IPL ने बदली भारतीय क्रिकेट की तस्वीर:2008 से 22% ज्यादा मैच जीती टीम इंडिया, BCCI की इनकम 273% बढ़ी; खिलाड़ियों को 12 गुना ज्यादा मिलने लगी फीस
घरेलू क्रिकेट में भी पैसा पहले की तुलना में बढ़ा है। 2006 में रणजी ट्रॉफी की मैच फीस 16 हजार रुपए थी। अब सभी तरह के भत्ते को मिलाकर खिलाड़ी को एक रणजी मैच से करीब 2 लाख रुपए तक मिलते हैं।
नई दिल्ली। IPL, यानी इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत के 13 साल पूरे हो रहे हैं। इसने दुनियाभर में क्रिकेट, क्रिकेटर्स और क्रिकेट बोर्ड पर बड़ा असर डाला है। अब ज्यादातर देश इसके हिसाब से अपना क्रिकेट कैलेंडर तैयार करते हैं। कई देशों के खिलाड़ियों ने तो खुलकर कहा कि अगर उनकी नेशनल टीम के मैचों की तारीखें IPL शेड्यूल से टकराएंगी तो वे IPL को ही तरजीह देंगे।
उम्मीद के मुताबिक IPL का सबसे ज्यादा असर भारतीय क्रिकेट, यहां के क्रिकेटर्स और यहीं के बोर्ड, यानी BCCI पर पड़ा है। वह भी पॉजिटिव। IPL से इनके प्रदर्शन, कमाई और रुतबे में कई गुना इजाफा हुआ है।
तो चलिए आज इसका हिसाब लगाते हैं कि दुनिया की इस सबसे बड़ी क्रिकेट लीग ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर को 13 साल में कितना बदल दिया…
तीनों फॉर्मेट में सुधरा टीम इंडिया का रिकॉर्ड
Humbled at the opportunity to lead the franchise I've been part of for the past few years! Thank you @RickyPonting , the coaching staff, management, my teammates and the fans for your faith in me. @DelhiCapitals : Let's do this! #IPL2021 pic.twitter.com/zeais9AGIO
— Rishabh Pant (@RishabhPant17) March 31, 2021
IPLसे पहले भारतीय टीम तीनों फॉर्मेट मिलाकर 38% मैच ही जीत पाई थी। इसके पहले सीजन यानी 2008 के बाद से भारत की मैच जीतने की दर 22% बढ़ गई है। तब से अब तक भारत ने 60% मैच जीते हैं। अब इसे तीनों फॉर्मेट में देखते हैं।
टेस्ट में जीत की दर 22% से 51% पर पहुंची
भारतीय टीम ने टेस्ट क्रिकेट में IPL शुरू होने से पहले 76 साल में 418 मैच खेले थे। इनमें से 94 मैच जीते थे, यानी महज 22%। लीग की शुरुआत से अब तक, यानी 13 साल में टीम इंडिया ने 132 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें से 68 मैच जीत लिए हैं, यानी 51% जीत।
वनडे में जीत की दर 47% से बढ़कर 62% हुई
अब वनडे की बात करते हैं। IPL से पहले भारतीय टीम ने 34 साल में 682 खेले थे। इनमें से 323 वनडे मैच जीते थे, यानी 47% जीत हासिल हुई थी। IPL की शुरुआत के बाद के 13 बरस में भारत ने 311 वनडे मैच खेले। इनमें से 193 मैच जीत लिए, यानी 62% जीत हासिल हुई।
टी-20 में 60% से 62% हुई जीत की दर
IPL शुरू होने से पहले से पहले भारत ने सिर्फ 10 टी-20 मैचे खेले थे। इसमें में से 6 टी-20 मैच जीत लिए थे, यानी 60% मैच में कामयाबी। IPL शुरू होने के बाद से अब तक 132 टी-20 मैच खेले हैं। इनमें से 82 मैच जीते हैं, यानी 62% मैच जीत रही है टीम इंडिया।
इस तरह साफ है कि IPL के बाद से तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता गया है।
इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ ने खत्म किया फियर फैक्टर
IPL में दुनियाभर के लगभग तमाम दिग्गज खिलाड़ी खेलते हैं। भारतीय खिलाड़ियों को करीब दो महीने तक उन्हें अच्छे से जानने-समझने का मौका मिलता है। देश के युवा खिलाड़ियों के लिए यह खास तौर पर फायदेमंद होता है। उन्हें इंटरनेशनल करियर की शुरुआत से पहले ही इंटरनेशनल एक्सपोजर मिल जाता है।
Quarantining and getting those reps in 💯 pic.twitter.com/FZZeNEei5K
— Jasprit Bumrah (@Jaspritbumrah93) March 30, 2021
आगे चल कर जब वे भारत की ओर से खेलते हैं, तो विपक्षी टीम के बड़े से बड़े खिलाड़ियों का सामना करने से घबराते नहीं। इसके साथ ही भारतीय थिंक टैंक को इंटरनेशनल सीरीज या टूर्नामेंट में विपक्षी टीम के खिलाफ स्ट्रैटजी बनाने में भी मदद मिलती है।
BCCI की 67% आय IPL से होती है
IPL की शुरुआत से पहले भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड था, लेकिन इस लीग ने BCCI और दुनिया के अन्य सभी बोर्ड के बीच का अंतर कई गुना बढ़ा दिया। आज भारतीय बोर्ड की 67% आमदनी IPL से होती है।
BCCI ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि 2019-20 में उसे कुल 3,730 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। इसमें से 2500 करोड़ रुपए IPL से हुई है। IPL की शुरुआत से ठीक पहले, यानी 2007 में BCCI को 1 हजार करोड़ रुपए की आय हुई थी। यानी तब से अब तक बोर्ड की आय 273% बढ़ चुकी है। वहीं, IPL से इतर होने वाली आय को देखें तो इसमें 13 साल में 23% की बढ़ोतरी ही हुई है।
2020-21 की रिपोर्ट अभी आई नहीं है। विशेषज्ञ कह रहे कि इस बार आमदनी पिछले सालों की तुलना कुछ कम देखी जा सकती है। 2020 में दुबई में हुआ था IPL।
IPL के बाद खिलाड़ियों की आय 1000% बढ़ी
IPL के जरिए बोर्ड की कमाई बढ़ी तो BCCI नेशनल कॉन्ट्रैक्ट पाने वाले खिलाड़ियों की फीस भी करीब 12 गुना तक बढ़ा दी है। 2007 में टॉप लेवल का कॉन्ट्रैक्ट पाने वाले खिलाड़ियों को सालाना 60 लाख रुपए मिलते थे। अब यह राशि 7 करोड़ रुपए हो गई है।
घरेलू क्रिकेट में भी पैसा पहले की तुलना में बढ़ा है। 2006 में रणजी ट्रॉफी की मैच फीस 16 हजार रुपए थी। अब सभी तरह के भत्ते को मिलाकर खिलाड़ी को एक रणजी मैच से करीब 2 लाख रुपए तक मिलते हैं। इसके अलावा BCCI ने 2012 में 100 या इससे ज्यादा फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके सभी खिलाड़ियों को 30-30 लाख रुपए दिए थे। 75 से 99 मैच खेलने वालों को 25 लाख और इससे कम मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 20 लाख रुपए दिए गए थे।