चंडीगढ़, एनएनआइ। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने 1984 में सेना में कोर्ट मार्शल किए गए 309 सिख सैनिकों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। बादल ने कहा है कि सेना से भगोड़े करार दिए गए इन सैनिकों से सभी आराेप वापस लिए जाएं और उनको भूतपूर्व सैनिक (ex serviceme) का दर्जा दिया जाए। उनको इसके अनुरूप सारी सुविधाएं दी जाए।
पंजाब के फिरोजपुर से सांसद सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री को आज पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में पूरे मामले के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि 1984 में भगोड़ा करार दिए गए 309 सिख सैनिकों का कोर्ट मार्शल किया गया था और उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी। अब इन सिख सैनिकों को सभी आरोपों से बरी करना चाहिए और उन्हें पूर्व सैनिक के रूप में माना जाना चाहिए। इसके साथ ही इनको पूर्व सैनिकों की तरह सारे लाभ व सुविधाएं प्रदान करना चाहिए।
सुखबीर बादल इससे पहले भी यह मुद्दा उठाते रहे हैं। सुखबीर बादल ने पत्र में लिख है- ‘प्रधानमंत्री जी, मैं 35 साल पहले सिख समुदाय से हुए अन्याय की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं। पहली नवंबर 1984 को उस समय की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने सिखों का नरसंहार कराया। इसमें दिल्ली सहित पूरे देश में 10 हजार से ज्यादा लोगों की हत्याएं हुईं। इसके काफी दोषी आज भी खुले घूम रहे हैं और पीडि़त परिवार इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं।’
उन्हाेंने पत्र में लिखा है, ‘जून 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिखों के पवित्रतम स्थल श्री अकाल तख्त साहिब और श्री दरबार साहिब पर सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया था। यह आदेश हमले सरीखा था। इस हमले से सिखों की भावनाएं और आत्मा बुरी तरह आहत हुई। सिखों ने इसके लिए कांग्रेस पार्टी को कभी माफ नहीं किया।’
सुखबीर बादल ने पत्र में लिखा है, ‘इस हमले के बारे में सुनने के बाद आहत होकर 309 सिख सैनिक अपने बैरक छोड़ दिए औा बाहर आ गए। बाद में सेना ने उनका कोर्ट मार्शल किया और उनकी सेवा समाप्त कर दी। उनको सजा भी दी गई।’
सुखबीर ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा है, ‘सरकार गुरु श्री नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मना रही है। इस अवसर पर आपसे अपील करता हूं कि इन सैनिकों ने तत्कालीन सरकार के बर्बर कदम से आहत हो कर यह गलती की थी। ऐसे में भारत सरकार इन सिख सैनिकों को सभी आरोपों से मुक्त कर दे और उनको पूर्व सैनिक का दर्जा दिया जाए। इसके साथ ही उनकी पूर्व सैनिकों को मिलने वाली सुविधाएं बहाल की जाए। ‘