बीसीसीआई ने वीवो से साझेदारी खत्म की:वीवो इस साल आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर नहीं होगा, बीसीसीआई ने करार खत्म किया, 2021 से 2023 तक के लिए नई डील हो सकती है
चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर है, जो सालाना 440 करोड़ रुपए देती थी वीवो के साथ 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट 2022 में खत्म होना था, जिसे एक साल के लिए रद्द कर दिया है
चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर नहीं होगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने गुरुवार को उसके साथ हुए करार को सस्पेंड कर दिया। बोर्ड ने एक लाइन का बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।
वीवो ने 2018 में 2190 करोड़ रुपए में 5 साल के लिए आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप डील हासिल की थी। यह करार 2022 में खत्म होना था। इस डील के तहत वीवो बीसीसीआई को हर साल 440 करोड़ रुपए देती है। अब बीसीसीआई नए टाइटल स्पॉन्सर के लिए टेंडर जारी करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईपीएल और वीवो के बीच अगले साल 2021 से 2023 तक के लिए नया करार हो सकता है।
आरएसएस समेत कई संगठन वीवो का विरोध कर रहे थे
आईपीएल इस साल यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक होना है। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही वीवो पर विवाद शुरू हो गया था। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ समेत कई संगठन आईपीएल का बायकॉट करने की बात कर रहे थे।
स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया था
संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा था, ‘‘जब से गलवान घाटी में हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं, तब से देशभर में चीन और उनकी कंपनियों के खिलाफ विरोध चल रहा है। ऐसे में आईपीएल के ऑर्गनाइजर्स ने चीनी कंपनी को स्पॉन्सर बना दिया। यह दिखाता है कि उनकी भावनाएं सही नहीं हैं। अगर जल्द ही करार को खत्म नहीं किया गया, तो हमारे पास आईपीएल का बायकॉट करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होगा।’’
गवर्निंग काउंसिल ने करार जारी रखने का फैसला किया था
रविवार को हुई आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में वीवो के साथ करार जारी रखने का फैसला किया गया था। इसके अगले दिन सभी फ्रेंचाइजियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें ज्यादातर फ्रेंचाइजियों ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई थी।
वीवो और बीसीसीआई अधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी
बीसीसीआई के सीनियर ऑफिसर ने मंगलवार को कहा था, ‘‘वीवो और बीसीसीआई अधिकारी (बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह) के बीच बातचीत हुई है। पूरी संभावना है कि वीवो एक साल के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप से हट जाए।’’
भारतीय बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा
पिछले तीन-चार साल में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों Xiaomi, Vivo, Oppo, Honor का दबदबा देखा गया है। इन कंपनियों के स्मार्टफोन्स को भारतीय बाजार में यूजर्स काफी पसंद कर रहे हैं। विज्ञापन इंडस्ट्री में भी चाइनीज ब्रैंड ओप्पो, शाओमी और वीवो का दबदबा है। ओप्पो का एडवरटाइजमेंट बजट 700 करोड़ रुपए सालाना है। शाओमी का 200 करोड़ रुपए का बजट है।
पिछले साल वीवो ने आईपीएल के स्पॉन्सर पर 2,190 करोड़ खर्च किए थे। वीवो से बीसीसीआई को करीब 440 करोड़ रुपए का मुनाफा होता है। आईपीएल के एक सीजन में चीन के टीवी ब्रांड का 127 करोड़ का बजट होता है।