टोक्यो ओलिंपिक :इतिहास रचने की बारी कमलप्रीत की, 2012 के बाद पहली बार कोई भारतीय महिला डिस्कस थ्रो के फाइनल में, शाम को मुकाबला
शूटिंग में भारत की उम्मीद खत्म हो गई है। 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में ऐश्वर्य प्रताप सिंह और संजीव राजपूत फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए। ऐश्वर्य प्रताप सिंह ट्रायल में 21वें स्थान और राजपूत 32वें स्थान पर रहे।
टोक्यो ओलिंपिक के 11वें दिन भारत के पास महिला हॉकी के बाद अब एथलेटिक्स में भी इतिहास रचने का मौका है। कमलप्रीत कौर डिस्कस थ्रो के फाइनल में उतरेंगी। अगर वह जीतती हैं तो एथलेटिक्स में मेडल लाने वाली पहली भारतीय बन जाएंगी। क्वालिफिकेशन राउंड में कमलप्रीत के प्रदर्शन को देखते हुए उनसे मेडल लाने की उम्मीद बढ़ गई है। उन्होंने 64 मीटर दूर चक्का फेंककर इतिहास रच दिया था।
डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर फाइनल से पहले रात को सो नहीं पाईं। वे काफी नर्वस थीं। सोमवार को उन्होंने इवेंट में जाने से करीब 4 घंटे पहले अपनी कोच राखी त्यागी से बातचीत की और कहा कि मुझे रात को नींद नहीं आई। यह बात राखी ने भास्कर को दिए इंटरव्यू में कही है। राखी ने कहा- कमलप्रीत ने मुझे बताया कि फाइनल इवेंट की चिंता के कारण उन्हें नींद नहीं आई। वह काफी नर्वस महसूस कर रही हैं। मैंने उनसे कहा कि सभी चीजों को भूल जाओ, सिर्फ बेस्ट देने पर फोकस करना है। आपके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए चिंता बिल्कुल न करें।
क्वालिफाइंग में कमलप्रीत कौर दूसरे स्थान पर थीं
शनिवार को महिलाओं के डिस्कस थ्रो के क्वालिफाइंग राउंड में कमलप्रीत कौर ओवरऑल दूसरे स्थान पर रही थीं। उन्होंने 64 मीटर चक्का फेंका था। भारत की एक अन्य एथलीट सीमा पूनिया 60 मीटर ही चक्का फेंक पाई थीं और वह फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं। कमलप्रीत कौर अगर अपना बेस्ट देती हैं, तो भारत का मेडल पक्का हो सकता है। कमलप्रीत 21 जून को पटियाला में हुए इंटर स्टेट कंपीटिशन के दौरान 66.59 मीटर थ्रो किया था।
रियो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली क्यूबा की थ्रोअर डेनिया कैबेलरो ने 65.34 मीटर थ्रो किया था, जबकि फ्रांस की मलेनिया रॉबर्ट ने 66.73 मीटर के साथ सिल्वर और क्यूरेशिया की सेन्ड्रा परकोविच 69.21 मीटर के साथ गोल्ड मेडल जीता था।
कमलप्रीत शॉट-पुटर थीं
कमलप्रीत पहले शॉट-पुटर थीं। स्कूल लेवल पर उनकी हाइट को देखकर फिजिकल टीचर ने शॉटपुट की ट्रेनिंग के लिए प्रेरित किया था। बाद में जब वह बादल की SAI एकेडमी में आईं, तो अन्य बच्चों को देखकर डिस्कस थ्रो करना शुरू किया। वह 2014 से कोच राखी त्यागी के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रही हैं। राखी ने उनके टैलंट को देखकर उन्हें प्रेरित किया। वह शॉटपुट में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर मेडल जीत चुकी हैं।
कमलप्रीत के जन्म पर नहीं मनाई गई थी खुशी
