श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव / वोटों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में विपक्षी उम्मीदवार गौतबाया राजपक्षे को बढ़त
राजपक्षे को देश के ज्यादातर सिंहली बहुल इलाकों का समर्थन मिला है, जबकि प्रेमदासा श्रीलंका के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में रहने वाले अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के बीच लोकप्रिय हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि वह रविवार शाम तक नतीजे घोषित कर सकता है।
- पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई गौतबाया को 52.87% मत मिले हैं
- 39.67% वोटों के साथ सजीत प्रेमदासा दूसरे स्थान पर, वे पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं
- शनिवार को हुए मतदान में 1.59 करोड़ लोगों में से करीब 80% ने वोटिंग की
कोलंबो. श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदानों की गिनती शुरू हो गई। शुरुआती रुझानों में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई और देश के पूर्व रक्षा मंत्री गौतबाया राजपक्षे को बढ़त मिली है। श्रीलंका के चुनाव आयोग के मुताबिक, राष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार राजपक्षे फिलहाल 52.87% मतों के साथ आगे चल रहे हैं। वहीं पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे सजीत प्रेमदासा 39.67% वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। तीसरे स्थान पर लेफ्ट पार्टी के कुमारा दिसानायके हैं। उन्हें अब तक 4.69% वोट मिले हैं।
राजपक्षे को देश के ज्यादातर सिंहली बहुल इलाकों का समर्थन मिला है, जबकि प्रेमदासा श्रीलंका के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में रहने वाले अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के बीच लोकप्रिय हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि वह रविवार शाम तक नतीजे घोषित कर सकता है।
मतदान के लिए बड़ी संख्या में निकले लोग
चुनाव आयोग के प्रमुख महिंदा देशप्रिय ने बताया कि 1.59 कराेड़ मतदाताओं के लिए देशभर में 12,845 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान के दाैरान हिंसा की घटनाओं के बावजूद 80% वाेटिंग हुई। इस बार चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए 32 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा। इसलिए मतपत्र 26 इंच का था, जो अब तक के चुनावों में सबसे लंबा है। पश्चिम श्रीलंका में एक जगह कुछ अज्ञात लाेगाें ने मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं काे ले जा रही दाे बसाें पर पथराव के बाद गाेलीबारी की। हालांकि इसमें किसी काे चाेट नहीं लगी। पथराव से बसाें के शीशे टूट गए। चुनाव में छिटपुट हिंसा के 69 मामले दर्ज किए गए हैं।
ईस्टर हमले के बाद पहला बड़ा चुनाव
देश में ईस्टर हमले के बाद पहला चुनाव होने के कारण सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई है। मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। देश भर में 60 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। बैलेट पत्र पर मतदाताओं को तीन शीर्ष प्रत्याशियों के चयन का विकल्प दिया गया था।