एक और हादसा: मुंबई के डोंगरी में चार मंजिला इमारत गिरी, 12 लोगों की मौत 5 बचाए गए, अभी भी दबे हुए हैं कई लोग

मुंबई के डोगरी इलाके में चार मंजिला इमारत का स्लैब गिर गया जिसमें चालीस से पचास लोगों के फंसे होने की आशंका है। मौके पर एनडीआरएफ की टीम राहत बचाव काम में जुट गई है।

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मुंबई के डोंगरी इलाके में केसरबाई नाम की चार मंजिला इमारत गिर गई। बीएमसी डिजास्टर सेल के मुताबिक 12 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि पांच लोगों को बचाया गया है। इमारत में करीब 50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। एनडीआरएफ टीम मौके पर राहत बचाव में जुटी हुई है। ताजा जानकारी के मुताबिक मलबे से एक बच्चे को बचाया गया है। एस ए मार्ग पर हादसे की शिकार केसरबाई बिल्डिंग बीएमसी की जर्जर इमारतों की लिस्ट में नहीं शामिल थी।

Mumbai Building Collapse

बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि अभी पुख्ता तौर पर मलबे में फंसे लोगों की संख्या के बारे में बता पाना मुश्किल है। लेकिन चालीस से पचास लोगों के फंसे होने की आशंका है। अभी मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की प्राथमिकता है। बिल्डिंग किस वजह से गिरी है इसके बारे में तत्काल कुछ कह पाना मुश्किल है। इस बीच हादसे के लिए आरोप -प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। बीएमसी ने इस हादसे के लिए प्राइवेट बिल्डर को जिम्मेदार ठहराया है।

 

केसरबाई बिल्डिंग हादसे में महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इमारत में 15 परिवार फंसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति करने से बेहतर है कि लोग पीड़ित परिवार के साथ आएं।

अधिकारियों का कहना है कि जो बिल्डिंग गिरी है वो जीर्णशीर्ण हालत में थी। एक तरीके से कह सकते हैं कि इमारत की बुनियाद कमजोर थी। अधिकारियों का ये भी कहना है कि जिस इलाके में यह हादसा हुआ है वहां पहुंचने में दिक्कत हो रही है। अब इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस के नेता अमीन पटेल ने कहा कि इस तरह के हादसे के लिए म्हाडा जिम्मेदार है। हालांकि अभी इस विषय पर सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि इस तरह के हादसे के लिए बीएमसी ही पूरी तरह जिम्मेदार है। बीएमसी के अधिकारी हर वर्ष कमजोर इमारतों का लेखाजोखा तैयार करते हैं। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहता है। एक हादसे के बाद दूसरे हादसे के लिए बीएमसी और राज्य सरकार को इंतजार रहता है। हर एक हादसे के बाद मंत्री,विधायक और अधिकारी इस तरह की समस्या से निपटने का दावा करते हैं। लेकिन आप खुद देख सकते हैं कि डोंगरी में क्या हुआ है।

 

एआईएमआईएम के विधायक वारिस पठान ने कहा कि यह राष्ट्रीय आपदा नहीं है। बल्कि मैन मेड हादसा है। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। देवेंद्र फणनवीस सरकार सिर्फ म्हाडा या बीएमसी पर दोष नहीं मढ़ सकती है। मौजूदा सरकार की यह प्रवृत्ति बन चुकी है कि वो हर हादसे की जांच की बात करती है। लेकिन नतीजा सिफर ही रहता है।

एआईएआईए के आरोपों पर बीजेपी नेता शायना एनसी ने कहा कि वो इस मुद्दे पर किसी तरह की राजनीति की बात नहीं करेंगी। हादसा क्यों और कैसे हुआ इसके लिए जांच जरूरी है। आप बिना तथ्यों को जाने फणनवीस सरकार पर निशाना नहीं साध सकते हैं। इस हादसे की गहराई से जांच की जरूरत है, निश्चित तौर पर इस संबंध में पुख्ता कार्रवाई होनी चाहिए।

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