कमलप्रीत कौर का जन्म 4 मार्च 1996 को मुक्तसर जिले के गांव कबरवाला में मध्यमवर्गीय किसान कुलदीप सिंह के घर हुआ था। पिता के पास ज्यादा जमीन नहीं है और पहली बेटी होने पर परिवार ने खुशी भी नहीं मनाई थी। उसके बाद उन्हें एक बेटा भी हुआ। कमलप्रीत ने 10वीं तक की पढ़ाई पास के गांव कटानी कलां के प्राइवेट स्कूल से की है। कद की बड़ी और भारी शरीर की होने के कारण स्कूल में उसे एथलेटिक्स में शामिल किया गया। कमलप्रीत के पिता बताते हैं, “हमारे पास इतनी पूंजी नहीं थी कि वह बेटी को ज्यादा खर्च दे सकें। किसान परिवार में होने के कारण जितना हो पाता, वह उसे दूध-घी आदि देते रहे हैं, मगर प्रैक्टिस के लिए वह कई बार 100-100 किलोमीटर का सफर खुद तय करके जाती रही है। आज उसे अपनी मेहनत का परिणाम मिल रहा है। उम्मीद है वह मेडल जीतेगी।”
इससे पहले, भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया। टीम पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गई है। भारत ने क्वार्टर फाइनल में 3 बार की ओलिंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया। भारत की गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में गोल दागकर टीम को 1-0 की लीड दिलाई। यही गोल निर्णायक साबित हुआ। उन्होंने डायरेक्ट फ्लिक से गोल किया था। ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार ड्रैग फ्लिक से गोल गंवाया।
शूटिंग में भारत की उम्मीद खत्म हो गई है। 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में ऐश्वर्य प्रताप सिंह और संजीव राजपूत फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए। ऐश्वर्य प्रताप सिंह ट्रायल में 21वें स्थान और राजपूत 32वें स्थान पर रहे।
कमलप्रीत के पास मेडल जीतने का मौका
कमलप्रीत ट्रैक एंड फील्ड इवेंट के इतिहास के फाइनल में पहुंचने वाली 7वीं खिलाड़ी हैं। उनसे पहले सिर्फ 6 एथलीट ही ट्रैक एंड फील्ड की फाइनल में पहुंचे हैं। इसमें से 3 महिलाएं रही हैं। यह एथलीट हैं- कृष्णा पूनिया, पीटी ऊषा और अंजू बॉबी जॉर्ज। कमलप्रीत से पहले डिस्कस थ्रो में कृष्णा पूनिया 2012 ओलिंपिक के फाइनल में छठे नंबर पर रही थी।
शूटिंग में फिर हाथ लगी निराशा
शूटिंग में भारत को एक और निराशा मिली है। संजीव राजपूत और ऐश्वर्य प्रताप सिंह पुरुषों के 50 मीटर थ्री पोजिशन के फाइनल में प्रवेश करने में नाकाम रहे। ऐश्वर्य क्वालिफिकेशन राउंड में 21वें और संजीव 32वें स्थान पर रहे। थ्री पोजिशन राइफल में तीन राउंड होते हैं। खिलाड़ियों को 3 पोजिशन नीलिंग (घुटने के बल बैठना), प्रोन ( लेटकर) और स्टैडिंग (खड़े होकर) में निशाना लगाना होता है। हर राउंड में 40 शॉट्स होते हैं।
महिला हॉकी में अर्जेंटीना सेमीफाइनल में
महिला हॉकी के पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना ने जर्मनी को 3-0 से हरा दिया। इस जीत के साथ ही अर्जेंटीना सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली पहली महिला हॉकी टीम बन गई।
आखिरी स्थान पर रहीं दुती चंद
भारत की दुती चंद महिला 200 मीटर हीट-4 में आखिरी स्थान पर रहीं। हीट में उनकी पोजिशन 7वीं थी। इसी के साथ वह सेमीफाइनल में भी जगह बनाने में नाकाम रहीं।
भारत के अगले मुकाबले:
एथलेटिक्स
शाम 4:30 बजे: कमलप्रीत कौर, महिला चक्का फेंक फाइनल
घुड़सवारी
दोपहर 1:30 बजे: फवाद मिर्जा, इवेंटिंग जंपिंग व्यक्तिगत क्वालिफायर
शाम 5:15 मिनट: इवेंटिंग व्यक्तिगत जंपिंग फाइनल