी ही पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकने वाले हारे हुए लोग कहते हैं कि भाजपा, संघ दुनिया को नियंत्रित करते हैं. चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए आपको कैंब्रिज एनालिटिका, फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. अब हमसे पूछताछ की गुस्ताखी कर रहे हैं.

इसके बाद इस पूरे मामले में केरल से कांग्रेस के सांसद और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के चेयरमैन शशि थरूर ने भी प्रतिक्रिया दी थी. थरूर ने ट्वीट किया, ‘मैं इसमें उठाए गए मुद्दों को देखूंगा और निश्चित रूप से जिनका नाम आया है, उनसे जवाब मागूंगा.’

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